प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 15 दिनों में सूखा प्रभावित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठक की
प्रधानमंत्री ने राज्यों सेपेयजल की कमी, संरक्षण प्रयासों तथा विद्यमान जल संसाधनों का इष्टतम और सावधानीपूर्वक उपयोग करने की बात कही
राज्य फार्म तालाबों के निर्माण, सूक्ष्म सिंचाई अपनाने ओर कम पानी की ज़रूरत वाली फसलों की ओर अग्रसर होने के लिए एक बड़ा अभियान चलाएंगे
पीएम मोदी ने राज्यों से अपशिष्ट जल के पुन: चक्रण तथा अर्ध शहरी क्षेत्रों में कृषि के प्रयोजन के लिए इसके उपयोग को बढ़ावा देने को कहा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: राज्य सरकारें फसल कटाई प्रयोग की जांच करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करेंगी
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने सूखा प्रभावित राज्यों से अपील की है कि वे सूखा से लड़ने के लिए तुरंत कदम उठाएं और उसकी प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करें। उन्होंन ये बात आज संवाददाता सम्मेलन में कही।
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने राज्यों के साथ दो – दो घंटे बैठक कर इतनी गंभीरता दिखाई है और सूखे से जूझ रहे लोगों को तत्काल राहत देने के साथ - साथ अकाल, पानी एवं कृषि पर विस्तार पूर्वक चर्चा की।
कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले कई दिनों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सूखा प्रभावित राज्यों के मुख्य मंत्रियों के साथ अलग – अलग बैठक कर रहे थे । प्रधानमंत्री की आखिरी बैठक 17 मई को आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई। इसके पहले प्रधानमंत्री तेलंगाना, झारखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के मुख्य मंत्रियों के साथ बैठक कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।
ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।