प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गौरखपुर में गौरखनाथ मंदिर का दौरा किया। उन्होंने मंदिर में महंत अवैद्यनाथ जी की प्रतिमा का अनावरण और शीर्ष साधु-संतों को संबोधित किया। उन्होंने महंत अवैद्यनाथ के साथ अपने संबंधों को याद किया और कहा कि हमारे साधु-संत बहुत श्रेष्ठ हैं और समाज और गरीबों के प्रति सदैव दयावान रहे हैं।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने गौरखपुर उर्वरक संयंत्र के पुनरूत्थान और गौरखपुर एम्स की आधारशिला का अनावरण किया। प्रधानमंत्री को दोनों परियोजनाओं की विशेषताओं पर संक्षिप्त प्रस्तुतियां दी गयी।
इस अवसर पर विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत के संतुलित विकास के लिए पूर्वी भारत का विकास बहुत आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने उर्वरक संयंत्रों को बंद करने और युवाओं को रोजगार न मिलने को अस्वीकार्य बताया, जबकि विदेशों से उर्वरक आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस उर्वरक इकाई को पुनः आरंभ करने से राज्य का औद्योगिक रूप परिवर्तन हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि किस प्रकार संसाधनों का आवंटन किया जाए, जिससे कि क्षेत्र में लोग स्वस्थ एवं सुखी जीवन व्यतीत कर सकें। इस क्षेत्र की असीम पर्यटन क्षमता को नोट करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नई नागरिक उड्डयन नीति में क्षेत्रीय संपर्क को प्राथमिकता दी गई है, जिससे कि पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।