प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश के संघीय ढांचे को 'विकास तंत्र' के रूप में देखा जाना चाहिए सिर्फ एक 'संवैधानिक व्यवस्था' के रूप में नहीं। अमरीका के 16 प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के एक समूह से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका ध्यान सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के सहयोग से 'टीम इंडिया' के निर्माण पर है। देश में आर्थिक वृद्धि लाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जायेगा और उन्हें सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अस्वस्थ व्यक्ति व्यायाम से लाभ नहीं उठा पाता इसलिए उन्होंने अपनी सरकार के पहले छह महीनों में देश को फिर से स्वस्थ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि असल कवायद तो अब शुरू होगी।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की सभी नीतियों का केंद्र युवा होंगे क्योंकि देश की 65 प्रतिशत जनसंख्या की उम्र 35 वर्ष से कम है। इसलिए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता कौशल विकास और रोजगार का सृजन बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री ने सरकार की कार्यप्रणाली और निर्णयों में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए यह सबसे उचित रास्ता हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान बुनियादी ढांचे के विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए 'डिजिटल इंडिया' के निर्माण पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना की सफलता से सिर्फ आर्थिक लाभ ही नहीं होगा बल्कि इससे सरकार के भीतर भी आत्मविश्वास बढ़ा है क्योंकि गरीबों को बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उपलब्ध कराने की योजना का एक मुख्य लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने पिछले छह महीने में सरकार के विभिन्न निर्णयों की आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि लोगों को नई सरकार से सकारात्मक विकास की उम्मीद है। श्री जेटली ने कहा कि व्यावहारिक और यथार्थवादी निर्णय लेने से निश्चित रूप से अच्छे परिणाम मिलेंगे।
सत्र की अध्यक्षता एनसीएईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर शाह ने की। सत्र में शामिल हुए अर्थशास्त्री कल से शुरू होने जा रहे नीमराना सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन एनसीएईआर कर रहा है।