प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अग्रसक्रिय प्रशासन और समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए आईसीटी आधारित मल्टी-मॉडल प्लेटफॉर्म, प्रगति के माध्यम से आज अपने दूसरे संवाद की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच होने वाले गतिरोधों को समाप्त करने के लिए प्रगति की भूमिका को एक माध्यम के तौर पर अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए समाधान तलाशना ही प्रमुख उद्देश्यों में शामिल है। प्रधानमंत्री ने जनजातीय कल्याण के लिए खासतौर पर वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत दिए गए भूमि अधिकारों के लिए किए गए कार्य की आज समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से जनजातीय निवास स्थानों की पहचान करने के लिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने हेतु उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने खासतौर पर देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सम्पर्क को सुधारने के लिए बुनियादी परियोजनाओं में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के त्वरित विकास में बुनियादी ढांचे का विकास ही प्रमुख आधार है। इस संदर्भ में, उन्होंने पश्चिम बंगाल और असम में प्रमुख रेलवे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने भारत-म्यामां-थाईलैंड त्रिकोणीय राजमार्ग की प्रगति की भी समीक्षा की और म्यामां के रंगून और थाईलैंड के बैंकाक में भारतीय राजदूतों के साथ वार्ता की।
श्री नरेन्द्र मोदी ने एलपीजी वितरण से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से लंबित शिकायतों को शीघ्रातिशीघ्र हल करने की अपील के साथ ऐसे प्रबंध अपनाने को कहा ताकि ऐसी समस्यायें पुन: न उभरें। उन्होंने बीएसएनएल उपभोक्ताओं से संबंधित सार्वजनिक शिकायतों पर भी विचार-विमर्श किया और बीएसएनएल की सेवाओं में मजबूती लाने के लिए अधिकारियों से एक रणनीति बनाने को कहा। प्रधानमंत्री ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की लोगों के लिए की गई पहलों के प्रयासों पर भी ध्यान दिया।
प्रधानमंत्री ने हरित ऊर्जा गलियारा परियोजना की प्रगति की भी समीक्षा की और नवीकरणीय ऊर्जा के संबंध में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारत की वचनबद्धता पर बल दिया।
अंत में, प्रधानमंत्री ने सभी अधिकारियों से विभिन्न लंबित मुद्दों और परियोजनाओं पर अग्रसक्रिय रूप से कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन और परियोजना प्रतिपादन की गति सिर्फ उन परियोजनाओं तक के लिए ही समिति नहीं होनी चाहिए जिन्हें प्रगति के अंतर्गत समीक्षा के लिए लाया जा रहा है, बल्कि नागरिकों के कल्याण और सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह सभी लंबित परियोजनाओं के लिए होनी चाहिए।