सेशेल्स ने दिखाया है कि क्षेत्रफल का कम होना उपलब्धियों के मार्ग में बाधा नहीं बन सकता: प्रधानमंत्री
सेशेल्स भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
सुरक्षा, ख़ासकर हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा में हमने उत्कृष्ट सहयोग दिया है: प्रधानमंत्री
भारत-सेशेल्स के बीच संपर्क सुविधा को और अधिक आसान बनाने के लिए हवाई सेवा करार: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए सेशेल्स की सराहना की
भारत और सेशेल्स क्षेत्रफल की दृष्टि से अलग-अलग हैं लेकिन दोनों देशों के बीच संबंध अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी का एक बेहतरीन मॉडल पेश करते हैं: पीएम

म‍हामहिम राष्‍ट्रपति श्री माइकल,

मीडिया के सदस्‍य,

विशिष्‍ट मित्र का घर में स्‍वागत करने में बहुत आनंद आता है और राष्‍ट्रपति श्री माइकल निश्चित ही एक खास मित्र हैं।

इस वर्ष मार्च में राष्‍ट्रपति माइकल द्वारा अतिथि सत्‍कार के बाद आज उनकी आगवानी कर मुझे खुशी महसूस हो रही है।

उन्‍होंने अपने राष्‍ट्र का निर्माण महान परिकल्‍पना के साथ किया है। विशेष रूप से छोटे द्वीपीय देशों के लिए वैश्विक स्‍तर पर जलवायु परिवर्तन के बारे में वे मजबूती से अपना पक्ष रखते हैं।

महामहिम, जिस प्रकार हम आपके देश की सुंदरता की प्रशंसा करते हैं उस तरह हम आपके देश की प्रगति की भी सराहना करते हैं।

मैंने जो सेशल्‍स में कहा था वह एक बार फिर कहना चाहता हूं : आपके देश ने यह दिखा दिया है कि उपलब्धियों के पैमाने पर आकार बाधा नहीं है।

राष्‍ट्रपति श्री माइकल हमारे संबंधों में प्रगति के लिए भी जिम्‍मेदार हैं और हम इसे बहुत महत्‍व देते हैं क्‍योंकि सेशल्‍स भारत का एक महत्‍वपूर्ण रणनीतिक सहयोगी है।

जिस प्रकार हमारे हितों की सीमा चौड़ी है उसी प्रकार हमारे संबंधों- हमारी साझा मान्‍यताओं, अपनापन, आपसी सम्‍मान और भरोसा तथा समानता की साझेदारी की आधारशिला भी बहुत गहरी है। मुझे खुशी है कि मार्च में मेरी सकारात्‍मक यात्रा के दौरान लिये गये फैसलों पर हम अच्‍छी प्रगति कर रहे हैं। राष्‍ट्रपति श्री माइकल की यात्रा से हमारे संबंधों को और गति मिली है।

हमारे बीच विशेष रूप से हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा के लिए बेहतरीन सुरक्षा सहयोग है। हम निगरानी क्षमता मजबूत करने के लिए विमान, नौसैनिक जहाज और तटवर्ती रॉडार पद्धति प्रदान करने में साझेदार के रूप में सम्‍मानित महसूस करते हैं। जलालेख सर्वेक्षण में हमारा सहयोग व्‍यापक हुआ है और बढ़ रहा है। मैंने बताया है कि भारत एक और अवरोधक तटरक्षक सेना नौका सेशल्‍स को भेंट करेगा।

मार्च में मैंने घोषणा की थी कि हम सेशल्‍स को दूसरा डोर्नियर विमान उपहार में देंगे। मुझे खुशी है कि हमने प्रक्रिया तेजी से पूरी कर ली है और आज समझौते पर हस्‍ताक्षर कर दिए हैं। राष्‍ट्रपति और मैं समुद्री  या नीली अर्थव्‍यवस्‍था पर जोर देते हैं। मेरा और उनका विश्‍वास है कि हमें छोटे द्विपीय देशों को भारी संभावनाओं से भरे, बड़े महासागर राष्‍ट्रों के रूप में देखना चाहिए।

हमें खुशी है कि हाल ही में संयुक्‍त राष्‍ट्र में सतत विकास लक्ष्‍यों को हासिल करने के फैसले में महासागर और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग को एक स्‍पष्‍ट अवयव बताया गया।

नीली अर्थव्‍यवस्‍था पर सहयोग के लिए हमारा द्विपक्षीय समझौता हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने और क्षेत्र में सतत समुद्री अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने में एक बड़ा कदम है।

हम, भू एवं समुद्री संसाधनों के प्रबंधन, मत्‍स्‍य पालन परामर्श, मौसम की भविष्‍यवाणी और आपदा प्रबंधन सहित अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी सहयोग करना चाहते हैं।  

हमने सेशल्‍स में मान्‍यताप्राप्‍त द्वीप पर बुनियादी ढांचा विकास के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

हमने मार्च में संपर्क बेहतर बनाने के बारे में बात की थी। आज वायु सेवा समझौते से दोनों देशों के बीच अधिक और सुगम संपर्क हो सकेगा।

जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख वैश्विक चुनौती है। यह सेशल्‍स जैसे द्विपीय देशों के लिए गंभीर खतरा है। 7,500 किलोमीटर की तटरेखा और करीब 1300 द्वीपों वाले भारत की भी यही चिंता है।

अधिक चिरस्‍थायी भविष्‍य के लिए दोनों देशों की महत्‍वकांक्षी राष्‍ट्रीय योजनाएं हैं। हम, इस वर्ष के अंत में पेरिस में सीओपी-21 में जलवायु परिवर्तन पर समेकित, संतुलित और प्रभावी परिणाम के लिए भी मिलकर कार्य करेंगे।

मैंने इस बार संयुक्‍त राष्‍ट्र के 70वें स्‍थापना वर्ष में संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद सहित उसमें सुधार पर जोर दिया था।

हम, विस्‍तारित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता के लिए भारत की उम्‍मीदवारी पर सेशल्‍स के समर्थन की सराहना करते हैं।

मैंने, ‘समोआ पाथवे’ की परिकल्‍पना को साकार करने के लिए छोटे द्वीप विकासशील राष्‍ट्रों के साथ काम करने और अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे को मजबूती देने की हमारी मंशा के बारे में भी बताया।        

अक्‍तूबर में होने वाले तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम समिट के लिए उनके समर्थन के लिए मैं राष्‍ट्रपति श्री माइकल का धन्‍यवाद करता हूं।

अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस को एक बड़ी सफलता बनाने में सक्रिय समर्थन के लिए भी मैं सेशल्‍स का आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

महामहिम, हम अलग-अलग आकार के दो राष्‍ट्र हैं लेकिन हमारे संबंध अंतर्राष्‍ट्रीय साझेदारी का एक बेहतरीन मॉडल हैं। यह विशेष और अनोखा संबंध हमेशा हमारे हितों का केंद्र रहेगा।

मुझे विश्‍वास है कि हमारे संबंधों के लिए यह वर्ष मील का पत्‍थर साबित होगा जहां से हमारी रणनीतिक साझेदारी नये स्‍तर पर पहुंचेगी।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।