अपने आवास पर सचिवों का साथ एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, "हम एक टीम हैं। आइए प्रशासन में खुलापन लाएं, साथ आएं और साथ मिलकर काम करें।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "अच्छी बातें होने लगी हैं।" उन्होंने सचिवों को आगामी संघीय बजट के लिए नए विचारों और प्रस्तावों के साथ आने के लिए कहा। उन्होंने सभी सरकारी विभागों से कहा कि वो बजट संबंधी प्रक्रियाओं को तीन महीने पहले पूरा करें, ताकि 31 अप्रैल को जैसे ही नया वित्तीय वर्ष शुरू हो, नए बजट के प्रावधानों के अनुसार तत्काल काम शुरू किया जा सके। उन्होंनें सरकार द्वारा आउटपुट की जगह आउटकम पर जोर देने के लिए भी कहा।
स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें मिल रहे फीडबैक के आधार पर लोगों के व्यवहार में बदलाव आने लगा है, और ये पूरा अभियान आम लोगों द्वारा संचालित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सफाई संसाधन नहीं, बल्कि आदत से संबंधित है।
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि सभी सचिव अपनी पहली पोस्टिंग के स्थान पर दो दिन के लिए जाएं, इससे उन्हें नीति निर्माण के लिए नया नजरिया मिलेगा।
उन्होंने आश्वासन दिया कि कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा और सचिवों से निडर होकर देश के हित में काम करने के लिए कहा। इस दौरान सचिवों ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपने विचारों को रखा।
उन्होंने पिछले पांच महीनों के दौरान उनके द्वारा शुरू की गई पहल के बारे में बताया, और सुझाव दिया कि निकट भविष्य में और क्या किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्र के लिए काम करने की एक नई दिशा मिली है।
ये प्रधानमंत्री की सचिवों के साथ ऐसी दूसरी भेंट थी। पहली भेंट इस साल चार जून को हुई थी। इस बातचीत के दौरान 80 से अधिक सचिव स्तर के अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और अतिरिक्त प्रधान सचिव के अलावा केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्री अरुण जेटली और श्री वैंकेय्या नायडू भी उपस्थित थे।