प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग से कहा है कि वह साइबर सुरक्षा की वैश्विक चुनौती पर ध्यान दे। इस मुद्दे पर समूचा जगत की चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय आइटी प्रॅफेशनल दुनिया भर में डिजिटल असेट की साइबर सुरक्षा के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने नैसकॉम के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। भारत में आइटी क्षेत्र नैसकॉम के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने थोड़े समय में विरले ही कोई संगठन आंदोलन का रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि यह आइटी सेक्टर में भारतीय युवा वर्ग की सफलता ही है जिसके कारण दुनिया ने भारत की तरफ कुछ हटकर देखना आरंभ किया है।
इस कार्यक्रम के मुख्य विषय आइटी - कल का भारत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय आइटी सेक्टर में नवाचार के लिए असीम संभावना है तथा नागरिक केंद्रित सेवाएं एवं मोबाइल गवर्नेन्स के लिए मोबाइल एप्लिकेशन उपलब्ध कराने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। डिजिटल इंडिया पहल के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेन्स से प्रशासन और आर्थिक प्रशासन आसान होता है। उन्होंने कहा कि सरकार आइटी बुनियादी ढांचा बना रही है तथा आइटी उद्योग नवाचार अपनाएगा। डिजिटल डाटाबेस के बारे में उन्होंने कहा कि दुनिया को निकट भविष्य में डिजिटल गोदामों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल अंतर को दूर करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रौद्योगिकी कैसे भ्रष्टाचार से निपटने में मदद कर रही है। उन्होंने इस संबंध में कोयला खंड नीलामी और रसोई गैस सब्सिडी के संबंध में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री ने भारतीय आइटी क्षेत्र से अनुरोध किया कि भारत में पर्यटन को बढ़ावा दे। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए भारतीय विरासत को दिखाने के लिए वच्र्यअल संग्रहालय बनाने होंगे। प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से कहा कि वह विद्यालयों में ई-पुस्तकालय बनाने में योगदान दे।
प्रधानमंत्री ने उद्योग मेंे योगदान के लिए इम्पेक्ट अवार्ड भी प्रदान किए। उन्होंने इस क्षेत्र में नवाचार का प्रोत्साहन देने के लिए इंडिया चैलंेज के लिए नैसकॉम की नई पहल का भी शुभारंभ किया।