प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थायी सदस्यता का कड़ा समर्थन किया और विश्वास व्यक्त किया कि दुनिया भारत की क्षमताओं को शीघ्र जानेगी और स्वीकार करेगी। प्रधानमंत्री ने पेरिस में कैरोसेल डि लौवरे में सामुदायिक स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ”विश्व भारत को जानेगा भी और मानेगा भी ”।
प्रधानमंत्री ने पिछले दो दिनों में फ्रांस में अपने कार्यक्रम के बारे में बात की और नव शैपल में प्रथम विश्व युद्ध स्मारक में अपनी यात्रा पर बल दिया। उन्होंने इस स्मारक को देखकर बहुत गर्व अनुभव किया जो उन भारतीय योद्धाओं की बहादुरी का प्रमाण है जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपनी जान बलिदान की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व को उस बलिदान की भावना को मानना चाहिए जो भारत के लिए अनूठी है। उन्होंने कहा कि उन सैनिकों ने न सिर्फ अपने देश की रक्षा के लिए बल्कि फ्रांस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्मारक में आकर वह यह संदेश देना चाहते थे कि विश्व को भारत के बारे में अपनी धरणा बदलनी चाहिए क्योंकि वह ऐसा देश है जो दूसरों के लिए बलिदान कर सकता है।
श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने दूसरे देशों पर कभी हमला नहीं किया और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में विपुल योगदान दिया है। फिर भी, भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे दिन गए जब भारत स्थायी सीट के लिए याचना किया करता था। उन्होंने दुहराया कि अब भारत अपने अधिकार की मांग करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध और गांधी की भूमि होने के नाते, भारत में बहुत नैतिकता है। उन्होंने आशा प्रकट की कि संयुक्त राष्ट्र इस वर्ष अपनी स्थापना की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस बात पर सावधानी से विचार करेगा।
प्रधानमंत्री ने खुशी प्रकट की कि उनकी बात रियूनियन आइलैंड और ग्वादालौप सहित दुनिया के विविध भागों में आइलैंड टेरीटरीज में फ्रैंच अनुवाद के साथ प्रसारित की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन द्वीपों में भी भारतीय मूल के ढाई लाख लोग रहते हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस में भारतीय मूल के बहुत से लोग रहते हैं जो अब छोटे हैं या भारत में अपने पुरखों के बारे में उन्हे कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत को अब भी उनकी फिक्र है क्योंकि उनके पासपोर्ट के रंग भले ही बदल गए हों लेकिन उनका डीएनए एक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें अपनी सरकार के दस महीनों के अनुभव के आधार पर विश्वास है कि सभी भारतीयों की आशा और आकांक्षा पूरी होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना, रसोई गैस सब्सिडी का प्रत्यक्ष नकद अंतरण और कोयला खंड नीलामी की सफलता सहित नई सरकार की कुछ पहल के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया पहल के प्रति फ्रांस में गजब की रुचि पैदा हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की सभी नीतियों का मकसद भारत के युवाओं के लिए रोजगार सृजन है। उन्होंने कहा कि भारत की युवा आबादी उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
From my experience I can say that India has no reason to remain poor: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 11, 2015
This is the opportunity to give the land of Mahatma Gandhi & Lord Buddha its due. We are not begging, we are seeking what is our right: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 11, 2015
India is a Nation that has always believed in world peace: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 11, 2015
PM speaks about the bravery of Indian soldiers during the First World War. https://t.co/heLGk2kNJn
— PMO India (@PMOIndia) April 11, 2015
Here is the Tweet that the PM spoke about during the civic reception a short while ago. https://t.co/fNJQqt4OZv
— PMO India (@PMOIndia) April 11, 2015
Last public event in France - also the largest in number - PM @narendramodi addresses Indian community in Paris. pic.twitter.com/GPUAeVCIPI
— Syed Akbaruddin (@MEAIndia) April 11, 2015
1st experience At 1st public meeting in Europe, PM @narendramodi urges overseas Indians to maintain links with India pic.twitter.com/WJAcNH6E6x
— Syed Akbaruddin (@MEAIndia) April 11, 2015