भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "आज आपातकाल के 40 वर्ष हो रहे हैं. वो आपातकाल जिसे भारत की राजनीति का सबसे काला अध्याय माना जाता है, जब तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने हमारे लोकतंत्र को रौंद डाला था।
जयप्रकाश नारायण के आह्वाहन पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए भारत भर में चल रहे आंदोलन में कई पुरुष और महिला निःस्वार्थ भाव से कूद पड़े थे।
हमें उन लाखों भारतीयों पर गर्व है जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और जिनके प्रयासों के कारण हमारा लोकतंत्र आज सुरक्षित है।
व्यक्तिगत तौर पर आपताकाल ने कई यादें ताजा कर दी हैं। आपातकालविरोधी आंदोलन ने युवा के रूप में हमें काफी कुछ सीखने का मौका दिया।
आपातकाल के कारण लोकतंत्र को फिर से बहाल करने के लिए हमें महत्वपूर्ण संस्थाओं और बड़े बड़े नेताओं के साथ काम करने का महान अवसर मिला।
एक जीवंत और उदार लोकतंत्र विकास की कुंजी है. आइए हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों और मूल्यों को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करें।"
We mark 40 years of one of India's darkest periods- the Emergency, when the then political leadership trampled over our democracy.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2015
Inspired by the call of JP, several men & women across India selflessly immersed themselves in the movement to safeguard our democracy.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2015
We are very proud of the lakhs of people, who resisted the Emergency & whose efforts ensured that our democratic fabric is preserved.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2015
Personally, the Emergency brings back many memories. As youngsters, we learnt a lot during the anti-Emergency movement.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2015
Emergency was a great opportunity to work with a wide spectrum of leaders & organisations fighting for the same goal- return of democracy.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2015
A vibrant liberal democracy is the key to progress. Let us do everything possible to further strengthen our democratic ideals & ethos.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2015