छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का बयान इस प्रकार है:

” मैं छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ के निमंत्रण पर आज ब्राजील के लिए रवाना हो रहा हूं जो 15-16 जुलाई, 2014 को फोर्टलेज़ा और ब्रासीलिया में हो रहा है।

भारत आर्थिक वृद्धि, शांति और स्थिरता को प्रोत्साहन देने के लिए ब्रिक्स मंच को बहुत महत्व देता है। पिछले पांच शिखर सम्मेलनों और अनेक मंत्रिस्तरीय एवं आधिकारिक प्रक्रियाओं के दौरान, ब्रिक्स ने इन लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में लंबा सफर तय किया है।

ब्राजील में बैठक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दूसरे चक्र में प्रवेश करेगी। हम ऐसे दौरे में मिल रहे हैं जब दुनिया के अनेक भागों में राजनीतिक अस्थिरता, संघर्ष और मानवीय संकट है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरी और जोखिम विद्यमान है। अनेक उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती छाई हुई है जिसने समावेशी और सतत आर्थिक विकास की राह में चुनौतियां बढ़ा दी हैं।

मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को अपने ब्रिक्स साथियों के साथ इस बारे में चर्चा के अवसर के रूप में देखता हूं कि हम क्षेत्रीय संकट दूर करने, सुरक्षा खतरों से निपटने और दुनिया में शांति एवं स्थिरता का माहौल बहाल करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में कैसे योगदान कर सकते हैं। मुझे ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने और वैश्विक आर्थिक स्थिरता एवं समृद्धि की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयासों पर चर्चा की भी उम्मीद है। विशेष रूप से, मुझे नए विकास बैंक और आकस्मिक आरक्षी व्यवस्था जैसी प्रमुख ब्रिक्स पहल के सफल निष्कर्ष तक पहुंचने की भी आशा है, जिसमें 2012 में नई दिल्ली में इनकी शुरुआत से महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इन प्रयासों से ब्रिक्स में वृद्धि और स्थिरता को समर्थन मिलेगा तथा अन्य विकासशील देशों को भी फायदा होगा।

शिखर सम्मेलन के मुख्य विषय ”समावेशी वृद्धि, सतत विकास” से हम 2015 के बाद विकास के कार्यक्रम का खाका खींचने में सफल होंगे जिस पर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा की जा रही है।

यह शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री के रूप में हमारे महत्वपूर्ण वैश्विक सहयोगियों -ब्राजील, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं से मेरी पहली मुलाकात का अवसर भी देगा। मुझे उनके साथ आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करने और वैश्विक एवं क्षेत्रीय घटनाक्रम पर उनके साथ विचारों के आदान-प्रदान के लिए सार्थक बैठक की भी उम्मीद है।

शिखर सम्मेलन ब्राजील में आयोजित की जा रही बैठक में दक्षिण अमरीकी देशों के अनेक नेताओं के साथ बातचीत का अवसर भी देगा। भारत के पारंपरिक रूप से इन देशों के साथ करीबी, स्नेहपूर्ण और परस्पर लाभप्रद संबंध रहे हैं। हमारी आकांक्षाएं और चुनौतियां एक जैसी हैं। इन देशों में भारतीय समुदाय भी भारत के साथ महाद्वीप के स्थायी संपर्क के रूप में काम करता है। दक्षिण अफ्रीका की चहुंमुखी प्रगति इसे संभवतः वैश्विक अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ तथा हमारे लिए असीम अवसरों की भूमि बनाती है। इस वार्ता से हम दक्षिण अमरीका के अपने रिश्तों को प्रगाढ़ करने और उनका विस्तार करने के बारे में नए विचार तलाशेंगे। ”

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