प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतवासियों को वापस लाने के सम्बंध में चलाये जा रहे आपरेशन गंगा की समीक्षा करने के लिये एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस संदर्भ में यह आज प्रधानमंत्री की दूसरी बैठक थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी चौबीसों घंटे काम कर रही है, ताकि भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित हो सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चार वरिष्ठ मंत्रियों को अपने विशेष दूत के रूप में विभिन्न देशों में भेजने से फंसे हुये लोगों को निकालने के प्रयासों में तेजी आयेगी। यह कदम इस बात का परिचायक है कि सरकार इस मुद्दे को कितनी प्राथमिकता दे रही है।
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि यूक्रेन की सीमाओं की मानवीय परिस्थितियों से निपटने के लिये राहत सामग्री की पहली खेप कल यूक्रेन रवाना कर दी जायेगी।
भारत “वसुधैव कुटुम्बकम्” के सिद्धांत का पालन करता है, जिसका उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यूक्रेन में फंसे पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के लोगों की सहायता भी भारत करेगा। ये लोग भी सहायता मांग सकते हैं।