प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित ड्रग्स फ्री इंडिया अभियान को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित किया. प्रधानमंत्री का वीडियो संदेश गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार में आज दिखाया गया.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश में नशामुक्ति के लिए श्री श्री रविशंकर और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के योगदान और उनके चलाए जा रहे अभियान की तारीफ की.
नशे को समाज के लिए बड़ा खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक दुनिया में 3 करोड़ लोग नशे की लत के शिकार हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं का मादक पदार्थों के सेवन का आदी होना समाज के लिए बड़ा खतरा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये एक बड़ी गलतफहमी है कि नशीले पदार्थ का सेवन स्टाइल स्टेटमेंट है.
श्री नरेंद्र मोद ने कहा कि स्वास्थ्य की समस्याएं और परिवारों के टूटने के साथ ही नशे के व्यापार से देश में सुरक्षा को लेकर भी खतरा पैदा हो जाता है. उन्होंने कहा कि नशे का व्यापार आतंकियों और देश विरोधी तत्वों के लिए भी आमदनी का एक बड़ा जरिया है. इन देश विरोधी तत्वों के पास नशे के व्यापार से गया पैसा देश को अस्थिर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी से कहा कि स्वस्थ जीवन, खुशहाल परिवार, बेहतर भविष्य और देश की सुरक्षा के लिए नशे को ना कहें. उन्होंने कहा कि जो आत्मविश्वास से भरे होते हैं और जिन्हें खुद पर भरोसा होता है वो नशे के मकड़जाल में आसानी से नहीं फंसते. उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि नशे की लत छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों की मदद करें. प्रधानमंत्री ने कहा कि बातचीत, परामर्श और लगातार प्यार और सहयोग के जरिए हम नशे के आदी हो चुके लोगों को पुनर्वास के रास्ते पर ला सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा नशे की लत पर काबू पाने के लिए की जा रही विभिन्न पहल पर प्रकाश डाला. इस संदर्भ में 2018 में नशीले पदार्थ की आपूर्ति को घटाने के लिए 2018 में बने राष्ट्रीय एक्शन प्लान के बारे में बताया. जिसमें लोगों में जागरुकता फैलाने, लोगों में क्षमता विकसित करने, पुनर्वास और संवेदनशील क्षेत्रों में खास ध्यान देकर 2023 तक नशे की मांग को घटाना सुनिश्चित करना तय किया गया है.
प्रधानमंत्री के इस संबोधन को देशभर के कॉलेज छात्रों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुना.