"PM advocates "Sashakt" and "Samarth" Judiciary to play "divine role" of delivering justice"
"प्रधानमंत्री ने न्‍याय करने की ‘ईश्‍वरीय भूमिका’ के निर्वहन के लिए ‘सशक्‍त’ और ‘समर्थ’ न्‍यायपालिका की वकालत की"

प्रधानमंत्री ने आज कहा कि कानून का शासन सुनिश्चित करने और आम आदमी को न्‍याय दिलाने की ‘ईश्‍वरीय भूमिका’ के निर्वहन के लिए न्‍यायपालिका को ‘सशक्‍त’ और ‘समर्थ’ बनाना होगा।

Inner PM with CM CJ (5) Inner PM with CM CJ (8)

राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों और उच्‍च न्‍यायालयों के मुख्‍य न्‍यायाधीशों के संयुक्‍त सम्‍मेलन को सम्‍बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां कार्यपालिका सार्वजनिक जीवन में विभिन्‍न संस्‍थानों के माध्‍यम से निरंतर आकलन और जांच के दायरे में रहती है, वहीं न्‍यायपालिका को सामान्‍यत: ऐसी जांच का सामना नहीं करना पड़ता। उन्‍होंने कहा कि न्‍यायपालिका ने भारत की जनता के बीच बहुत विश्‍वास और प्रतिष्‍ठा बनायी है और उसे आत्‍म–मूल्‍यांकन के लिए अपनी आंतरिक प्रणालियां विकसित करनी चाहिये, ताकि वह जनता की उच्‍च आकांक्षाओं को पूरा कर सके।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि न्‍यायपालिका के लिए अच्‍छा बुनियादी ढांचा सरकार की प्राथमिकता है और 14वें वित्‍त आयोग के अंतर्गत न्‍यायपालिका को सशक्‍त बनाने के लिए 9749 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। उन्‍होंने कहा कि न्‍यायपालिका में व्‍यापक बदलाव लाने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत यहां टैक्‍नॉलोजी लायी जानी चाहिए। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि न्‍यायपालिका में उत्‍तम लोगों की आवश्‍यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बुनियादी सुविधाओं के साथ साथ मानव संसाधन के बारे में भी उतने ही चिंतित हैं।

Inner-PM-CM-CJ3 लम्बित मुकदमों और न्‍यायपालिका के भ्रष्‍टाचार के विवरण पर न जाते हुए प्रधानमंत्री ने आशा व्‍यक्‍त की कि इन मसलों से निपटने के लिए यह मंच कुछ नये दृष्टिकोण सुझाएगा। उन्‍होंने कहा कि लोक अदालतें आम आदमी को इंसाफ दिलाने का प्रभावी तरीका है व इस व्‍यवस्‍था को और मजबूत बनाया जाना चाहिए। इसी तरह, उन्‍होंने ‘परिवार न्‍यायालयों’ के महत्व पर भी बल दिया। उन्‍होंने सरकार द्वारा स्‍थापित न्‍यायाधिकरणों की व्‍यवस्‍था (ट्रिबूनल व्यवस्था) के प्रभाव और कार्यकुशलता का आकलन करने के लिए उनकी समग्र समीक्षा का भी आह्वान किया।

Inner PM with CM CJ (3) प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार कानूनों के प्रारूप में खामियां होती हैं, जिनकी वजह से उनकी कई तरह की व्‍याख्‍याएं होती हैं। उन्‍होंने कहा कि कानूनों में अस्‍पष्‍टता नहीं होनी चाहिए और इसके लिए उनका प्रारूप तैयार करते समय विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि वे अप्रचलित कानूनों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्‍होंने सामुद्रिक कानून एवं साइबर अपराध जैसे कानूनी विवाद के उभरते क्षेत्रों के लिए तैयार रहने की जरूरत पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि कानूनी व्‍यवसाय से सम्‍बद्ध लोगों के लिए फॉरेंसिक साइंस की जानकारी होना अब अनिवार्य हो चुका है।

भारत के प्रधान न्यायाधीश न्‍यायमूर्ति एच एल दत्तू और केंद्रीय कानून एवं न्‍याय मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.