Quoteभारत सरकार मछुआरों के सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठा रही है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteजीएसटी परिषद में लिए गए निर्णयों के परिणामस्वरूप देशवासियों की दिवाली पहले ही आ गई है: पीएम मोदी
Quoteजब नीतियां लोगों के हितो को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं, तो यह स्वाभाविक है कि लोग हमें समर्थन देंगे: प्रधानमंत्री
Quoteभारत का आम नागरिक चाहता है कि विकास का फल उन तक पहुंचे: प्रधानमंत्री मोदी

विशाल संख्‍या में पधारे हुए मेरे प्‍यारे भाईयो और बहनों

आज मैंने द्वारका का मूड ही कुछ और देखा, चारो तरफ उत्‍साह, उमंग, जैसे एक नई चेतना द्वारका में मैं अनुभव कर रहा हूं। मैं द्वारकावासियों का ह्दय से अभिनंदन करता हूं। उनका धन्यवाद करता हूं। आज द्वारिका नगरी में जिस काम का आरंभ हो रहा है वो सिर्फ बैट द्वारिका में पहुचने के लिए एक सिर्फ बृज नहीं हैं। सिर्फ एक ईंट, पत्‍थर, लोहे से बनने वाली एक structural व्‍यवस्‍था है ऐसा नहीं है। ये बृज बैट द्वारिका की सांस्‍कृतिक विरासत के साथ उस हजारों साल पुराने नातों को जोड़ने की कड़ी के रूप में आज उसका कार्य हो रहा है।

जब भी मैं बैट आया करता था। और वहां के बृज को देखता था। निर्मल जल देखता था। tourism की अपार संभावनाएं देखता था। लेकिन भारत सरकार की तरफ से, आप तो जानते हैं भूतकाल में भारत सरकार का गुजरात के प्रति प्‍यार कैसा था। कितनी कठिनाइयों से हम समय बि‍ताते थे। मुझे बराबर याद है। जब बैट के लोगों की मैं स्थिति देखता था। सूरज ढलने से पहले ही सारे काम पूरे करने पड़ते थे। रात को आवागमन बंद हो जाता था। और वो भी पानी के मार्ग से ही आना-जाना पड़ता था। मजबूरन जिंदगी गुजारनी पड़ती थी। अगर कोई अचानक बीमार हो जाए और उसे अस्‍पताल पहुंचाना है और अगर वो रात का समय हो तो कितनी दिक्‍कत होती थी वो मेरे बैट के प्‍यारे भाई-बहनें भली-भांति जानते है और इसलिए एक ऐसी व्‍यवस्‍था जो देशभर से आने वाले यात्रियों के लिए एक बहुत बड़ी सौगात हो।

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एक ऐसी व्‍यवस्‍था जो बैट के नागरिकों के लिए जो सामान्‍य उनकी जरूरतें हैं उनको पूरे करने वाली हो। एक ऐसी व्‍यवस्‍था जो बैट से जुड़े हुए समुद्री तट के beach को एक बहुत बड़े tourism के क्षेत्र के रूप में विकसित करने की संभावनाओं को बल दें। और अगर एक बाद यात्री आए तो ठाकुर जी के चरणों में सर झुकाकर के भाग जाए। तो उससे द्वारका की economy को ज्‍यादा लाभ नहीं होता। लेकिन अगर वो रात को रूकता है। दो दिन रूकता है तो हजार दो हजार रूपये खर्च करता है। तो द्वारका की आर्थिक व्‍यवस्‍था में गरीब से गरीब को रोजगार मिलता है। लोग द्वारिका आते हैं वो भगवान द्वारिकाधीश की कृपा से। लेकिन लोग द्वारिका में रूकेगें वो अगर हम व्‍यवस्‍थाएं खड़ी करेगें तो रूकेगें। और इसलिए हमनें विकास को वो प्राथमिकता दी है। जहां यात्री आएं, उनको रूकने का मन कर जाए। एक दो दिन बिताने का मन कर जाए। समुद्र की लह‍रों के सामने शाम बिताने का मन कर जाए। ढलते हुए सूरज को देखकर के मन प्रफुलित हो जाए। ये वातावरण पैदा करने के लिए निरंतर ये सरकार प्रयास कर रही है।

आज से आठ-दस साल पहले के द्वारिका की कल्‍पना कीजिए और आज के द्वारिका की कल्‍पना कीजिए। कितना बदलाव आया है। और tourism एक कोने में विकास होने से नहीं होता है। उसको connectivity चाहिए। एक से दूसरा, दूसरे से तीसरा, तीसरे से चौथा जुड़ा हुआ होना चाहिए। सारी दुनिया Gir lion देखने के लिए आ जाती है। लेकिन अगर Gir lion देखने के बाद पोरबंदर और द्वारिका जाने के लिए अगर छ: लाइन, चार लाइन, दो लाइन के बड़े रोड मिल जाते हैं। तो यात्री को सुविधा रहती है। tourist का मन ललचाता है। और जो Gir lion देखने आएगा। वो द्वारिकाधीश के चरणों में भी आएगा। ये स्थिति पैदा होनी चाहिए। और जो द्वारिकाधीश के चरणों में आएगा उसको भी गीर के शेर देखने का मन कर जाए ऐसी व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। और इसलिए भारत सरकार ने नेशनल हाईवे का नेटवर्क उस प्रकार से बनाने की दिशा में modification किया है। कि रोड तो बने, सुविधा तो बने, गति तो आए लेकिन साथ-साथ आर्थिक गतिविधि के साथ उसका सीधा नाता होना चाहिए। उस व्‍यवस्‍था से आर्थिक गतिविधि को ताकत मिलनी चाहिए।

आज जो नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण का काम है। घणुतक और जब भी मैं घणु को याद करता हूं तो मेरे मेरे बच्‍चों का याद आ जाता हैं। बहुत पुराने हमारे कार्यकर्ता हैं। किसान लेकिन उनको इन सारी बातों का विचार उनके मन में रहा करता था। कि ऐसा किया जाए तो अच्‍छा होगा, ऐसा किया जाए अच्‍छा होगा। वो लगातार सोचते रहते थे। आज उस घणु तक इस रोड को, कि चौड़ाई की दिशा में नेशनल हाईवे के लिए एक भारी मात्रा में हम खर्च करने जा रहे हैं। आज इस एक कार्यक्रम में और एक जिला मुख्‍यत: और वैसे जामनगर जूनागढ़ जिले को जोड़ता हुआ पोरबंदर जिले को जोड़ता हुआ करीब-करीब छ: हजार करोड़ रूपयों की लागत का project आप कल्‍पना कर सकते हैं। वो दिन याद कीजिए जब माधव सिंह सोलंकिया मुख्‍यमंत्री हुआ करते थे। तो अखबार में पहले पन्‍ने पर एक तस्‍वीर छपी थी। वो तस्‍वीर मुझे आज भी याद है तब तो मैं राजनीति में नहीं था। मैं सामाजिक क्षेत्र में काम करता था। जामनगर में, जामनगर या जामनगर जिले में एक पानी की टंकी का उद्घाटन करने के लिए उस समय के मुख्‍यमंत्री मांधव सिंह आए थे। अब ये उस समय की सरकारों की कल्‍पना और आज ये सरकार की कल्‍पना देखिए कि कैसा बृज बनाते हैं, कैसे रोड बनाते हैं। एक पानी की टंकी का उद्घाटन करके पूरे पेज के advertisement के अंदर आप पहले पेज पर तस्‍वीर छपना उनके लिए विकास की सोचने की सीमा भी इतनी मर्यादित थी।

दुनिया बदल चुकी है और इस बदली हुई दुनिया में विकास को नई ऊंचाईयों पर ले जाना हर भारतीय दुनिया के सामने सीना तान के खड़ा हो सके। ऐसा हिन्‍दुस्‍तान बनाने का सपना हर हिन्‍दुस्‍तानी का है। ये सपना सिर्फ नरेन्‍द्र मोदी का नहीं है। सवा सौ करोड़ देशवासियों का सपना है। मैं तो सिर्फ आपके सपनों को रंग भरने के लिए उसको चरितार्थ करने के लिए प्रयास कर रहा हूं। मेहनत कर रहा हूं। अभी नितिन जी बता रहे थे। blue economy के संबंध में एक ऐसा क्षेत्र है। कि जो सामुद्रिक संपदा को गुजरात की ओर देश की अर्थव्‍यवस्‍था में एक बहुत बड़ी ताकत देने का सामर्थ्‍य है। 1600 किलोमीटर का समुद्री तट गुजरात के पास है। हमारे मछुआरे भाई-बहन समुद्री तट पर रहते हैं। blue economy की पूरी संभावना हमारे समुद्री तट पर है। हम बंदरों का विकास करना चाहते हैं लेकिन हम बंदर आधारित विकास भी करना चाहते हैं। हम वो infrastructure बनाना चाहते हैं कि जो बंदरों को रोड से जोड़, रेल से जोड़े, हवाई पटरी से जोड़े, ware housing, cold storage हो दुनिया के बाजार में भारत के किसानों द्वारा उत्‍पादित चीजें विश्‍व के बाजार में कम से कम समय में पहुंचे। देश के किसान को ज्‍यादा से ज्‍यादा कीमत मिलें। इसके लिए इन व्‍यवस्‍थाओं को विकसित करने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। हमनें एक योजना बनाई है। और वो भी मेरे मछुआरे भाईयो-बहनों के लिए और blue economy के तहत बनाई है। और वो योजना है आज हमारा मछुआरा, माछीमार जिसके पास छोटी-छोटी बोट है। वो लेकर के समुद्र में फिशिंग के लिए जाता है। दस बारह नोटीकल माइल्‍स से आगे जा नही पाता है और इतने इलाके में जितनी चाहिए उतनी मात्रा में उसको मछली मिलती नहीं है। वो घंटों तक मेहनत करता है फिर बाद में आधा-अधूरा भरकर के वापिस आ जाता है। क्‍या मेरे माछीमार भाई-बहनों को ऐसी जिंदगी जीने के लिए मजबूर कंरू। क्‍या मैं उनको उनके नसीब पर छोड़ दूं। क्‍या मेरे माछीमार भाई-बहनों को जिंदगी में आगे बढ़ने की इच्‍छा नहीं होती क्‍या? क्‍या मेरे माछीमार भाई-बहनों को अच्‍छी शिक्षा-दीक्षा देने का मन नहीं करेगा क्‍या? क्‍या मैं मेरे माछीमार भाई-बहनों को झुग्‍गी-झोंपड़ी वाली जिंदगी से बाहर निकल करके अच्‍छी जिंदगी जीने का मन करेगा कि नहीं करेगा। अगर वो करना है तो उसकी आर्थिक ताकत बढ़ानी पड़ेगी। उसका empower करना पड़ेगा। उसका सशक्तिकरण करना पड़ेगा। और इसलिए हम एक ऐसी योजना लाए कि कुछ मछुआरे भाई-बहन हमारे इकट्ठे हो जाएं, माछीमार भाई-बहन हमारे इकट्ठे हो जाएं। सरकार उनको लोन देगी। कम ब्‍याज से लोन देगी। और डेढ़ करोड़, दो करोड़ की बड़ी बोट वो ला सके। उसका प्रबंध करवाएगी। और अगर वो डेढ़ करोड़, दो करोड़ की बड़ी बोट रखेगा तो दस-बारह नोटिकल माइल्‍स से भी अंदर समुद्र में जा करके वहां तो समुद्र के भीतर भी मछलियों का सागर होता है। deep see में वो अगर वहां चला जाएगा, जो काम उसको तीन दिन में करना होता है वो आधे-एक में पूरा करके के तीनगुणा चारगुणा कमाई करने वाली व्‍यवस्‍था करके अपने किनारे पर वापिस आ सकता है। और उसमें cold storage समेत सभी व्‍यवस्‍था रहे। इस प्रकार का प्रबंध हम हमारे माछीमारों को ये व्‍यवस्‍था देना चाहते हैं। हर माछीमार भाई इसका फायदा उठा सके इसके लिए हम इसको आगे बढ़ा रहे हैं। जो माछीमार की जिंदगी बदलेगा कंडला पोर्ट कहो जिस प्रकार से उसका ग्रोथ हुआ है।

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जब मैं गुजरात का मुख्‍यमंत्री था तब भी कंडला पोर्ट था। और हालत क्‍या थी वो मुझे पूरा पता है। हम भारत सरकार को कहते थे इसको प्राथमिकता दीजिए। एक अवसर है। लेकिन उनकी लिस्‍ट में कंडला बंदर नहीं था। जब से भारत सरकार में हमें काम करने का अवसर मिला है। हमनें गुजरात के बंदरों के विकास पर भी उतना ही ध्‍यान दिया है और जिसके कारण आज कंडला का ग्रोथ पिछले 25 साल में नहीं हुआ। इतना ग्रोथ तेजी से आज कंडला का हो रहा है। और उसके कारण लोगों को रोजी-रोटी मिलती है। हमारा अलंग कितने सालों से अलंग की शिकायत रहती थी। अलंग के विकास की चर्चा रहती है। अलंग के hygiene की चर्चा रहती है। भावनगर का अलंग एक प्रकार से दुनिया में हमारी पहचान भी था। लेकिन साथ-साथ environment के नाम पर सैंकड़ों सवालिया निशान भी थे। राष्‍ट्रीय अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थाएं नई-नई सवाल उठाती रहती थीं। ये भारत सरकार का दायित्‍व था कि उसमें कुछ चिंता करे मदद करे। अलंग में काम करने वाले मजदूरों की जिंदगी में कुछ बदलाव आए उसके लिए कुछ करे। लगातार कोशिश करने के बाद भी उस समय की भारत सरकार की नींद मैं नहीं उड़ा पाया। लेकिन आज जब हमें सेवा करने का मौका मिला है। तो हमनें भी जापान के साथ, लोगों को जापान सिर्फ बुलेट ट्रेन के लिए याद रहता है। वो लोग भूल जाते हैं कि जापान के साथ हम अलंग के विकास के लिए भी बड़ी योजना बना कर के आगे बढ़ रहें हैं। और उसके कारण अलंग के मेरे मजदूर भाईयो-बहनों की जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है।

ये जो बदलाव की दिशा हमनें पकड़ी है। विकास को जो नए-नए क्षेत्रों में सामान्‍य मानवी के जीवन में बदलाव के लिए हम कोशिश कर रहे हैं। उससे ये परिणाम आने वाला है। मांगरोल और वेरावल हमारे परंपरागत फिशिंग हब रहे हैं। अभी भारत के हमारे राष्‍ट्रपति जी आए थे। मैं उनका बहुत आभारी हूं। कि उन्‍होंने मांगरोल के अंदर इस काम को गति देने का एक बहुत बड़ा शिलान्‍यास किया बहुत बड़ी योजना को आकार दिया है। ये फिशिंग हब आने वाले दिनों में इस पूरे बैट के हमारे मतस्‍य उद्योग के लिए एक बहुत बड़ी नई ताकत के रूप में उभरने वाला है। इस पूरा हमारा समुद्रीतट blue economy के द्वारा, tourism की economy के द्वारा infrastructure के द्वारा आगे बढ़ रहा है। उसके साथ-साथ human resource development मानव संसाधन विकास।

मैं गुजरात वासियों से एक भेंट सौगात देने की आज घोषणा करना चाहता हूं। ये सिर्फ गुजरात को नहीं हिन्‍दुस्‍तान को काम आने वाली बात है। लेकिन हमारे समुद्री तट पर होगा और देव भूमि द्वारिका में होगा। हमारे समुद्री तट की सुरक्षा के लिए मरीन पोलिस एक ऐसा क्षेत्र है कि जिसको भारत बहुत ही आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। सामान्‍य पुलिस से वहां की ट्रेनिंग अलग होगी क्‍योंकि समुद्र में, समुद्री तट पर पांच किलोमीटर की पूरी सुरक्षा की व्‍यवस्‍था से वो जुड़े होंगे तो ऐसे देश भर के marine police training के institute research institute देश की सबसे बड़ी और सबसे पहली institute ये देव भूमि द्वारिका में मोजप के पास बनाई जाएगी। देश भर से जैसे जामनगर कें अंदर हवाई अड्डे पर हमारी एक training institute है। air force के लिए देश भर से लोग उसका लाभ लेते हैं। उसी प्रकार से ये देव भूमि द्वारिका में ये marine police institute हिन्‍दुस्‍तान भर के पुलिस के लोगों की ट्रेनिंग का और ये भी अपने आप में एक ऐसी institute जहां हजारों लोग रहते होंगे, आना-जाना चलता होगा। कितनी बड़ी आर्थिक व्‍यवस्‍था भी इसके साथ जुड़ी होगी। इसका आप भली-भांति अंदाज कर सकते हैं।

भाईयो-बहनों आप सब दीवाली की तैयारियों में लगे हुए हैं। और गुजरात में दीवाली का पर्व बड़ा विशेष होता है। व्‍यापारियों के लिए और विशेष होता है। और मैंने आज देशभर के अखबार देखे उसमें हेडलाइन है कि दीवाली पंद्रह दिन पहले आ गई है। चारों तरफ एक दीवाली का माहौल बन गया है। जब कल हमनें जीएसटी के लिए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण निर्णय किए। और हमनें पहले दिन कहा था कि एक बार लागू करने के बाद तीन महीने उसका अध्‍ययन करेंगें और तीन महीने में जहां-जहां दिक्‍कतें आती हैं। व्‍यवस्‍था की कमियां होंगी, technology की कमियां होंगी। नियमों की कठिनाईयां होंगी। रेट के समझ में शिकायतें होंगी, व्‍यापारी आलम के practical अनुभव में दिक्‍कत आती होगी। क्‍योंकि हम नहीं चाहते हैं कि देश का व्‍यापारी आलम रेड टैपिजाम में फंस जाए। फाइलों में फंस जाए, बाबूओं, साहबलोगगिरी फंस जाए। ये हम कभी हिन्‍दुस्‍तान में नहीं चाहेंगे। और इसलिए तीन महीने में जो भी जानकारी आई उसके आधार पर कल हमारे वित्‍त मंत्री जी ने जीएसटी काउंसिल में सबको मनवा करके बहुत बड़े अहम फैसले लिए और मुझे खुशी है। कि एक-एक स्‍वर में हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में इसका स्‍वागत हुआ है और यही तो देश की ताकत है। जब एक सरकार पर विश्‍वास होता है। नियमों के पीछे ईमानदारी नजर आती है। तो देश कठिनाईयों के बावजूद भी जी-जान से साथ जुड़ जाता है। वो मैं अनुभव कर रहा हूं। और इसलिए मैं देशवासियों का आभारी हूं। कि जीएसटी में जो हमने और अधिक simple tax को और अधिक simpler करने का प्रयास किया है। उसका जो स्‍वागत हुआ है। उसके लिए मैं उनका आभार और अभिनंदन व्‍यक्‍त करता हूं।

द्वारका के भाईओ और बहनो,

भूगर्भ में श्रीकृष्ण की द्वारका, देशवासियों और दुनिया के लोगो की इच्‍छा थी कि महासागर के अंदर जाकर मूल द्वारका थी उसका स्पर्श करके पावन हो जाये| मैनें कुछ निष्णात विद्वानों  को इस कार्य को शक्य बनाने के लिये कार्य सुपरत किया है| भगवान श्रीकृष्ण जहां रहे, जहां  से शासन किया, उस प्राचीनतम नगर के पत्थर को स्पर्श करके वापस आ सके| फिर देखें, पूरा हिंदुस्तान यहां द्वारका में कतार में खडा पायेंगे |

विकास सिर्फ बातों से नहीं होता| इसके लिये दृष्‍टि चाहिये, दीर्घदृष्टि!  इसके लिये संकल्प चाहिये और संकल्प का साकार करने के लिये, चरितार्थ करने के लिये जी-जान से कर्म करना पडता है, पूरी ताकत लगा देनी पड़ती है | और आज देश के किसी भी कोने में सामान्य नागरिक की हमारी सरकार में आस्था है, हमसे अपेक्षा है कि विकास हो, विकास के लाभ उन तक पहुंचे| वो चाहते हैं कि उनकी भावी पीढ़ियां गरीबी के विषचक्र में फंस न जाये, गरीबी में जिंदगी बसर न करनी पडे| हमारा प्रयास है कि भले वर्तमान पीढी गरीबी में जिंदगी जीने के लिये मजबूर हो, पर उनके संतानो को गरीबी में जिंदगी बसर न करनी पडे| इस प्रकार की विकास यात्रा आज चल रही है और हम विकास के नये मापदंड बना रहे है| आज पूरे विश्व का ध्यान भारत ने आकर्षित किया है| दुनिया के लोग यहां मूडीरोकाण करने के लिये आगे आये हैं और इसके परिणामस्वरुप देश के नौजवानों के लिये रोजगारी की नए नए अवसर पैदा होंगे| इससे देश के किसानों के जीवन में परिवर्तन की संभावना पैदा हुई है| गुजरात के गांव सक्षम बने इसके लिये अलग-अलग किस्म की पहल हो रही है| विकास की इस सफर में गुजरात आज महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है, देश के विकास में गुजरात आज बडी जिम्मेदारी निभा रहा है और इसके बदले मैं गुजरात के कोटि-कोटि जन को वंदन करता हूं, उनका शुक्रिया अदा करता हूं एवं गुजरात सरकार को भी इस विकास प्रक्रिया को और आगे बढाने के लिये सहृदय शुभेच्छा दे रहा हूं।

जय द्वारकाधीश।

जय द्वारकाधीश।

जय द्वारकाधीश।

  • krishangopal sharma Bjp January 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌹🌷
  • सम्पत बीसला April 09, 2024

    400 पार भाजपा सरकार
  • सम्पत बीसला April 09, 2024

    अबकी बार फिर से मोदी सरकार
  • सम्पत बीसला April 09, 2024

    तीसरी बार फिर से मोदी सरकार
  • सम्पत बीसला April 09, 2024

    जय जय श्री राम
  • Jyoti Khandelwal February 26, 2024

    🙏
  • Himanshu February 25, 2024

    Honourable Prime Minister Shri Narendra Modi Ji Jay Bharat Sir as per your public speech, we know that you are also belongs to OBC or SEBC community. It is a very proud movement that one poor community person becomes a Prime Minister of India. I have registered various request and their registered numbers are (1) MOLBR/E/2023/0053174 dated 01-06-2023; (2)MOLBR/E/2023/0059536 dated 19-06-2023; (3) MOLBR/E/2023/0125742 dated 19-12-2023; (4) MOLBR/E/2023/0001650 dated 04-01-2024 and (5) PMOPG/D/2024/ 0028547 dated 05-02-2024 at Prime Minister office portal for effective compliance of reservation policy in the Maharaja Sayajirao university of Baroda with true spirits. I have found that the concern Gujarat government offices and the Maharaja Sayajirao university of Baroda officers are not ready to comply the reservation policy for a well being of deprived section of the society like SC, ST and SEBC/OBC. However, with heavy heart I am informing you that the Maharaja Sayajirao University of Baroda authorities are not agreed to comply reservation policy in appointment of temporary or contractual teachers and creating injustice with eligible poor community teachers. Sir, this is my humble request to you for compliance of reservation policy with true spirit in the Maharaja Sayajirao University of Baroda. Regards Jay Bharat🙏🏻
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp December 09, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो
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प्रधानमंत्री ने भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर बधाई दी
March 09, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम को आज आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया:

"एक असाधारण खेल और एक असाधारण परिणाम!

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए हमें अपनी क्रिकेट टीम पर गर्व है। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। इस शानदार प्रदर्शन के लिए हमारी टीम को बधाई।"