प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज रोमा स्ट्रीट पार्कलैंडस, ब्रिसबेन में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर श्री मोदी ने इस कार्यक्रम के आयोजक श्री हेमन्त नायक का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह(श्री मोदी) गुजरात के मुख्यमंत्री भी नहीं बने थे तभी से उनका सपना महात्मा गांधी की प्रतिमा का स्थापना रहा था। उन्होंने श्री नायक का लोगों में व्याप्त उस धारणा में बदलाव लाने के प्रति भी आभार व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद ही श्री मोदी, महात्मा गांधी का स्मरण करने लगे है। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह कभी नही सोचा था कि इस प्रतिमा की स्थापना एक दिन वास्तविकता में बदल जाएगी अथवा इसका अनावरण करने का सौभाग्य उन्हें मिलेगा। उन्होंने इस क्षण को एक दैवी संदेश से कम नहीं माना है।
श्री मोदी ने कहा कि यह कोई साधारण नहीं बल्कि एक ऐतिहासिेक युग की शुरूआत थी, जब 2 अक्टूबर, 1869 को महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। गांधी जी आज भी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक हैं। श्री मोदी ने हाल ही में सम्पन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में उठाए गए मुद्दों जैसे वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी और आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि गांधी जी का जीवन इन समस्याओं से निपटने का उत्तर देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई सदियों से मानव समुदाय की प्रवृति, प्रकृति का शोषण करने की रही है। महात्मा गांधी ने हमें हमेशा यह बताया था कि हमें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर उन्हें आधा गिलास पानी की आवश्यता होती तो वह कभी पूरा गिलास पानी स्वीकार नही करेंगे, और कागज को बचाने के लिए वह इस्तेमाल किए गए लिफाफे की दूसरी तरफ लिखेंगे। श्री मोदी ने कहा कि अगर पूरा विश्व महात्मा गांधी के उदाहरणों का अनुकरण करता है तो पर्यावरण के लिए काफी कुछ किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के लिए अहिंसा एक धर्म की तरह ही था और वह शाब्दिक हिंसा के खिलाफ भी थे। उन्होंने कहा कि अगर हम महात्मा गांधी के संदेशों को जीवन में आत्मसात करें और सभी का सम्मान करें तो पूरा विश्व अच्छा हो सकता है। इस अवसर पर क्वींसलैंड के गवर्नर पाल डी जर्सी और ब्रिसबेन के लॉर्ड मेयर काउंसलर ग्राहम किर्क भी उपस्थित थे।