प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर के विकास की सरकार की प्राथमिकता पर जोर दिया है। वह मेंहदीपत्थर, मेघालय से गुवाहाटी के बीच पहली रेल सेवा का रिमोट से उद्घाटन करने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने गुवाहाटी में आज भैरबी से सैरंग के बीच नई रेल सेवा की पट्टिका का भी अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने आज के दिन को भारतीय रेल के इतिहास का महत्वपूर्ण दिन बताते हुए कहा कि आज भारतीय रेल के नेटवर्क में एक और राज्य जुड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर के उत्तर पूर्व हिस्से को भली भांति रखा जाए तो घर में समृद्धि आती है। उन्होंने कहा कि यदि भारत को समृद्ध होना है तो हमें पूर्वोत्तर के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाना होगा।
श्री मोदी ने कहा कि विकास का पहला चरण बुनियादी ढांचे का विकास है। एक बार बुनियादी ढांचे का विकास हो जाने के बाद, लोग खुद-ब-खुद विकास में योगदान देने लगते हैं। प्रधानमंत्री ने दक्षिण कोरिया का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह बुनियादी ढांचे के निर्माण से देश में वृद्धि और विकास होता है। उन्होंने कहा कि यदि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के साथ अच्छी संपर्क व्यवस्था बनाई जाए तो इससे यह पूरा क्षेत्र समृद्ध होगा और यहां पर्यटन का विकास होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई सरकार ने अपने पहले बजट में पूर्वोत्तर राज्यों में नई रेलवे लाइनों के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए 28 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।
श्री मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि यह शताब्दी एशिया की शताब्दी है। इसीलिए यह समय की मांग है कि हम 'लुक ईस्ट' नीति को 'एक्ट ईस्ट' में बदलें और इस पूरे क्षेत्र को म्यांमार और इस क्षेत्र के अन्य देशों से जोड़ दे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अब अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता है, जिसमें राजमार्गों (हाई-वे) के साथ-साथ सूचना मार्गों (आई-वे) का भी विकास हो। उन्होंने कहा कि देश में डिजीटल आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए और पूर्वोत्तर राज्यों को भी इस सुविधा का पूरा लाभ मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखते हुए प्रश्न रखा कि इस क्षेत्र को गैस ग्रिड और 24 घंटे बिजली की सुविधा क्यों नहीं मिले। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण देश को आधुनिक बनाने की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा। उन्होंने कहा कि अच्छे ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में अवसरों का विकास होगा।
श्री मोदी ने कहा कि वह पूर्वोत्तर के विकास में विशेष रूचि ले रहे हैं और अपनी म्यांमार यात्रा, भारत आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्व एशिया सम्मेलन के दौरान उन्होंने इस क्षेत्र को पूर्व के देशों के साथ जोड़ने पर चर्चा की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे आर्थिक विकास का इंजन साबित हो सकता है। उन्होंने इस बात पर निराशा जताई कि अब तक इसकी पूरी क्षमताओं को नहीं पहचाना जा सका है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार रेलवे का विस्तार करेगी और इसे आधुनिक बनाएगी। प्रधानमंत्री ने रेलवे के दोतरफा विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका विस्तार देश भर में किया जाएगा और तकनीकी उन्नति और बेहतर सेवा के द्वारा इसकी क्षमता को बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा रेलवे में 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की इजाजत दी गई है ताकि इसके आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को गति दी जा सके। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार रेलवे स्टेशनों के निजीकरण पर विचार कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे को विशेषज्ञता और उन्नत प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है। रेलवे के लिए मानव संसाधन तैयार करने के उद्देश्य से सरकार चार विश्वविद्यालयों की स्थापना करेगी। इन विश्वविद्यालयों से स्नातक छात्र भारतीय रेलवे के विकास में योगदान देंगे। इस प्रक्रिया से देश में रोजगार भी बढ़ेगा।
इस अवसर पर असम के राज्यपाल श्री जे. बी. पटनायक, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल डा. कृष्णकांत पॉल और असम के मुख्यमंत्री श्री तरुण गोगोई, मेघालय के मुख्यमंत्री डा. मुकुल संगमा, मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री लाल थनहवला, रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे।