प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज हनोई, वियतनाम में कुआन सू पगोडा का दौरा किया और भिक्षुओं से विचार-विमर्श किया।
उन्होंने इस पवित्र स्थान पर प्रार्थना की और भिक्षुओं ने उनका भव्य स्वागत किया।
भिक्षुओं से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पगोडा का दौरा उनका सौभाग्य है और उन्होंने याद दिलाया कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद में 1959 में इस पगोडा का दौरा किया था।
भारत और वियतनाम के बीच 2000 वर्ष पुराने संबंधों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग युद्ध करने आए थे और भारत शांति का संदेश, बुद्ध का संदेश लेकर यहां पहुंचा, जो कायम रहा।
उन्होंने कहा कि विश्व को शांति के पथ पर अग्रसर होना चाहिए, इससे ही आनंद और समृद्धि की प्राप्ति हो सकेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बौद्ध धर्म समुद्र के रास्ते भारत से वियतनाम आया और इस प्रकार वियतनाम को बुद्धवाद का शुद्धत्तम स्वरूप प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि भारत आए भिक्षुओं के चेहरे में तेजस्विता देखी है और भारत की यात्रा करने के इच्छुक लोगों के मन मस्तिष्क में महान जिज्ञासा का भाव पाया है।
प्रधानमंत्री ने भिक्षुओं को बुद्ध की भूमि और विशेषकर उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी आने का निमंत्रण दिया।