"PM: calls for efforts to ensure that science, technology and innovation reach the poorest, the remotest and the most vulnerable person"
"PM: We must restore the pride and prestige of science and scientists in our nation"
"प्रधानमंत्री: सबसे गरीब, सबसे दूर-दराज के और सर्वाधिक कमजोर व्यक्ति तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार की पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयासों का आह्वान"
"प्रधानमंत्री: हमें अपने राष्ट्र में विज्ञान और वैज्ञानिकों का गौरव एवं प्रतिष्ठा बहाल करनी ही होगी"

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान, तकनीकी और नवाचार के लाभों को सबसे गरीब, सबसे दूरस्‍थ और सबसे कमजोर लोगों तक पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयासों का आह्वान किया है। उन्‍होंने कहा कि भारत के एक समृद्ध भविष्‍य के लिए हमें विज्ञान, तकनीकी और नवाचार को अपनी राष्‍ट्रीय प्राथमिकताओं में सबसे शीर्ष पर रखने की आवश्‍यकता है। श्री मोदी ने आज मुंबई में 102वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में अपने भाषण में कहा कि अधिक व्‍यावहारिक कृषि, ग्रामीण भारत के लिए उपयुक्‍त एवं वहनीय तकनीकें, स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में सुधार, स्‍वच्‍छ तकनीकों को वहन बनाने योग्‍य और भारत को एक अग्रणी विनिर्माण राष्‍ट्र, ज्ञान के केंद्र और तकनीकोन्‍मुखी उद्योग जगत जैसे महत्‍वपूर्ण उद्देश्‍य हमारे वैज्ञानिकों के समक्ष थे।

684-102indian scince congress (3) प्रधान मंत्री ने कहा कि राष्‍ट्र की प्रगति एवं मानव विकास, विज्ञान तथा तकनीकी से जुड़ा हुआ है और आज चीन ने विश्‍व में दूसरी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था का जो दर्जा हासिल किया है वह उसके विज्ञान और तकनीकी गतिविधियों से ही संभव हुआ है।

प्रधान मंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं मानव विकास पर किया जाने वाला कोई भी विचार विमर्श राजनीतिक निर्णयों, सामाजिक विकल्‍पों, समानता, नैतिक मूल्‍यों एवं पहुंच जैसे सवालों से अलग नहीं किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि मानव विकास हमारे देश के वैज्ञानिक लक्ष्‍यों का एक बड़ा उद्देश्‍य और प्रेरणादायी बल रहा है और विज्ञान ने आधुनिक भारत को बदलने में काफी मदद की है।

प्रधान मंत्री ने कहा जब भी विश्‍व ने हमारे लिए अपने दरवाजे बंद किए तो हमारे वैज्ञानिकों ने अनूठी पहल की और हमें नया रास्‍ता दिखाया। उन्‍होंने कहा कि जब भी हमसे विश्‍व ने सहयोग मांगा, तो हमारे वैज्ञानिकों ने खुलेपन का परिचय दिया और यही हमारे समाज में अंतर्निहित है। उन्‍होंने मंगलयान को मंगल की कक्षा में पहले ही प्रयास में स्‍थापित करने और चक्रवात हुदहुद की सटीक भविष्‍यवाणी करने में भारतीय वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की जिसके वजह से हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी।

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प्रधान मंत्री ने कहा कि जब वह देश में व्‍यापार करने में आसानी की बात करते हैं तो वह यह भी चाहते हैं कि देश में शोध एवं विकास करने में भी आसानी हो। उन्‍होंने कहा कि विभिन्‍न परियोजनाओं के लिए धनराशि स्‍वीकृत करने अथवा जारी करने में अधिक समय नहीं लिया जाये और वैज्ञानिक विभागों को शोध संबंधी गतिविधियों के लिए ऐसे निर्णयों को लेने में पूरा लचीलापन रखना होगा। उन्‍होंने जैव तकनीकी, नैनो साइंस, कृषि एवं क्‍लीनिकल शोध के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए स्‍पष्‍ट नियामक नीतियों की आवश्‍यकता पर भी जोर दिया।

प्रधान मंत्री ने कहा कि प्रत्‍येक सरकारी विभाग में एक ऐसा अधिकारी होना चाहिए जो अपने क्षेत्र से संबद्ध कार्य में विज्ञान एवं तकनीक पर अधिक ध्‍यान दे और ऐसी गतिविधियों के लिए विभाग के बजट में से कुछ प्रतिशत धनराशि का आवंटन करे। उन्‍होंने कहा ‘हमें अपनी विश्‍वविद्यालय प्रणाली को देश में शोध एवं विकास संबंधी गति‍विधियों के क्षेत्र में अग्रणी रखना है’ विश्‍वविद्यालयों को अत्‍यधिक नियम कानूनों तथा अड़चन भरी प्रक्रियाओं से मुक्‍त भी करना है।

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प्रधान मंत्री ने भारतीय उद्योग जगत से पहल करते हुए विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने का आह्वान भी किया। उन्‍होंने कहा कि भारत के फार्मास्‍यूटिकल उद्योग ने विश्‍व में अपनी पहचान इसलिए बनाई है क्‍योंकि उसने शोध के क्षेत्र में बहुत अधिक निवेश किया है।

उन्‍होंने विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में हजारों बच्‍चों और युवाओं को शामिल करने के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रयासों का स्‍वागत किया है।

प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत को विज्ञान एवं वैज्ञानिकों के अपने गौरव को बरकरार रखना है, समाज में विज्ञान के प्रति लोगों की उत्‍सुकता को पुनर्जीवित करना है, हमारे बच्‍चों में वैज्ञानिक शिक्षा के प्रति प्रेम को फिर से जगाना है और देश के वैज्ञानिकों को कल्‍पना करने, सपने देखने और उन पर काम करने के लिए प्रेरित करना है।

प्रधान मंत्री ने अपने भाषण की शुरूआत में प्रख्‍यात वैज्ञानिक वसंत गोवारिकर को श्रृद्धांजलि दी जिनका हाल ही में निधन हो गया है।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.