प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल लक्षद्वीप, तमिलनाडु और केरल का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ द्वारा मचाई गई तबाही के बाद वहां उत्पन्न स्थिति का जायजा लेंगे और इसके साथ ही वह कावारत्ती, कन्याकुमारी और तिरुअनंतपुरम में राहत कार्यों की ताजा स्थिति की समीक्षा करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री इसके साथ ही मछुआरों एवं किसानों के प्रतिनिधिमंडलों सहित तूफान से प्रभावित लोगों से भी मुलाकात करेंगे।
नवम्बर के आखिर और दिसम्बर, 2017 के आरंभ में चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ द्वारा मचाई गई भारी तबाही से केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के कई हिस्से बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान चक्रवाती तूफान से उत्पन्न स्थिति पर निरंतर करीबी नजर रखी। इसके साथ ही उन्होंने सभी संबंधित प्राधिकरणों और अधिकारियों से गहन बातचीत की।
रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 3 एवं 4 दिसम्बर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले और तिरुअनंतपुरम में चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। कैबिनेट सचिव श्री पी.के. सिन्हा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक 4 दिसम्बर को आयोजित की गई और इस दौरान चक्रवाती तूफान से प्रभावित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गई।
केंद्र के साथ-साथ तूफान से प्रभावित राज्यों की सरकारी एजेंसियां इस दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में निरंतर जुटी रहीं। इनमें तटरक्षक, वायु सेना, नौसेना और एनडीआरएफ भी शामिल हैं। चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर लगाए गए। केंद्र सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों में पूरक सहयोग के तौर पर चालू वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान केरल एवं तमिलनाडु सरकारों को राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) की दूसरी किस्त जारी कर दी है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान केरल और तमिलनाडु की राज्य सरकारों के लिए एसडीआरएफ का केंद्रीय हिस्सा क्रमश: 153 करोड़ एवं 561 करोड़ रुपये है।
जब चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ 5 दिसम्बर के बाद निरंतर कमजोर पड़ने लगा, तो प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर ट्वीट कर इस प्रतिकूल हालात से निपटने के लिए प्रभावकारी तैयारियां करने और आम जनता की भरसक सहायता करने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों, विभिन्न राज्य सरकारों, स्थानीय प्रशासनों और सतर्क नागरिकों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
इससे पहले प्रधानमंत्री समय-समय पर ट्वीट कर चक्रवाती तूफान से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराने के बारे में देश की आम जनता को जानकारी देते रहे थे। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने इस चक्रवाती तूफान से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए देशवासियों को प्रेरित भी किया।