मेरे प्यारे देशवासियों,

मैं दिन भर पंजाब में था और दिल्ली पहुंचने के बाद मेरा मन कर रहा था कि आपसे भी कुछ संवाद करूं। आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक दीर्घकालीन इतिहास है। पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज़ सुनवाई हो, जो हुई, और आज निर्णय आ चुका है। दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया और उस पूरी प्रक्रिया का अब समापन हुआ है।

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साथियों, पूरी दुनिया ये तो मानती ही है की भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है आज दुनिया ने ये भी जान लिया है की भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत है और कितना मज़बूत है। फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने, पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है।

भाइयों और बहनों, भारत जिसके लिये जाना जाता है और हम इस बात का गर्व से उल्लेख भी करते हैं - विविधता में एकता, आज यह मंत्र अपनी पूर्णता के साथ खिला हुआ नज़र आता है, गर्व होता है। हज़ारों साल बाद भी किसी को विविधता में एकता, भारत के इस प्राणतत्व को समझना होगा तो वो आज के ऐतिहासिक दिन का, आज की घटना का ज़रूर उल्लेख करेगा। और यह घटना इतिहास के पन्नो से  उठाई  हुई  नहीं है, सवा सौ करोड़ देशवासी खुद आज एकनया इतिहास रच रहे हैं, इतिहास के अंदर एक नया स्वर्णिम पृष्ठ जोड़ रहे हैं।

साथियों, भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना, बहुत धैर्य से सुना और पूरे देश के लिए खुशी की बात है कि फैसला सर्वसम्मति से आया । एक नागरिक के नाते हम सब जानते है परिवार में भी छोटा मसला सुलझाना हो तो कितनी दिक्कत होती है। ये कार्य सरल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति के दर्शन कराएं हैं । और इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली आज विशेष रूप से अभिनन्दन के अधिकारी हैं।

साथियों, आज 9 नवंबर है , 9 नवंबर ही वो तारीख थी, जब बर्लिन की दीवार गिरी थी। दो विपरीत धाराओं ने एकजुट होकर नया संकल्प लिया था। आज 9 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की शुरुआत हुई है। इसमें भारत का भी सहयोग रहा है, पाकिस्तान का भी। आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही, 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे रही है। आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है। इस विषय को, इन सारी बातों को लेकर कहीं भी, कभी भी, किसी के मन में कोई कटुता रही हो,

तो आज उसे तिलांजलि देने का भी दिन है। नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है।

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साथियों, सर्वोच्च न्यायालय के आज के फैसले ने देश को ये संदेश भी दिया है कि कठिन से कठिन मसले का हल संविधान के दायरे में ही आता है, कानून के दायरे में ही आता है। हमें, इस फैसले से सीख लेनी चाहिए कि भले ही कुछ समय लगे, लेकिन फिर भी धैर्य बनाकर रखना ही सर्वोचित है। हर परिस्थिति में भारत के संविधान, भारत की न्यायिक प्रणाली, यह हमारी महान परंपरा उसपर हमारा विश्वास अडिग रहे, ये बहुत महत्वपूर्ण है।

साथियों, सर्वोच्च अदालत का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी। आइए एक नई शुरुआत करते हैं। अब नए भारत का निर्माण करते हैं। हमें अपना विश्वास और विकास इस बात से तय करना है कि मेरे साथ चलने वाला कहीं पीछे तो नहीं छूट रहा। हमें सबको साथ लेकर, सबका विकास करते हुए और सबका विश्वास हासिल करते हुए आगे ही आगे बढ़ते ही जाना बढ़ना है।

साथियों, राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है। अब देश के हर नागरिक पर राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। इसके साथ ही, एक नागरिक के तौर पर हम सभी के लिए देश की न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना, नियम-कायदों का सम्मान करना,

ये दायित्व भी पहले से अधिक बढ़ गया है। अब समाज के नाते, हर भारतीय को अपने कर्तव्य, अपने दायित्व को प्राथमिकता देते हुए काम करना हमारे लिए, उज्जवल भविष्य के लिए बहुत अनिवार्य है। हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, हमारी शांति, हमारा सद्भाव, हमारा स्नेह, देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें भविष्य की ओर देखना है, भविष्य के भारत के लिए काम करते रहना है। भारत के सामने, चुनौतियां और भी हैं, लक्ष्य और भी हैं, मंजिलें और भी हैं। हर भारतीय, साथ मिलकर, साथ चलकर ही इन लक्ष्यों को प्राप्त करेगा, मंजिलों तक पहुंचेगा। मैं फिर एक बार आज 9 नवंबर के इस महत्वपूर्ण दिन  को याद करते हुए, आगे बढ़ने का संकल्प लेते हुए, आप सबको आने वाले त्योहारों की, कल ईद का एक पवित्र त्यौहार है, उसके लिए भी बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ । धन्यवाद !

 

 

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Prime Minister welcomes Amir of Qatar H.H. Sheikh Tamim Bin Hamad Al Thani to India
February 17, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi extended a warm welcome to the Amir of Qatar, H.H. Sheikh Tamim Bin Hamad Al Thani, upon his arrival in India.

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The Prime Minister said in X post;

“Went to the airport to welcome my brother, Amir of Qatar H.H. Sheikh Tamim Bin Hamad Al Thani. Wishing him a fruitful stay in India and looking forward to our meeting tomorrow.

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@TamimBinHamad”