राजस्थान अपनी परंपरा के अनुरूप, अपनी संस्कृति के अनुरूप, किस प्रकार स्वागत करता है, कैसे सत्कार और अपनापन देता है, इसकी साफ-साफ झलक मैं अनुभव कर रहा हूँ । राजस्थान की जमीन की क्या सच्चाई है, जन का क्या मत है, ये इस विशाल मैदान में हर किसी को दिखाई देता है। राजस्थान निरंतर ऐसे ही हम सब पर अपना स्नेह बरसाता रहा है। आपके इस आशीर्वाद के लिए मैं ह्रदय से आभारी हूं और इस वीरों की धरती को नमन करता हूँ |
साथियों, राजस्थान में शक्ति और भक्ति का संगम है। महाराणा प्रताप के साहस, महाराजा सूरजमल के शौर्य, भामाशाह के समर्पण, पन्ना धाय के त्याग, मीराबाई की भक्ति, हाडी रानी के बलिदान, अमृता देवी के आत्मोसर्ग की गाथाएं यहां के जन जीवन का हिस्सा हैं। गगन चुंबी किले, सुनहरे धोरे, रंग-बिरंगी पगड़ियां, मीठी बोली, सुरीले गीत और मर्यादित रीत यही तो राजस्थान की पहचान है। प्रकृति की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से लोहा लेते हुए अन्न उत्पादन हो, या फिर राष्ट्र रक्षा की चुनौती, राजस्थान सदियों से इस देश को प्रेरणा देता रहा है।
भाइयों और बहनों, बीते चार वर्षों से राजस्थान दोगुनी शक्ति के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। केंद्र और राजस्थान की सरकारें मिलकर आप सभी के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए प्रयास कर रही हैं। 21 सौ करोड़ से अधिक की 13 योजनाओं का शिलान्यास करने का अवसर मिला । उदयपुर, अजमेर, कोटा, ढोलपुर, नागौर,अलवर, जोधपुर, झालावार, चित्तौड़गढ़, किशनगढ़,
सुजानगढ़,बीकानेर, भीलवाड़ा, माउंट आबू, बूंदी और बीवर से जुड़े इन प्रोजेक्ट्स पर काम शुरु हुआ है।
ये सारे प्रोजेक्ट राजस्थान के शहरों और कस्बों में बेहतर और Smart सुविधाओं के निर्माण से जुड़े हैं।
ट्रैफिक जाम से मुक्ति का समाधान हो या फिर सीवेज की बेहतर व्यवस्था, ये सारे प्रोजेक्ट्स इन सभी शहरों में जीवन को सुगम बनाने वाले हैं।
साथियों, चार वर्ष पहले की स्थिति आप भूले नहीं होंगे। और मैं राजस्थान के लोगों से आग्रह करूँगा चार साल पहले की कौन सी स्थितियाँ थी किन परिस्थितियों में वसुंधरा जी को कारोबार संभालना पड़ा , पिछली सरकार राजस्थान में कैसे हाल छोड़कर गयी थी , उन बातों को कभी भूलना मत ,तब जाकर के पता चलेगा कि आज काम कैसे हो रहा है | किस प्रकार राजस्थान में सिर्फ नेताओं के नाम के पत्थर लगाने की होड़ मची हुई थी। बाड़मेर में अब जो रिफाइनरी बन रही है, उसके साथ क्या क्या हुआ था, ये राजस्थान का बच्चा-बच्चा जानता है | आज इस रिफाइनरी पर तेज गति से काम चल रहा है। ये इस सरकार के काम करने का तरीका है जिसमें न चीजें अटकती हैं, न भटकती हैं। चाहे केन्द्र की सरकार हो या राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार हमारा एकमात्र एजेंडा रहा है और वो है विकास , विकास और विकास। देश के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को अधिक से अधिक सरल, स्वस्थ, सुरक्षित और सुगम बनाने का काम एक के बाद एक योजनाओं के द्वारा हम करते चले जा रहे हैं। सरकार की योजनाओं का कितना लाभ आप सभी तक पहुंचा है ये जानने और समझने का और उसमें सुधार की कोशिश भी लगातार जारी है, ये हमारा प्रयास है। कुछ समय पहले आपमें से ही कुछ लाभार्थियों ने अपने जीवन में आए बदलाव के बारे में बताया है। यहां न सिर्फ केन्द्रीय योजनाएं बल्कि राज्य सरकार की योजनाओं जुड़े लाभार्थी भी अपनी बात बता रहे थे। राजश्री योजना के तहत जिन मेधावी बेटियों को स्कूटी मिली है, पालनहार योजना के तहत जिन बच्चों को लाभ हुआ है ,जिन बुजुर्गों को तीर्थ योजना का लाभ मिला है, इन सबकी आँखों में जो चमक दिखी, जो विश्वास दिखा, उसे कोई व्यक्ति भूल नहीं सकता है और मैं वसुंधरा जी को इस कल्पना के लिये बधाई देता हूं।
ये ठीक है, एक वर्ग है जिनको भारतीय जनता पार्टी का नाम सुनते ही उनकी नींद खराब हो जाती है। मोदी का या वसुंधरा जी का नाम सुनते ही उनको बुखार चढ़ जाता है। उनको ऐसे कार्यक्रमों से नफरत होती है, लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि जब लाभार्थियों के मुंह से राजस्थान का सामान्य नागरिक जानता है तो उसको भी पता चलता है कहाँ ये योजना है और मैं भी जाकर के इसका लाभ ले सकता हूं या ले सकती हूं। एक प्रकार से योजनाएं उसके कारण सिर्फ कागज़ पर अटक नहीं जाती है, वो जन-जन तक पहुंचती है। इसके कारण सरकारी मशीनरी पर एक दबाव पैदा होता है, जनता जनार्दन का दबाव पैदा होता है, लोगों में जागरूकता आती है और उसके कारण किसी क्षेत्र में अगर अफसर ढीला ढीला काम करता होगा तो उसको भी अब दौड़ना पड़ता है और इसलिये इस कार्यक्रम के द्वारा सरकार का प्रचार जितना है उससे ज्यादा लाभार्थियों में जागरूकता का बहुत बड़ा काम हुआ है और मैं चाहूंगा कि लाभार्थी बार-बार सब जगह पर बताएं ताकि और जो छूट गएं हैं वो लाभ लेने के लिये आगे आएं।
साथियों , बीते चार वर्षों में जो भी कार्यक्रम बने हैं, उनके केन्द्र में हमारा गरीब, शोषित , पीड़ित , वंचित, दलित, आदिवासी ,हमारा किसान, हमारी माताएं-बहनें वे इसके केन्द्र बिंदु में हैं। सरकार, 2022 तक जब आजादी के 75 साल होंगे, किसान की आय दोगुना करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है और इसी धरती के संतान मेरे साथी, गजेंद्र सिंह शेखावत ,कृषि विभाग को आगे बढ़ाने के लिये काम कर रहे हैं। मुझे याद है तीन साल पहले जब सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम को शुरु करने का अवसर आया तो इसका शुभारंभ राजस्थान के सूरजगढ़ से हुआ था। तब सरकार ने लक्ष्य रखा था कि इस समय तक 14 करोड़ सॉयल हैल्थ कार्ड बांटने का इरादा था और मुझे खुशी है ये वादा हमने पूरा किया और अब तक देश में 14 करोड़ 50 लाख से ज्यादा सॉयल हैल्थ कार्ड किसानों को दिये जा चुके हैं । राजस्थान में भी करीब-करीब 90 लाख किसानों को ये कार्ड मिले हैं। इन कार्डों की वजह से वैज्ञानिक तरीकों से खेती और आसान हुई है और इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ा है। आपने देखा होगा , अनेक वर्षों के बाद देश में बम्पर क्रॉप हुआ है। साथियों ,ये भी सुखद संयोग है कि जब सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत का डेढ़ गुना करने का अपना वादा पूरा किया है तो भी सबसे पहले मुझे सार्वजनिक कार्यक्रम राजस्थान में करने का अवसर मिला है।
इस बार जो बाजरा, ज्वार या दाल आप उगाएंगे, उसके लिये आपको लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिलेगा। साथियों मैं विशेषकर राजस्थान के किसानों को विस्तार से इस बारे में बताना चाहता हूं। एक क्विंटल बाजरा की अनुमानित लागत करीब 990 रुपये होती है , अब सरकार ने एमएसपी बढ़ाकर 1950 रुपये कर दिया। पहले 990 लागत और अब 1950 रुपये मिलेगा, यानी करीब-करीब लागत का दोगुना। इसी तरह ज्वार का लागत मूल्य करीब 1620 रुपये है जिसके लिये एमएसपी अब 2430 रुपये का दिया गया है। मक्के के भी लागत प्रति क्विंटल करीब 1130 रुपया आंकी जाती है, इसके लिये भी एमएसपी अब 1700 रुपये कर दिया गया है। मूंग का लागत मूल्य भी 4650 रुपया आंका जाता है, जिसके लिये एमएसपी को बढ़ाकर करीब-करीब 7000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा चाहे तूर दाल हो, उड़द हो, सोयोबीन हो, धान हो सभी में सरकार ने लागत का डेढ़ गुना मूल्य सुनिश्चित किया है। इतना ही नहीं केन्द्र सरकार राज्य सरकारों से लगातार संवाद कर ये भी सुनिश्चित कर रही है कि फसलों की खरीदारी के लिये प्रभावी प्रबंध किये जाएं। यहां वसुंधरा जी की सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसान के पसीने की एक-एक बूंद का सम्मान हो। मुझे बताया गया है इस बार लगभग साढ़े ग्यारह हजार करोड़ की उपज सरकार खरीद चुकी है।
साथियों, सरकार बीज से लेकर बाजार तक की पूरी व्यवस्था पर काम कर रही है। किसानों के लिये भी योजनाएं इन चार वर्षों के दौरान बनी है। वसुंधरा जी की सरकार उनको भी पूरी क्षमता से लागू करने में जुटी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक यहां किसान भाइयों को ढाई हजार करोड़ से अधिक का क्लेम दिया जा चुका है। साथियों , गरीबी से लड़ने के लिये जो पहले के तौर तरीके थे उनसे हटकर भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने गरीब के सशक्तिकरण और विकास में उसकी भागीदारी का रास्ता अपनाया है। इसके स्पष्ट परिणाम दिखने लगे हैं। दुनिया की एक नामी संस्था की हाल ही में एक रिपोर्ट आई है इसमें कहा गया है कि भारत में बीते दो वर्षों में लगभग पांच करोड़ गरीबी के कुचक्र से बाहर निकल गए हैं। पांच करोड़ लोग गरीबी से मुक्त हुए हैं। साथियों गरीबी से मुक्ति के मार्ग पर जो देश अग्रसर हुआ है। उसका कारण है साफ नीयत-सही विकास । आप सभी देश के सवा सौ करोड़ लोगों का सहयोग इस सरकार को मिल रहा है। आपके सहयोग का ही ये परिणाम है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत राजस्थान में लगभग 80 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है।
इस दौरान देश में जो लगभग 32 करोड़ गरीबों के बैंक में जो खाते खुले हैं उनमें से ढाई करोड़ से अधिक जनधन खाते राजस्थान में खुले हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत और पहले की योजनाओं को पूरा करके राजस्थान के 6 लाख से अधिक गरीबों को घर देने का काम भी किया गया है। सिर्फ एक रुपया महीना और 90 पैसे प्रति दिन के प्रीमियम पर राजस्थान के भी 70 लाख लोगों को सुरक्षा बीमा योजना का कवच मिला है।
साथियों, मुद्रा योजना के तहत राजस्थान के 44 लाख से अधिक उद्यमियों को स्वरोजगार के लिये बिना गारंटी कर्ज दिया गया है। इसके अलावा सिर्फ साल भर में राजस्थान के लगभग 3 लाख लोगों को सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है। राजस्थान में साढ़े 33 लाख से अधिक माताओं-बहनों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन दिये गए हैं। उज्ज्वला योजना ने महिलाओं के जीवन को बदलने का काम किया है। भाइयों और बहनों , हाल ही में इसी योजना की लाभार्थी माता-बहनों के साथ संवाद के दौरान मुझे एक और बात का पता चला। एक बहन ने बताया कि उज्ज्वला योजना की वजह से धुएं से मुक्ति तो मिली लेकिन साथ में पानी की भी बचत हुई। पानी की बचत इसलिये हो रही है क्योंकि अब गैस पर खाना बनाने की वजह से बर्तनों में कालिख नहीं लगती। ऐसे में राजस्थान की माताओं को तो ये दोहरा फायदा देनेवाली स्कीम है।
साथियों, मुझे एहसास है कि राजस्थान के लोगों के समय का एक बड़ा हिस्सा पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने में चला जाता है। वसुंधरा जी की सरकार ने इस दिशा में भी सराहनीय प्रयास किये हैं। मुझे बताया गया है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान जैसी योजनाओं के माध्यम से गांव और शहर में मिलाकर 4 हजार करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट पूरे कर दिये गए हैं। साढ़े 12 हजार से अधिक गांव तक पीने के पानी की सुविधा पहुंचाई गई है। भाइयों-बहनों आपकी लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी ने मुझे बताया है कि राजस्थान सरकार और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों द्वारा एक मांग केन्द्र सरकार के सामने रखी गई है। पार्बती , काली सिंध , चम्बल लिंक परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के तौर पर घोषित करें। मुझे जानकारी दी गई है कि इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट जल संसाधन मंत्रालय को भेजी गई है और परियोजना की तकनीकी जांच का काम चल रहा है। इस परियोजना से राजस्थान की दो लाख हैक्टेयर से ज़्यादा जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इतना ही नहीं इस परियोजना से जयपुर, अलवर, भरतपुर,सवाई माधवपुर, झालावाड़, कोटा, बुंदी ऐसे 13 जिलों में रहने वाली राजस्थान की 40 प्रतिशत आबादी को पीने का पानी उपलब्ध होगा। भाइयों-बहनों मैं आपको यह आश्वासन देना चाहूंगा कि केन्द्र सरकार इस मांग के प्रति सकारात्मक रुख रखेगी। राजस्थान का विकास हो ,यहां के किसान को पानी आसानी से मिले ,लोगों को पीने का पानी मिले ,इसके लिये पूरी संवेदनशीलता के साथ फैसला लिया जाएगा।
साथियों ,गरीब को सशक्त करने के लिये सरकार स्वास्थ्य , पोषण, शिक्षा के क्षेत्र पर और ज्यादा फोकस कर रही है। पिछली बार जब मैं झुंझुनू आया था तो राष्ट्रीय पोषण मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया था। अब ये कार्यक्रम प्रभावी तरीके से देश भर में चल रहा है। इसके अलावा महिलाओं और शिशुओं के टीकाकरण और विशेषज्ञों के निगरानी में डिलीवरी को जो प्रोत्साहन दिया गया है उससे मातृत्व मृत्यु दर में भी बड़ी गिरावट आई है। मैं राजस्थान की माताओं-बहनों को और राजस्थान की सरकार को विशेष तौर पर बधाई देता हूं कि इस दिशा में आप जो प्रयास कर रहे हैं उसका परिणाम आज जमीन पर दिखने लगा है। निश्चित तौर पर बेटी-बचाओ , बेटी-पढ़ाओ अभियान को राजस्थान बहुत ऊंचे स्तर पर ले जा रहा है। बीमारी को लेकर गरीब की चिंता को समझते हुए आयुष्मान भारत का एक बड़ा संकल्प भी लिया गया है। इसके तहत गंभीर बीमारी की स्थिति में करीब-करीब 50 करोड़ आबादी को सालाना पांच लाख तक मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जाएगा। इस योजना पर तेजी से काम चल रहा है और बहुत जल्द इसकी शुरुआत होगी।
भाइयों और बहनों, भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की हर योजना का लक्ष्य देश का संतुलित विकास और हर व्यक्ति को सम्मान ,सुरक्षा और स्वाभिमान का जीवन देना है। इस वक्त देश में एक अभूतपूर्व जनांदोलन चल रहा है , इसका नाम है राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान। गांव में विकास के अलग अलग पैमानों को ध्यान में रखते हुए नई ऊर्जा के साथ काम किया जा रहा है। गांव में सभी के पास बैंक खाते हों, गैस कनेक्शन हो, घर में बिजली कनेक्शन हो, सभी का टीकाकरण हुआ हो, सभी को सुरक्षा कवच मिला हो, हर घर में एलईडी बल्ब हो , ये सुनिश्चित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत इस साल 15 अगस्त तक राजस्थान के भी डेढ़ हजार गांवों को इन योजनाओं को सम्पूर्ण लाभ दिया जाएगा।
साथियों , सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए देश के हर हिस्से को चाहे गांव हो या शहर सभी जगह विकास की रोशनी पहुंचाने का प्रयास तेज गति से चल रहा है। देश के सौ बड़े शहरों में तेज गति से स्मार्ट व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं। इन सौ शहरों में हमारे जयपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर भी शामिल है। इन शहरों की सड़कों को , गलियां को , ट्रैफिक , बिजली-पानी और सीवर से लेकर के प्रशासन से जुड़े तमाम पहलुओं को स्मार्ट बनाने का, इसके लिये केन्द्र सरकार ने सात हजार करोड़ से अधिक की मंजूरी दे दी है। राजस्थान सरकार इन परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रही है।
साथियों ,आज जो काम हो रहे हैं वो पहले भी हो सकते थे। लेकिन पहले की जो सरकारें रही उन्होंने किस नीयत से काम किया, उससे आप भलीभांति परिचित हैं। इसी नीयत का परिणाम है, कांग्रेस को आजकल लोग बेलगाड़ी बोलने लगे हैं। बैल गाड़ी नहीं, बेलगाड़ी। आखिर कांग्रेस के दिग्गज कहे जाने वाले करीब-करीब कई नेता और कई पूर्व मंत्री आजकल बेल पर यानी जमानत पर है लेकिन आपने जिस भरोसे के साथ कांग्रेस की संस्कृति को नकारा और भाजपा को जनादेश दिया। उस भरोसे को दिनों-दिन मजबूत करने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है। हम न्यू इंडिया के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। 2022 में देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं लेकिन उससे पहले अगले वर्ष मार्च में ही राजस्थान के गठन को 70 वर्ष होने वाले हैं। न्यू इंडिया का निर्माण नए राजस्थान के बगैर संभव नहीं है। ऐसे में यहां के मेरे भाइयों-बहनों के लिये भी राष्ट्र निर्माण-राजस्थान निर्माण का ये सुनहरा अवसर है।
साथियों , ये वर्ष देश के लिये सर्वोच्च बलिदान दने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीद पीरू सिंह शेखावत का भी जन्मशति वर्ष है। कुछ ही दिन बाद उनके बलिदान के 70 वर्ष भी पूरे होने वाले हैं। इस महान बलिदानी को मेरा शत-शत नमन है। हमारा राष्ट्र ऐसे ही बलिदानियों की वीरता , शौर्य और राष्ट्रभक्ति के दम पर आज दुनिया के सामने सिर उठाकर खड़ा हुआ है। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे राजनीतिक विरोधी यहां भी बाज नहीं आए। सरकार तक तो ठीक उन्होंने सेना पर भी उनकी क्षमता पर भी सवाल उठाने का पाप किया है। ये पहले कभी नहीं हुआ | राजस्थान के लोग , देश के लोग ऐसी राजनीति करने वालों को कभी माफ नहीं करेंगे। साथियों, जिनको परिवार की , वंशवाद की राजनीति करनी है वो करे लेकिन देश की रक्षा और स्वाभिमान को शिखर पर ले जाने का हमारा निर्णय अटूट है और हमारी नीतियां साफ हैं। यही कारण है जो वन रैंक वन पैंशन का मुद्दा सालों से अटका हुआ था इस सरकार में उसका भी समाधान किया गया। भाइयों और बहनों देश आज एक नये अहम मोड़ पर खड़ा है ,एक नई दिशा की तरफ हम चल पड़ें हैं, कई मुश्किल लक्ष्य हासिल किया जा चुके हैं और कई अभी तय करने के इरादे से हम आगे बढ़ रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी की सक्रिय भागीदारी से अपने हर संकल्प को सिद्ध करने से सरकार को सफलता मिलेगी। आज जिन योजनाओं पर काम शुरु हुआ है उसके लिये मैं राजस्थान के लोगों को एक बार फिर बधाई देते हुए मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।
मेरे साथ आप सब बोलिये
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
बहुत बहुत धन्यवाद।