प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज सूचना के खुद ब खुद आदान-प्रदान के बारे में नए वैश्विक मानक के लिए भारत कस समर्थन प्रकट किया जो विदेशों में रखे काले धन के बारे में जानकारी प्राप्त करने में और उसे वापस लाने में सक्षम होने में मदद करेगा। वे वैश्विक आर्थिक लचीलापन लाने के बारे में जी-20 सत्र के दौरान हस्तक्षेप कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे कर नीति और प्रशासन में सूचना के आदान-प्रदान और आपसी सहायता सुगम बनाने के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं।
पूंजी और प्रौद्योगिकी जुटाने में वृद्धि से कर वंचन और लाभ कमाने के नए अवसर पैदा होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने संधि के दायित्वों के अनुरूप कर उद्देश्यों के लिए सूचना उपलब्ध कराने के लिए खासतौर से कर वंचना के अनुकूल क्षेत्रों को न्याय के कठघरे में लाने का अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए फिर से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में करीबी नीतिगत समन्वय का आहवान किया कि यह न सिर्फ काले धन के चुनौती से निपटने बल्कि आतंकवाद, नशील दवाओं की तस्करी, हथियारों की तस्करी इत्यादि सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हालांकि सभी देशों की अपनी घरेलू प्राथमिकताएं है लेकिन समन्वय के आधार पर किए निर्णय से दीर्घकाल में सबको मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय व्यवस्था को लचीली बनाना साइबर सुरक्षा पर भी निर्भर होगा।