प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में जर्मनी की चांसलर डॉ. एंजेला मर्केल के साथ गांधी स्मृति का दौरा किया।

प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष जर्मनी की चांसलर की अगवनी की। इस मूर्ति को प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मभूषण श्री राम सुतार ने बनाया है।

इस स्थल के महत्व का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने डॉ. मर्केल को बताया कि गांधी स्मृति वह स्थान है जहां महात्मा गांधी ने अपने जीवन के कुछ महीने गुजारे थे और 30 जनवरी, 1948 को उनकी हत्या हुई थी।

दोनों विश्व नेताओं ने उसके बाद संग्रहालय का दौरा किया। संग्रहालय में प्रतिष्ठित कलाकार श्री उपेन्द्र महारथी तथा शांतिनिकेतन के श्री नंद लाल बोस की छात्रा इंडो-हंगेरियन चित्रकार एलिजाबेथ ब्लूनर द्वारा बनाए रेखाचित्रों और पेंटिंगों का अवलोकन किया। उन्होंने श्री बिराद राजाराम याज्ञनिक द्वारा तैयार डिजिटल वीथिका को भी देखा, जो अहिंसा और सत्यग्रह की विषयवस्तु पर बनी है।

इसके बाद दोनों नेताओं ने संग्रहालय में विविध डिजिटल अधिष्ठापनाओं को देखा जिनमें महात्मा गांधी के बारे में अलबर्ट आइंस्टीन का कथन शामिल है। इसके अलावा 107 देशों में गाये जाने वाले ‘वैष्णव जन तो’ का गायन संबंधी इंटरऐक्टिव कियॉस्क भी देखा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी की चांसलर डॉ. एंजेला मर्केल ने शहीद स्तंभ पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और पुष्प अर्पित किए।

 

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
Oman, India’s Gulf 'n' West Asia Gateway

Media Coverage

Oman, India’s Gulf 'n' West Asia Gateway
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन पर शोक व्यक्त किया
December 23, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री मोदी ने कहा कि हिंदी साहित्य जगत में उनके अमूल्य योगदान का सदैव समरण किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा:

"ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। हिन्दी साहित्य जगत में अपने अमूल्य योगदान के लिए वे हमेशा स्मरणीय रहेंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।"