प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज मुंबई में परमाणु ऊर्जा विभाग गएं। श्री मोदी पहली बार यहां आए। परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. आर.के.सिन्हा तथा भाभा परमाणु रिसर्च केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री को भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम, व्यापक अनुसंधान और विकास, शैक्षिक कार्यक्रमों तथा स्वास्थ्य विशेषकर कैंसर के इलाज, खाद्य सुरक्षा ठोस कचरा प्रबंधन तथा जल सफाई के बारे में जानकारी दी।
परमाणु ऊर्जा विभाग की हीरक जयंती 3 अगस्त को है। इसकी चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने परमाणु ऊर्जा विभाग से जयंती को पूरे वर्ष मनाने संबंधी कार्यक्रम तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का जोर परमाणु विज्ञान के मानवीय तथा विकास पक्षों पर होना चाहिए। इसे विशेष रूप से पूरे देश के स्कूलों और कॉलेजों तक ले जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने परमाणु ऊर्जा विभाग से कहा कि वह पूरी दुनिया में परमाणु विज्ञान में भारत की क्षमता का मानवीय पक्ष प्रस्तुत करे।
प्रधानमंत्री को परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा अपनाए गए सुरक्षा कदमों तथा इस मामले में भारत के शानदार रिकॉर्ड के बारे में बताया गया। प्रधानमंत्री के चार घंटे के दौरे में उन्हें ध्रुव अनुसंधान रियेक्टर सहित बीएआऱसी की अत्याधुनिक सुविधाओं को दिखाया गया।
प्रधानमंत्री ने सर्वाधिक जटिल तथा चुनौतीपूर्ण विज्ञान टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की असाधारण उपलब्धियों की भरपूर प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय की सफलता विशेष रूप से सराहनीय है क्योंकि वर्षों तक अंतर्राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी उपलब्ध न कराने का माहौल रहा। उन्होंने कहा कि परमाणु ईधन चक्र में भारत की आत्मनिर्भरता तथा स्वदेशी रियक्टरों की वाणिज्यिक सफलता से यह साबित हो गया है कि दृष्टि, निश्चय तथा कठिन कार्य के बल पर भारत सर्वाधिक चुनौती वाले क्षेत्रों में शीर्ष स्थान पर पहुंच सकता है।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ तथा विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत पर आधारित ऊर्जा सुरक्षा की महत्ता के प्रति अपनी मान्यता को दोहराया। उन्होंने भारत की ऊर्जा रणनीति में परमाणु ऊर्जा की आवश्यक भूमिका को मांग के आकार के संदर्भ में देखा।
प्रधानमंत्री ने परमाणु ऊर्जा विभाग के महत्वकांक्षी विस्तार कार्यक्रम को लागू करने में पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और आशा व्यक्त की कि परमाणु ऊर्जा विभाग संभावित लागत के अंदर 2023-24 तक 5780 मेगावॉट की वर्तमान क्षमता से 3 गुना क्षमता बढाने के लक्ष्य को पूरा कर लेगा।
उन्होंने परमाणु ऊर्जा को वाणिज्यिक रूप से व्यावहारिक बनाने तथा दीर्घकालिक दृष्टि से स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों में स्पर्धी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा विभाग से दीर्घकालिक योजनाओं तथा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप टेक्नोलॉजी को निरंतर रूप से उन्नत बनाए रखने को कहा । उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग को देश में पर्याप्त कौशल संपन्न मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए योजना तैयार करनी चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए परमाणु सुरक्षा उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने परमाणु ऊर्जा विभाग से यह सुनिश्चित करने को कहा कि भारत के मानक तथा कार्यप्रणाली विश्व में सर्वाधिक आधुनिक हों। उन्होंने विभाग से परमाणु ऊर्जा विभागों के नियोजन तथा उन्हें लागू करने में स्थानीय समुदाय के प्रति विशेष ध्यान देने को कहा।
प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि परमाणु कार्यक्रम के लिए उपकरण तथा प्रणालियां उपलब्ध कराने में उद्योग जगत की भूमिका बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्य में मदद के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन ढांचा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने महत्वकांक्षी विस्तार कार्यक्रम के लिए निवेश के अतिरिक्त साधन जुटाने होंगे। उन्होंने परमाणु ऊर्जा में भारत की बढ़ती वैश्विक साझेदारी का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि तकनीकि आर्थिक व्यवहारिकता तथा सुरक्षा मानकों की आवश्यकतों के अनुरूप चालू परियोजनाएं समय पर कार्यान्वित की जाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के लिए तकनीक हस्तांतरण उनकी दृष्टि का प्रमुख तत्व है।
प्रधानमंत्री ने टाटा मेमोरियल अस्पताल के जरिए कैंसर अनुसंधान तथा इलाज जैसे गंभीर क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ऊर्जा विभाग चंडीगढ़ तथा विशाखापत्तनम में शुरू होने वाली योजनाओं को शीघ्र लागू करेगा और एशिया में कैंसर इलाज के अत्याधुनिक मानकों को देश के अन्य भागों तक ले जाएगा।
प्रधानमंत्री ने परमाणु ऊर्जा विभाग को स्वास्थ्य, कचरा प्रबंधन, जल शोधन, कृषि तथा खाद्य संरक्षण जैसे क्षेत्रों में परमाणु विज्ञान को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाने के लिए अनुसंधान बढ़ाने के विशेष प्रयास करने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री ने परमाणु ऊर्जा विभाग को हीरक जयंती के अवसर पर धन्यवाद दिया और भविष्य में निरंतर सफलता का कामना की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल, बीएआरसी के निदेशक, एईआरसी के सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव श्री जावेद अशरफ तथा प्रधानमंत्री के निजी सचिव श्री विक्रम मिसरी तथा श्री संजीव सिंगला भी मौजूद थे।