प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां कहा कि वर्तमान वैश्विक वातावरण एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है, जिसमें विश्व भारत को अपनाने का अत्यन्त इच्छुक है, और राष्ट्र पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। विश्वभर में तैनात भारतीय मिशनों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे इस बेजोड़ अवसर का लाभ उठाएं ताकि मात्र संतुलन कायम करने वाली ताकत की बजाय भारत एक प्रमुख भूमिका का निर्वाह कर सके।
भारतीय मिशनों के प्रमुखों की भूमिका पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ''आप गरिमापूर्ण धरोहर के सशक्त प्रतिनिधि हैं''। उन्होंने कहा कि आपको भारत की विकास प्राथमिकताओं का प्रचार करने विदेशों में भारत के हितों को प्रोत्साहित करने के लिए अथक प्रयास करने चाहिए।
उन्हें 21 वीं सदी की चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व शांति और समृद्धि के समक्ष नए खतरे उत्पन्न हुए हैं और इन चुनौतियों से निपटने में दुनिया की सहायता करने के लिए भारत को बड़ी जिम्मेदारी का निर्वाह करना है।
जलवायु परिवर्तन की चुनौति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रमुख भूमिका का निर्वाह अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति से प्रेम भारतीय संस्कृति का हिस्सा है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रिकॉर्ड समय में पारित कराने का श्रेय भारतीय राजनयिक समुदाय को प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग को तनाव का समाधान करने सहित दुनिया के लागों की रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान करने के साधन के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने भारत वंशियों को देश की बड़ी ताकत के रूप में मान्यता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस ताकत को बढ़ाने में मिशन प्रमुखों को नए उपाय अवश्य करने चाहिए।
इस अवसर पर विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, विदेश राज्यमंत्री श्री वी के सिंह और विदेश सचिव श्रीएस जय शंकर भी मौजूद थे।