Quoteबांग्लादेश भवन भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteगुरुदेव टैगोर भारत और बांग्लादेश के बीच एक महत्तवपूर्ण कड़ी: पीएम मोदी
Quoteगुरुदेव टैगोर का विश्वव्यापी मानवतावाद के मूलमंत्र में केंद्र सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मार्गदर्शक सिद्धांत की झलक मिलती है:प्रधानमंत्री

मित्र राष्ट्र बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जी, सम्माननीय अतिथिगण, मुखयमंत्री जी, गवर्नर साहब, साथियों।

'बांग्लादेश भवन' भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक बंधुत्व का प्रतीक है। यह भवन दोनों देशों के करोड़ों लोगों के बीच कला, भाषा, संस्कृति, शिक्षा, पारिवारिक रिश्तों और अत्याचार के खिलाफ साझा संघर्षों से मजबूत हुए रिश्तों का भी प्रतीक है। इस भवन के निर्माण के लिए मैं शेख हसीना जी का और बांग्लादेश की जनता का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

गुरुदेव टैगोर, जो भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के राष्ट्रीय गान के रचयिता हैं, उनकी कर्मभूमि पर, रमज़ान के पावन महीने में, इस भवन का उद्घाटन बहुत खुशी का अवसर है।

साथियों, इस विश्वविद्यालय व इस पवित्र भूमि का इतिहास बांग्लादेश की आज़ादी, भारत की आज़ादी, और उपनिवेशकाल में बंगाल के विभाजन से भी पुराना है। यह हमारी उस साझा विरासत का प्रतीक है जिसे न तो अंग्रेज बांट पाए और ना ही विभाजन की राजनीति। इस साझा विरासत के गंगासागर की अनगिनत लहरें दोनों देशों के तटों को समान रुप से स्पर्श करती हैं। हमारी समानताएं हमारे सम्बन्धों के मजबूत सूत्र हैं।

बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को जितना सम्मान बांग्लादेश में मिलता है उतना ही हिंदुस्तान की धरती पर भी मिलता है। स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के लिए जो भावना भारत में है, ठीक वैसी ही बांग्लादेश में भी देखने को मिलती है।

विश्व कवि टैगोर की कविताएं और गीत बांग्लादेश के गांव-गांव में गूंजते हैं, तो काज़ी नज़रूल इस्लाम जी की रचनाएं यहां पश्चिम बंगाल के गली-कूचों में भी सुनने को मिलती है ।

बांग्लादेश की कई गणमान्य विभूतियों के नाम इस विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं। इनमें रिजवाना चौधरी बन्न्या, अदिति मोहसिन, लिली इस्लाम, लीना तपोशी, शर्मीला बनर्जी, और निस्सार हुसैन जैसी हस्तियाँ शामिल हैं ।

गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की दूरदृष्टी का परिणाम यह संस्था हमारी राजनीतिक सीमाओं और बंधनों से परे है। गुरुदेव स्वयं एक स्वतन्त्र विचार के व्यक्ति थे, जिन्हें किन्ही सीमाओं के बंधनों ने नहीं बांधा । वे जितने भारत के हैं, उतने ही बांग्लादेश के भी हैं। गगन हरकारा और लालन फ़क़ीर के बंगाली लोक संगीत से उनका परिचय बांग्लादेश की धरती पर ही हुआ था। अमार शोनार बांग्ला की धुन के लिए उन्हें गगन हरकारा से प्रेरणा मिली थी। बौल संगीत का प्रभाव रविन्द्र संगीत में साफ़ सुनाई देता है।

खुद बंगबंधु भी गुरुदेव के विचारों और उनकी कला के बहुत बड़े प्रशंसक थे। यह टैगोर के Universal Humanism का ही विचार था जिसने बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को प्रभावित किया था। गुरुदेव का ‘शोनार बांग्ला’ बंगबंधु के मंत्रमुग्ध कर देने वाले भाषणों का एक अहम हिस्सा था। टैगोर के Universal Humanism का विचार ही हमारे लिए भी प्रेरणा है। हमने अपने शब्दों में उसे 'सबका साथ, सबका विकास' के मूलमंत्र में परिलक्षित किया है।

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साथियों, आने वाली पीढ़ियाँ, वे चाहे बांग्लादेश की हों या फिर भारत की, वे इन समृद्ध परंपराओं, इन महान आत्माओं के बारे में जानें और समझें, इसके लिए हम सबको प्रयास करते रहना होगा। हमारी सरकार के सभी सम्बन्धित अंग, जैसे भारत का उच्चायोग तथा अन्य संगठन और व्यक्ति, भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद इस काम में लगे हुए हैं।

आज जैसे यहां पर 'बांग्लादेश भवन' का लोकार्पण किया गया है, वैसे ही बांग्लादेश के कुश्तिया जिले में गुरुदेव टैगोर के निवास “कुठीबाड़ी” के renovation का जिम्मा हमने उठाया है।

साथियों,इस साझा विरासत और रबीन्द्र संगीत की मधुरता ने हमारे संबंधों को अमृत से सींचा है और हमें सुख-दुःख के एक सूत्र में पिरोया है। यही कारण है कि बांग्लादेश की मुक्ति के लिए संघर्ष भले ही सीमा के उस पार हुआ हो, लेकिन प्रेरणा के बीज इसी धरती पर पड़े हैं। अत्याचारी सत्ता ने अपने स्वार्थ के लिए घाव भले ही बांग्लादेश के लोगों को दिए हों, लेकिन पीड़ा इस तरफ महसूस की गई। यही कारण है कि जब बंगबंधु ने मुक्ति का बिगुल बजाया तो करोड़ों भारतीयों की भावना भी उस मुहिम के साथ स्वत: जुड़ गई। अत्याचार और आतंक के खिलाफ हमारे साझा संकल्प और उसका इतिहास इस भवन के जरिए भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।

साथियों, मुझे याद है कि पिछले वर्ष उस समय कितना भावुक वातावरण बन गया था जब दिल्ली में भारतीय सैनिकों को बांग्लादेश ने सम्मानित किया था। ये उन 1661 भारतीय सैनिकों का सम्मान ही नहीं था जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए बलिदान दिया था, बल्कि ये उन करोड़ों भावनाओं का भी सम्मान था जो इस पूरे संघर्ष में बांग्लादेश के एक-एक मुक्ति योद्धाओं के साथ जुडी हुई थी। ऐसा बहुत कम होता है जब पड़ोसी देश एक दूसरे के सैनिकों को इस प्रकार का सम्मान देते हैं।

साथियों, पिछले कुछ वर्षों से भारत और बांग्लादेश के संबंधों का शोनाली अध्याय लिखा जा रहा है। Land boundary व समुद्री सीमाओं जैसे जटिल द्विपक्षीय विषय, जिन्हें सुलझाना किसी समय लगभग असंभव माना जाता था, वे अब सुलझ चुके हैं। चाहे सड़क हो, रेल हो या अंतर्देशीय जलमार्ग हों, या फ़िर coastal shipping, हम connectivity के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 1965 से बंद पड़ी connectivity की राहें एक बार फ़िर खोली जा रही हैं, और connectivity के नए आयाम भी विकसित हो रहे हैं।

पिछले साल ही कोलकाता से खुलना के बीच air conditioned train service शुरु की गई। इसको हमने बंधन का नाम दिया है, यानि मैत्री। और बंधन के रास्ते पर हम अपने रिश्तों को आगे बढ़ा रहे हैं।

भारत से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति निरंतर हो रही है। अभी यह 600 मेगावाट है। इस साल इसको बढ़ाकर 1100 मेगावाट करने का लक्ष्य है।

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में internet का एक connection बांग्लादेश से भी आ रहा है। बांग्लादेश के विकास के लिए जो प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने चुनी हैं, उनमें सहयोग के लिए भारत ने 8 billion dollars की lines of credit का प्रावधान किया है। इनके क्रियान्वयन में अच्छी प्रगति है, projects की पहचान हो चुकी है और कुछ के लिए तो credit भी दे दिया गया है।

बांग्लादेश Space Technology में भी आगे बढ़ रहा है। हाल में ही बांग्लादेश ने अपना पहला Satellite, बंगबंधु, launch किया है। इसके लिए भी प्रधानमंत्री जी और बांग्लादेश की जनता को बहुत-बहुत बधाई। आज भारत में हम Space Technology का इस्तेमाल गरीब का जीवन स्तर ऊपर उठाने और सिस्टम में Transparency लाने के लिए कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि भविष्य में Space Technology के क्षेत्र में भी हम दोनों देशों के बीच सहयोग के नए द्वार खुलेंगे।

मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना जी और हमारे बीच लगातार संपर्क से दोनों देशों के बीच सहयोग को और ऊर्जा मिल रही है। वो पिछले वर्ष भी भारत आईं थीं और इस कार्यक्रम में भी उनकी स्वयं की उपस्थिति, इस कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ा रही है।

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साथियों, हमारी आशांएं और आकांक्षाएं जितनी समान हैं उतनी ही हमारी चुनौतियां भीं हैं। जलवायु परिवर्तन का संकट हमारे सामने है। लेकिन अगर दहकता हुआ सूरज हमारे लिए चुनौतियां लाने वाला है, वहीं अवसर भी उसी की रोशनी से पैदा होते हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने 2021 तक बांग्लादेश के लिए Power To All का विजन रखा है। और यहां भारत में हमने अगले साल तक देश के हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने का target रखा है। हम देश के हर गांव तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पहले ही पूरा कर चुके हैं। हमारे संकल्प समान हैं, और उन्हें सिद्ध करने की राह भी एक-सी है।

साथियों, भारत ने International Solar Alliance का Initiative लिया है। दुनिया के कई देश इस Alliance का हिस्सा बन चुके हैं। यह Alliance दुनिया भर में solar power की capacity को explore करेगा और अलग-अलग देशों को funding का एक mechanism भी तैयार करेगा। मुझे प्रसन्नता है कि बांग्लादेश भी Solar Alliance का हिस्सा है। इस वर्ष मार्च में दिल्ली में International Solar Alliance का summit हुआ। हमें बहुत प्रसन्नता हुई कि बांग्लादेश के राष्ट्रपति उस summit में शामिल हुए। ये दिखाता है कि सीमा के दोनों तरफ चुनौतियों को अवसरों में बदलने के लिए सहयोग की इच्छा कितनी प्रबल है।

पिछले महीने मैं बांग्लादेश के 100 सदस्यीय युवा प्रतिनिधिमंडल से मिला था। मैंने पाया कि उनकी आकांक्षाएं, उनके सपने, भारत के युवाओं की आकांक्षाओं और सपनों जैसी ही हैं। और दोनों देशों के विकास के लिए, हमारे युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए, हम साथ मिल कर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

आज जब प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश विकास की नई राह पर चल पड़ा है। आज जब बांग्लादेश ने developing economy का स्तर प्राप्त करने के सभी मानदंड पूरे कर लिए हैं तो जितना गर्व बांग्लादेश को है, उतना ही गर्व सारे भारत को भी है।

बांग्लादेश ने अपने सोशल सेक्टर में जिस तरह की प्रगति की है, गरीबों का जीवन आसान बनाने का काम किया है, मैं मानता हूँ वो हम भारत के लोगों के लिए भी प्रेरणा दे सकता है, ऐसा अद्भुत काम किया है।

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साथियों, आज भारत और बांग्लादेश की विकास यात्रा के सूत्र, एक सुंदर हार की तरह एक दूसरे से गुंथ रहे हैं। दुनिया के कुछ हिस्सों में जिस तरह अनिश्चितता का माहौल बना है, विश्व में स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में एक ध्रुव सत्य हमारे सामने आया है, और वो है, प्रगति और समृद्धि के लिए, शांति और स्थिरता के लिए, सुख और सद्भाव के लिए, भारत और बांग्लादेश की मैत्री और हमारा आपसी सहयोग। इस सहयोग का विकास केवल द्विपक्षीय स्तर पर ही नहीं हुआ है। Bimstec जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए हमारे सहयोग ने क्षेत्रीय प्रगति और कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा दिया है।

Friends, इन क्षेत्र की प्रगति में हर देश की प्रगति निहित है। समय के इस कालखंड में ये हम सभी के लिए एक अवसर की तरह आया है। आज भारत और बांग्लादेश, जिस मित्रता के साथ आगे बढ़ रहे हैं, एक दूसरे के विकास में सहयोग कर रहे हैं, वो दूसरों के लिए भी एक सबक है, एक मिसाल है, एक अध्ययन का भी विषय है।

साथियों, प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने बांग्लादेश को 2041 तक विकसित देश बनाने का जो लक्ष्य रखा है वह उनकी दूरदृष्टि और बंगबंधु, उस परम्परा का प्रतीक है, जो की हर बांग्लादेशी के हित की लगातार चिन्ता करती है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत का पूर्ण सहयोग बना रहेगा।

शेख हसीना जी के यहां आने पर, मैं एक बार फिर आभार व्यक्त करता हूं। आप सभी को बांग्लादेश भवन के उद्घाटन की पुन: बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। धन्यवाद।

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पीएम मोदी को प्राप्त सर्वोच्च नागरिक सम्मान और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची
July 09, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सभी सम्मान पीएम मोदी के नेतृत्व और दूरदृष्टि का प्रतिबिंब हैं जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शाता है।

आइए, एक नजर डालते हैं पिछले 7 वर्षों में पीएम मोदी को दिए गए पुरस्कारों पर।

विभिन्न देशों द्वारा प्रदान किए जाने वाले पुरस्कार:

1.अप्रैल 2016 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- 'किंग अब्दुलअजीज सैश' से सम्मानित किया गया था। किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से पीएम मोदी को सम्मानित किया।

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2. उसी वर्ष, प्रधानमंत्री मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

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3. वर्ष 2018 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिलिस्तीन की ऐतिहासिक यात्रा की, तो उन्हें 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाने वाला फिलिस्तीन का सर्वोच्च सम्मान है।

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4. प्रधानमंत्री मोदी को 2019 में 'ऑर्डर ऑफ जायद' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह संयुक्त अरब अमीरात का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

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5. रूस ने 2019 में प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान जुलाई 2024 में अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान प्राप्त किया।

6. 2019 में मालदीव ने विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाने वाला अपना सर्वोच्च सम्मान 'निशान इज्जुद्दीन' से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्मानित किया।

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7. पीएम मोदी को 2019 में 'द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां' अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान बहरीन द्वारा प्रदान किया गया था।

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8. 2020 में पीएम मोदी को यूनाइटेड स्टेट आर्म्ड फोर्सेस अवार्ड 'लीजन ऑफ मेरिट' से सम्मानित किया गया, जो उत्कृष्ट सेवाओं और उपलब्धियों के प्रदर्शन में असाधारण मेधावी आचरण के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा दिया जाता है।

9. भूटान ने दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री मोदी को, सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया। पीएम मोदी ने मार्च 2024 में, भूटान यात्रा के दौरान यह पुरस्कार ग्रहण किया।

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10. 2023 में पापुआ न्यू गिनी की यात्रा के दौरान पीएम मोदी को पलाऊ गणराज्य के राष्ट्रपति सुरंगेल एस व्हिप्स जूनियर द्वारा एबाक्ल अवॉर्ड (Ebakl Award) से सम्मानित किया गया।

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11. पीएम नरेन्द्र मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए फिजी के सर्वोच्च सम्मान, कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका द्वारा प्रदान किया गया।

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12. पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे ने पीएम मोदी को ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू से सम्मानित किया। यह पापुआ न्यू गिनी का सर्वोच्च सम्मान है।

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13. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने जून 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान 'ऑर्डर ऑफ नाइल' से सम्मानित किया।

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 14. 13 जुलाई 2023 को पीएम मोदी को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

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 15. 25 अगस्त 2023 को ग्रीस की राष्ट्रपति कतेरीना सकेलारोपोलू ने पीएम मोदी को 'द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया।

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16. डोमिनिका ने पीएम मोदी को ‘डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। यह सम्मान पीएम मोदी को नवंबर 2024 में उनकी गुयाना यात्रा के दौरान डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन द्वारा प्रदान किया गया।

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17. नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नवंबर 2024 में उनकी यात्रा के दौरान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर' से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू द्वारा प्रदान किया गया।

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18. गुयाना ने पीएम मोदी को नवंबर 2024 में उनकी यात्रा के दौरान 'ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने प्रदान किया।

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19. बारबाडोस की पीएम मिया अमोर मोटली ने नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा के दौरान पीएम मोदी को ‘ऑनररी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस अवॉर्ड’ से सम्मानित करने के अपने सरकार के निर्णय की घोषणा की।

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20. दिसंबर 2024 में, पीएम मोदी को कुवैत के महामहिम अमीर, शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा द्वारा ‘मुबारक अल-कबीर ऑर्डर’ से सम्मानित किया गया।

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21. मार्च 2025 में पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति धरमबीर गोकुल ने पीएम मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' से सम्मानित किया।

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22. अप्रैल 2025 में पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को श्रीलंका के सर्वोच्च सम्मान 'श्रीलंका मित्र विभूषण' अवार्ड से सम्मानित किया।

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23) पीएम मोदी को जून 2025 में उनकी साइप्रस यात्रा के दौरान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस द्वारा प्रदान किया गया।

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24) पीएम मोदी को जुलाई 2025 के दौरे पर ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

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25) पीएम मोदी को जुलाई 2025 में अपनी यात्रा के दौरान ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

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26) PM Modi has been conferred with ‘The Grand Collar of the National Order of the Southern Cross’ during his visit to Brazil in July 2025. It was bestowed upon PM Modi by President Lula.

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सर्वोच्च नागरिक सम्मानों के अलावा, पीएम मोदी को दुनिया भर के प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

1. सियोल शांति पुरस्कार : यह सियोल पीस प्राइज कल्चरल फाउंडेशन द्वारा उन व्यक्तियों को द्विवार्षिक रूप से सम्मानित किया जाता है जिन्होंने मानव जाति के सदभाव, राष्ट्रों के बीच सुलह और विश्व शांति में योगदान के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी को 2018 में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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2. संयुक्त राष्ट्र चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड : यह संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है। 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक मंच पर साहसिक पर्यावरण नेतृत्व के लिए पीएम मोदी सम्मानित किया।

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3. 2019 में प्रथम फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवार्ड से प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी राष्ट्र के नेता को दिया जाता है। पुरस्कार के प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि पीएम मोदी को उनके "राष्ट्र के लिए उत्कृष्ट नेतृत्व" के लिए चुना गया।

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4. पीएम मोदी को स्वच्छ भारत अभियान के लिए 2019 में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा 'ग्लोबल गोलकीपर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने यह पुरस्कार उन भारतीयों को समर्पित किया जिन्होंने स्वच्छ भारत अभियान को 'जन-आंदोलन' में बदल दिया और अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

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5. 2021 में कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स CERA द्वारा ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप अवार्ड पीएम मोदी को दिया गया था। यह पुरस्कार वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण के भविष्य के प्रति नेतृत्व की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।