एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष श्री ताकेहिको नकाओ ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए भाषण को प्रेरणादायक बताते हुए, इस भाषण के लिए प्रधानमंत्री की प्रशंसा की।
वो खासतौर से प्रधानमंत्री द्वारा बदलाव, कार्यालयों की साफ-सफाई, बेहतर समन्वय और नतीजों पर फोकर करने पर जोर देने से प्रभावित थे।
उन्होंने कहा कि वो एडीबी में भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि वो एक छोटा संगठन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सोच और एडीबी के अध्यक्ष की सोच समान है।
एडीबी के अध्यक्ष ने माना कि भारत में तेजी से विकास करने की काफी क्षमताएं हैं और इसमें एडीबी भारत की मदद करेगा। भारत की जनसंख्या ही उसका सबसे सकारात्मक पहलू है और दूसरे देशों में विनिर्माण की लागत बढ़ने के साथ ही भारत विनिर्माण को बढ़ावा देकर इस अवसर का लाभ उठा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में भूकंप के बाद पुनर्निमाण में एडीबी के साथ उनके अनुभव काफी अच्छे रहे हैं। वो चाहते हैं कि एडीबी भारत की प्रगति में साझेदार बने। वो चाहते हैं कि एडीबी अलग तरह से सोचे ताकि वो अपना असर छोड़ सके।
प्रधानमंत्री क्षेत्रीय संपर्क परियोजनाओं में एडीबी को प्राथमिकता देना चाहते है, जिससे पूरे क्षेत्र को मदद मिलेगी। उन्होंने ये भी कहा कि ये सहायता वर्तमान में दी जा रही सहायता के अतिरिक्त होना चाहिए।
प्रधानमंत्री चाहते हैं कि एडीबी बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त परियोजनाओं को प्राथमिकता दे और उनका सफल प्रदर्शन करे, जिसका तेजी से अनुकरण किया जा सके। एडीबी के अध्यक्ष ने कहा कि वो पूर्वी तटीय औद्योगित गलियारे में साझेदारी और स्मार्ट शहरों में मदद करने के बेहद इच्छुक हैं। वो ये भी चाहते हैं कि भारत की नियामक प्रणाली में सुधार किया जाए ताकि यहां व्यापार करना आसान हो।
प्रधानमंत्री ने एडीबी के अध्यक्ष ने कहा कि वो अगले वर्ष दोबारा आएं और तब उन्हें निश्चित रूप से कारोबार करने के सूचकांकों में सुधार दिखाई देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एफडीआई पर खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है और इसके लिए वो प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मेक इंन इंडिया’ सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि ये एक प्रतिबद्धता है और देश अपने कार्यों के द्वारा इस प्रतिबद्धात को प्रदर्शित करेगा।