"PM: There is need for a new set-up which will help India take "a big leap forward" in the spirit of cooperative federalism"
"PM: Need for relook at Planning Commission has been raised since 1992"
"नई संस्था की जरूरत है जो भारत को सहकारिता संघ की भावना के साथ आगे बढ़ने में मदद करेगी: श्री नरेंद्र मोदी "
"योजना आयोग पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता 1992 से ही रही है: प्रधानमंत्री "

योजना आयोग के स्थान पर नई संस्था के बारे में मुख्यमंत्रियों के साथ परामर्श बैठक में प्रधानमंत्री का आरंभिक संबोधन

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग के स्थान पर प्रभावशाली संस्था बनाने पर नए सिरे से जोर दिया है। उन्होंने तीन टीमों के संयोग के रूप में टीम इंडिया का वर्णन करते हुए कहा कि यह तीन टीम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्रिपरिषद तथा केंद्र एवं राज्यों में नौकरशाही हैं। प्रधानमंत्री योजना आयोग के स्थान पर नई संस्था लाने के बारे में मुख्यमंत्रियों के साथ परामर्श बैठक में बोल रहे थे।

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सहकारिता संघ की भावना पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य भारत के लिए लंबी छलांग लगाने का अवसर देता है। श्री मोदी ने वृद्धि संबंधी सोच त्यागने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने योजना आयोग के स्थान पर उपयुक्त संस्था बनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि देश की ताकत का उपयुक्त ढंग से लाभ उठाया जा सके।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना आयोग की भूमिका, प्रासंगिकता और पुनर्संरचना पर दो दशकों से बार-बार सवाल उठाए जाते रहे हैं। पहली बार पुनरावलोकन 1992 में आर्थिक सुधारों के आरंभ पर किया गया था जब यह महसूस किया गया कि सरकार की बदलती नीति के मद्देनजर अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है। 2012 में संसदीय सलाहकार समिति ने कहा था कि योजना आयोग पर गंभीर रूप से पुनर्विचार करने और इसके स्थान पर नई संस्था बनाने की आवश्यकता है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल के आखिर में योजना आयोग पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने योजना आयोग की बैठक में भाग लेते हुए महसूस किया था कि राज्यों के विचारों को समाहित करने के लिए बेहतर मंच की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास अब हर किसी की प्राथमिकता है तथा आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए नई व्यवस्था विकसित करने का समय आ गया है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि जब राज्यों को विकसित नहीं किया जाता राष्ट्र को विकसित करना असंभव है। उन्होंने कहा कि ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक बदलाव के लिए भी नीतिगत प्रक्रिया की योजना बनाने की जरूरत है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या हम भारत की ताकत, राज्यों को सशक्त बनाने और सरकार के बाहर होने वाली गतिविधियों सहित सभी आर्थिक गतिविधियों को मुख्यधारा में लाने के लिए नई व्यवस्था विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में राज्य जो विचार प्रकट करेंगे वे योजना आयोग के स्थान पर नई संस्था बनाने में बहुमूल्य सिद्ध होंगे।

योजना आयोग के स्थान पर नई संस्था बनाने के बारे में मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के समापन पर प्रधानमंत्री का संबोधन

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ परामर्श बैठक के समापन पर कहा कि यह बैठक सार्थक रही और सभी मुख्यमंत्रियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

प्रधानमंत्री ने योजना आयोग के संबंध में 30 अप्रैल, 2014 को डॉ. मनमोहन सिंह की टिप्पणियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक योजना आयोग से जुड़े रहे डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि सुधारों के बाद की अवधि में इस निकाय में कोई भविष्योन्मुखी दृष्टि नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बने रहने के लिए योजना आयोग को खुद को नया रूप देना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया अपना भाषण भी याद दिलाया और कहा कि योजना आयोग के स्थान पर ऐसा संगठन लाया जाना चाहिए जो सृजनात्मक रूप से सोच सके, संघीय ढांचे को मजबूत कर सके और राज्यों में ऊर्जा का संचार कर सके।

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प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की रिट्रीट

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने योजना आयोग के स्‍थान पर नई संस्‍था के बारे में मुख्‍यमंत्रियों के साथ बैठक में औपचारिक विचार विमर्श के बाद एक रिट्रीट के रूप में मुख्‍यमंत्रियों से भेंट की।

रिट्रीट अपने तरह का प्रथम कार्यक्रम है, जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री अधिकारियों की सहायता के बिना एक सहज, निजी वातावरण में मिलते हैं और विकास के मुद्दों तथा राज्‍यों में सफलता की विशेष कहानियों पर चर्चा करते हैं। इसका उद्देश्‍य एक दूसरे की सफलताओं से सीखना है ता‍कि अन्‍य राज्‍यों में सफलताओं का अनुकरण किया जा सके।

सभी प्रतिभागियों ने यह महसूस किया कि विचार विमर्श उपयोगी रहा और भविष्‍य में ऐसे कार्यक्रम की पुनरावृत्ति हो सकती है।

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प्रधानमंत्री 26 दिसंबर को नई दिल्ली में वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे
December 25, 2024
प्रधानमंत्री 'सुपोषित पंचायत अभियान' का शुभारंभ करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 26 दिसंबर 2024 को दोपहर करीब 12 बजे को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में बच्चों को देश के भविष्य की नींव के रूप में सम्मानित करने वाले एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम, ‘वीर बाल दिवस’ में शामिल होंगे। इस मौके पर, वो उपस्थित लोगो को संबोधित भी करेंगे।

प्रधानमंत्री 'सुपोषित पंचायत अभियान' का शुभारंभ करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य पोषण संबंधी सेवाओं के कार्यान्वयन को सुदृढ़ करके और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करके पोषण संबंधी परिणामों और कल्याण में सुधार करना है।

युवा लोगो को जोड़ने, इस दिन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और राष्ट्र के प्रति साहस और समर्पण की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देशभर में कई पहलें भी शुरू की जाएंगी। माईगव और माई भारत पोर्टल के जरीये इंटरैक्टिव क्विज़ सहित ऑनलाइन प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। विद्यालयों, बाल देखभाल संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों में कहानी सुनाना, रचनात्मक लेखन, पोस्टर बनाना जैसी दिलचस्प गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) के पुरस्कार विजेता भी मौजूद रहेंगे।