प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री श्री स्टीफन हार्पर ने आज वैंकूवर में गुरुद्वारा खालसा दीवान का दौरा किया।
गुरुद्वारा खालसा दीवान में अपनी टिप्पणियों के दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात में लाखपत में गुरुद्वारा के पुनर्निर्माण का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि लाखपत स्थित गुरुद्वारा, जहां गुरु नानक 15 दिनों के लिए ठहरे थे, 2001 के भूकंप में ध्वस्त हो गया था और उसका पुनर्निर्माण सफलतापूर्वक किया गया।
प्रधानमंत्री ने गुरु नानक के संदेश का उद्धरण दिया कि "कर्मभूमि पर फल के लिए श्रम सबको करना पड़ता है, रब सिर्फ लकीरें देता है, रंग हम सबको भरना पड़ता है" और कहा कि हम सबको जीवन में इंसानियत का रंग भरना चाहिए और मानवता की सेवा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री श्री मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री श्री हार्पर ने कोमागाटामारू संग्रहालय का भी दौरा किया।
लक्ष्मी नारायण मंदिर में अपनी टिप्पणियों में प्रधानमंत्री ने कनाडा के प्रधानमंत्री और कनाडा के लोगों का गर्मजोशी से स्वागत और आवभगत के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हिन्दुवाद को जीवन का एक मार्ग बताया है। उन्होंने उपस्थित जन-समूह से प्रकृति और करुणा के साथ संतुलन बनाते हुए वैज्ञानिक तरीके से जीवन जीने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपनाया है और 177 देशों ने भारत के प्रस्ताव का सह-प्रायोजन किया था। उन्होंने कहा कि योग में आधुनिक जीवन के तनाव पर विजय पाने में विश्व को मदद देने की काफी क्षमता है। उन्होंने लोगों से इस संदेश को प्रचारित करने का आग्रह किया।