प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के अलीगढ़ नोड के प्रदर्शनी मॉडल को भी देखने गए
राष्ट्रीय नायकों और नायिकाओं के बलिदानों से पीढ़ियों को अवगत नहीं कराया गया; 21वीं सदी का भारत 20वीं सदी की इन गलतियों को सुधार रहा है: प्रधानमंत्री
राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी का जीवन, हमें अदम्य इच्छाशक्ति और सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाने की इच्छा रखने की सीख देता है: प्रधानमंत्री
भारत दुनिया के बड़े रक्षा आयातक की छवि को खत्म करने की कोशिश कर रहा है और दुनिया के एक महत्वपूर्ण रक्षा निर्यातक की नई पहचान हासिल कर रहा है: प्रधानमंत्री
देश और दुनिया के हर छोटे-बड़े निवेशक के लिए उत्तर प्रदेश एक बहुत ही आकर्षक स्थान के रूप में उभर रहा है: प्रधानमंत्री
आज उत्तर प्रदेश, डबल इंजन सरकार के दोहरे फायदे का उदाहरण बन रहा है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय,

भारत माता की जय।

उत्तर प्रदेश की गवर्नर श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी, उत्तर प्रदेश के यशस्वी और तेज-तर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जी, यूपी सरकार के मंत्रिगण, अन्य सांसदगण, विधायकगण और अलीगढ़ के मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों,

आज अलीगढ़ के लिए, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज राधा अष्टमी भी है। ये अवसर आज के इस दिन को और भी पुनीत बनाता है। ब्रजभूमि के तो कण-कण में, रज-रज में राधा ही राधा हैं। मैं आप सभी को, और पूरे देश को राधा अष्टमी की हार्दिक बधाई देता हूँ।

हमारा सौभाग्य है कि विकास के इतने बड़े कार्यों की शुरुआत आज इस पवित्र दिन से हो रही है। हमारे संस्कार हैं कि जब कोई शुभ कार्य होता है तो हमें अपने बड़े अवश्य याद आते हैं। मैं आज इस धरती के महान सपूत, स्वर्गीय कल्याण सिंह जी की अनुपस्थिति बहुत ज्यादा महसूस कर रहा हूं। आज कल्याण सिंह जी हमारे साथ होते तो राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय और डिफेंस सेक्टर में बन रही अलीगढ़ की नई पहचान को देखकर बहुत खुश हुए होते और उनकी आत्‍मा जहां भी होगी, हमें आशीर्वाद देती होगी। 

साथियों,

भारत का हजारों वर्षों का इतिहास ऐसे राष्ट्रभक्तों से भरा है, जिन्होंने समय-समय पर भारत को अपने तप और त्याग से दिशा दी है। हमारी आजादी के आंदोलन में ऐसे कितने ही महान व्यक्तित्वों ने अपना सब कुछ खपा दिया। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद ऐसे राष्ट्र नायक और राष्ट्र नायिकाओं की तपस्या से देश की अगली पीढ़ियों को परिचित ही नहीं कराया गया। उनकी गाथाओं को जानने से देश की कई पीढ़ियां वंचित रह गईं।

20वीं सदी की उन गलतियों को आज 21वीं सदी का भारत सुधार रहा है। महाराजा सुहेलदेव जी हों, दीनबंधु चौधरी छोटूराम जी हों, या फिर अब राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी, राष्ट्र निर्माण में इनके योगदान से नई पीढ़ी को परिचित कराने का ईमानदार प्रयास आज देश में हो रहा है। आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहा है, आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इन कोशिशों को और गति दी गई है। भारत की आजादी में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के योगदान को नमन करने का ये प्रयास ऐसा ही एक पावन अवसर है।

साथियों,

आज देश के हर उस युवा को, जो बड़े सपने देख रहा है, जो बड़े लक्ष्य पाना चाहता है, उसे राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के बारे में अवश्य जानना चाहिए, अवश्य पढ़ना चाहिए। राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के जीवन से हमें अदम्य इच्छाशक्ति, अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ भी कर गुजरने वाली जीवटता आज भी हमें सीखने को मिलती है। वो भारत की आजादी चाहते थे और अपने जीवन का एक-एक पल उन्होंने इसी के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने सिर्फ भारत में ही रहकर और भारत में ही लोगों को प्रेरित नहीं किया, बल्कि वो भारत की आजादी के लिए दुनिया के कोने-कोने में गए। अफगानिस्तान हो, पोलैंड हो, जापान हो, दक्षिण अफ्रीका हो, अपने जीवन पर हर खतरा उठाते हुए, वो भारत माता को बेड़ियों से आजाद करने के लिए जुटे रहे, जी-जान से जुटे रहे, जीवनभर काम करते रहे।

मैं आज के युवाओं से कहूंगा कि जब भी, मेरे देश के युवाओ मेरी बात को गौर से सुनिए, में देश के युवाओं से कहूंगा जब भी उन्हें कोई लक्ष्य कठिन लगे, कुछ मुश्किलें नजर आएं तो मेरा आपसे अनुरोध है कि आप राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी को जरूर याद करना, आपका हौसला बुलंद हो जाएगा। राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी जिस तरह एक लक्ष्य, एक निष्ठ होकर भारत की आजादी के लिए जुटे रहे, वो आज भी हम सबको प्रेरणा देता है।

और साथियों,

आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तो मुझे देश के एक और महान स्‍वातंत्र सेनानी, गुजरात के सपूत, श्याम जी कृष्ण वर्मा जी का भी स्मरण हो रहा है। प्रथम विश्व युद्ध के समय राजा महेंद्र प्रताप जी विशेषतौर पर श्याम जी कृष्ण वर्मा जी और लाला हरदयाल जी से मिलने के लिए यूरोप गए थे। उसी बैठक में जो दिशा तय हुई, उसका परिणाम हमें अफगानिस्तान में, भारत की पहली निर्वासित सरकार के तौर पर देखने को मिला। इस सरकार का नेतृत्व राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी ने ही किया था।

ये मेरा सौभाग्य था कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तो मुझे श्यामजी कृष्ण वर्मा जी की अस्थियों को 73 साल बाद भारत लाने में सफलता मिली थी। और अगर आपको कभी कच्‍छ जाने का मौका मिले तो कच्‍छ के मांडवी में श्‍याम जी कृष्‍ण वर्मा जी का एक बहुत ही प्रेरक स्‍मारक है, जहां उनके अस्थि क श रखे गए हैं, वो हमें मां भारत के लिए जीने की प्रेरणा देते हैं।

आज देश के प्रधानमंत्री के नाते, मुझे फिर से एक बार ये सौभाग्य मिला है कि मैं राजा महेंद्र प्रताप जी जैसे विजनरी और महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर बन रही यूनिवर्सिटी का शिलान्यास कर रहा हूं। मेरे जीवन का ये बड़ा सौभाग्‍य है। और ऐसे पवित्र अवसर पर आप इतनी बड़ी संख्‍या में आशीर्वाद देने आए, जनता-जनार्दन के दर्शन करना, ये भी शक्तिदायक होता है।

साथियों,

राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी, सिर्फ भारत की आज़ादी के लिए ही नहीं लड़े, उऩ्होंने भारत के भविष्य के निर्माण की नींव में भी सक्रिय योगदान दिया था। उन्होंने अपनी देश-विदेश की यात्राओं से मिले अनुभवों का उपयोग भारत की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए किया। वृंदावन में आधुनिक टेक्‍नीकल कॉलेज, उन्होंने अपने संसाधनों से, अपनी पैतृक संपत्ति को दान करके बनवाया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए भी बड़ी जमीन राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने ही दी थी। आज आज़ादी के इस अमृतकाल में, जब 21वीं सदी का भारत शिक्षा और कौशल के नए दौर की तरफ बढ़ चला है, तब मां भारती के ऐसे अमर सपूत के नाम पर विश्वविद्यालय का निर्माण उन्हें सच्ची कार्यांजलि है। इस विचार को साकार करने के लिए योगी जी और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई।

साथियों,

ये विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा का एक बड़ा केंद्र तो बनेगा ही, साथ ही देश में डिफेंस से जुड़ी पढ़ाई, डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ी टेक्नोलॉजी और मैनपावर बनाने वाला सेंटर भी बनेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जिस तरह शिक्षा, कौशल और स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर बल दिया गया है, उससे इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बहुत लाभ होगा।

अपनी सैन्य ताकत को मज़बूत करने के लिए आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ते भारत के प्रयासों को इस विश्वविद्यालय में होने वाली पढ़ाई नई गति देगी। आज देश ही नहीं दुनिया भी देख रही है कि आधुनिक ग्रेनेड और राइफल से लेकर लड़ाकू विमान, आधुनिक ड्रोन, युद्धपोत, ये सब भारत में ही निर्मित करने का अभियान चल रहा है। भारत दुनिया के एक बड़े डिफेंस इंपोर्टर की छवि से बाहर निकलकर…वरना हमारी छवि यही है हम डिफेंस के लिए जो भी चाहिए, इंपोर्ट करते हैं, बाहर से मंगवाते रहते हैं। आजादी के 75 साल हो गए, हम मंगवाते रहते हैं...इस छवि से बाहर निकलकर दुनिया के एक अहम डिफेंस एक्सपोर्टर की नई पहचान बनाने के संकल्‍प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत की इस बदलती पहचान का एक बहुत बड़ा केंद्र ये हमारा उत्तर प्रदेश बनने वाला है। और उत्‍तर प्रदेश के सांसद के नाते मुझे इस बात का विशेष गर्व है।

साथियों,

थोड़ी देर पहले डिफेंस कॉरिडोर के ‘अलीगढ़ नोड’ की प्रगति का मैंने अवलोकन किया है। अलीगढ़ में ही डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ी डेढ़ दर्जन से अधिक कंपनियां सैकड़ों करोड़ रुपए के निवेश से हजारों नए रोजगार यहां बनाने वाली हैं। अलीगढ़ नोड में छोटे हथियार, आयुध, ड्रोन, एयरोस्पेस, मेटल कम्पोनेन्ट्स, एन्टी ड्रोन सिस्टम, डिफेन्स पैकेजिंग, ऐसे उत्पाद बन सकें, इसके लिए नए उद्योग लगाए जा रहे हैं। ये बदलाव अलीगढ़ और आस पास के क्षेत्र को एक नई पहचान देगा।

साथियो, 

अभी तक लोग अपने घर की, दुकान की सुरक्षा अलीगढ़ के भरोसे रहते थे, पता है ना? क्‍योंकि अलीगढ़ का ताला अगर लगा होता था तो लोग निश्चिंत हो जाते थे। और मुझे आज बचपन की एक बात करने का मन कर रहा है। करीब 55-60 साल पुरानी बात है। हम बच्‍चे थे तो अलीगढ़ से ताले के जो सेल्‍समेन होते थे, एक मुस्लिम मेहमान थे। वो हर तीन महीने हमारे गांव आते थे। अभी भी मुझे याद है वो काली जैकेट पहनते थे। और सेल्‍समेन के नाते दुकानों में अपना ताला रखकर जाते थे और तीन महीने के बाद आ करके अपने पैसे ले जाते थे। गांव के अगल-बगल के गांवों में भी व्‍यापारियों के पास जाते थे, उनको भी ताले देते थे। और मेरे पिताजी से उनकी बहुत अच्‍छी दोस्‍ती थी। और वो आते थे तो चार-छह दिन हमारे गांव में रुकते थे। और दिनभर जो पैसे वो वसूल करके ले आते थे तो मेरे पिताजी के पास छोड़ देते थे और मेरे पिताजी उनके पैसों को संभालते थे। और चार-छह दिन के बाद जब वो मेरा गांव छोड़ करके जाते थे तो मेरे पिताजी से वो सारे पैसे ले करके फिर वो अपना ट्रेन से निकल जाते थे। और हम बचपन में दो शहरों से उत्‍तर प्रदेश के बड़े परिचित रहे, एक सीतापुर और दूसरा अलीगढ़। हमारे गांव में अगर किसी को आंख की बीमारी में ट्रीटमेंट करनी है तो हर कोई कहता था सीतापुर जाओ। हम ज्‍यादा समझते नहीं थे, लेकिन सीतापुर सबसे सुनते थे। और दूसरा इस महाशय के कारण अलीगढ़ बार-बार सुनते थे।

लेकिन साथियो,

अब अलीगढ़ के रक्षा उपकरण भी...कल तक जो अलीगढ़ ताले के जरिए घरों की दुकानों की रक्षा करता था, वो 21वीं सदी में ये मेरा अलीगढ़ हिन्‍दुस्‍तान की सीमाओं की रक्षा करने का काम करेगा। यहां ऐसे आयुध बनेंगे। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट योजना के तहत यूपी सरकार ने अलीगढ़ के तालों और हार्डवेयर को एक नई पहचान दिलाने का काम किया है। इससे युवाओं के लिए, MSMEs के लिए नए अवसर तैयार हो रहे हैं। अब डिफेंस इंडस्ट्री के जरिए भी यहां के मौजूदा उद्यमियों को, MSMEs को विशेष लाभ होगा और नए MSMEs के लिए प्रोत्साहन भी प्राप्‍त होगा। जो छोटे उद्यमी हैं, उनके लिए भी डिफेंस कॉरिडोर का अलीगढ़ नोड, नए मौके बनाएगा।

भाइयों और बहनों,

डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में दुनिया की सबसे बेहतरीन मिसाइल में से एक, ब्रह्मोस का निर्माण भी प्रस्तावित है। इसके लिए अगले कुछ सालों में 9 हज़ार करोड़ रुपए निवेश किए जा रहे हैं। झांसी नोड में भी एक और मिसाइल मैन्युफैक्चिरंग से जुड़ी बहुत बड़ी महत्‍वपूर्ण यूनिट लगाने का प्रस्ताव है। यूपी डिफेंस कॉरिडोर, ऐसे ही बड़े निवेश और रोज़गार के बहुत बड़े अवसरों को लेकर आ रहा है।

साथियों,

आज उत्तर प्रदेश देश और दुनिया के हर छोटे-बड़े निवेशक के लिए बहुत आकर्षक स्थान बनता जा रहा है। ये तब होता है जब निवेश के लिए ज़रूरी माहौल बनता है, जरूरी सुविधाएं मिलती हैं। आज उत्तर प्रदेश, डबल इंजन सरकार के डबल लाभ का बहुत बड़ा उदाहरण है। योगी जी और उनकी पूरी टीम ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए, उत्तर प्रदेश को नई भूमिका के लिए तैयार किया है। अब सबके प्रयास से इसे और आगे भी बढ़ाना है। समाज में विकास के अवसरों से जिनको दूर रखा गया, ऐसे हर समाज को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में अवसर दिए जा रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश की चर्चा बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और बड़े फैसलों के लिए होती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश तो इसका एक बहुत बड़ा लाभार्थी है।

ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण, मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब, ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, मेट्रो कनेक्टिविटी, आधुनिक हाईवे और एक्सप्रेसवे, ऐसे अनेक काम आज पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में हो रहे हैं। यूपी में चल रहे ये हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट, आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति का बड़ा आधार बनेंगे।

भाइयों और बहनों,

मुझे आज ये देखकर बहुत खुशी होती है कि जिस यूपी को देश के विकास में एक रुकावट के रूप में देखा जाता था, वही यूपी आज देश के बड़े अभियानों का नेतृत्व कर रहा है। शौचालय बनाने का अभियान हो, गरीबों को अपना पक्का घर देना हो, उज्जवला के तहत गैस कनेक्शन हो, बिजली कनेक्शन हो, पीएम किसान सम्मान निधि हो, हर योजना, हर मिशन में योगी जी के यूपी ने देश के लक्ष्यों को हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। वरना मुझे तो याद है, वो दिन मैं भूल नहीं सकता, जब 2017 से पहले, गरीबों की हर योजना में यहां रोड़े अटकाए जाते थे। एक-एक योजना लागू करने के लिए दर्जनों बार केंद्र की तरफ से चिट्ठी लिखी जाती थी, लेकिन यहां उस गति से काम नहीं होता था…ये मैं 2017 के पहले की बात कर रहा हूं...जैसे होना चाहिए था, वैसा नहीं होता था।

साथियों,

यूपी के लोग भूल नहीं सकते कि पहले यहां किस तरह के घोटाले होते थे, किस तरह राज-काज को भ्रष्टाचारियों के हवाले कर दिया गया था। आज योगी जी की सरकार पूरी ईमानदारी से यूपी के विकास में जुटी हुई है। एक दौर था जब यहां शासन-प्रशासन, गुंडों और माफियाओं की मनमानी से चलता था। लेकिन अब वसूली करने वाले, माफियाराज चलाने वाले सलाखों के पीछे हैं।

मैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को विशेषतौर पर याद दिलाना चाहता हूं। इसी क्षेत्र में चार-पांच साल पहले परिवार अपने ही घरों में डर करके जीते थे। बहन-बेटियों को घर से निकलने में, स्कूल-कॉलेज जाने में डर लगता था। जब तक बेटियां घर न आ जाए, माता-पिता की साँसे अटकी रहती थीं। जो माहौल था, उसमें कितने ही लोगों को अपना पुश्तैनी घर छोड़ना पड़ा, पलायन करना पड़ा। आज यूपी में कोई अपराधी ऐसा करने से पहले सौ बार सोचता है।

योगी जी की सरकार में गरीब की सुनवाई भी है, गरीब का सम्मान भी है। योगी जी के नेतृत्व में यूपी की बदलती कार्यशैली का एक बहुत बड़ा प्रमाण है-सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन अभियान। उत्तर प्रदेश अभी तक 8 करोड़ से अधिक टीके लगा चुका है। देश में एक दिन में सबसे ज्यादा टीकाकरण का रिकॉर्ड भी यूपी के ही नाम है। कोरोना के इस संकट काल में गरीब की चिंता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कोई गरीब भूखा ना रहे, इसके लिए महीनों से मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। गरीबों को भुखमरी से बचाने के लिए जो काम दुनिया के बड़े-बड़े देश नहीं कर पाए, वो आज भारत कर रहा है, ये हमारा उत्तर प्रदेश कर रहा है।

साथियों,

आज़ादी के इस अमृतकाल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं। बदलाव के साथ कैसे तालमेल बिठाना पड़ता है, इसका रास्ता स्वयं चौधरी चरण सिंह जी ने दशकों पहले देश को दिखाया है। जो रास्ता चौधरी साहब ने दिखाया, उनसे देश के खेती मज़दूरों और छोटे किसानों को कितना लाभ हुआ, ये हम सभी जानते हैं। आज की अनेक पीढ़ियां उन सुधारों के कारण एक गरिमामय जीवन जी पा रही हैं।

देश के जिन छोटे किसानों की चिंता चौधरी साहब को थी, उनके साथ सरकार एक साथी की तरह खड़ी रहे, ये बहुत जरूरी है। इन छोटे किसानों के पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है और हमारे देश में छोटे किसानों की संख्‍या 80 प्रतिशत से भी ज्यादा है। यानि देश के 10 किसान के पास जो जमीन है, उसमें 8 किसान ऐसे हैं, जिनके पास छोटा-सा जमीन का टुकड़ा है। इसलिए केंद्र सरकार का निरंतर प्रयास है कि छोटी जोत वालों को ताकत दी जाए। डेढ़ गुणा MSP हो, किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार हो, बीमा योजना में सुधार हो, 3 हज़ार रुपए की पेंशन की व्यवस्था हो, ऐसे अनेक फैसले छोटे-छोटे किसानों को सशक्त कर रहे हैं।

कोरोना के इस समय में, देश भर के छोटे किसानों के खाते में सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे ट्रांसफर किए हैं। इसमें 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा सिर्फ यूपी के किसानों को मिले हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि यूपी में बीते 4 सालों में MSP पर खरीद के नए रिकॉर्ड बने हैं। गन्ने के भुगतान को लेकर भी जो परेशानियां आती थीं, उन्हें लगातार कम किया जा रहा है। बीते 4 साल में यूपी के गन्ना किसानों को 1 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। आने वाले साल तो यूपी के गन्ना किसानों के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोलने वाला है। गन्ने से जो इथेनॉल बनता है, बायोफ्यूल बनता है उसका उपयोग ईंधन में बढ़ाया जा रहा है। इसका बड़ा लाभ पश्चिमी यूपी के गन्ना किसानों को भी होने वाला है।

साथियों,

अलीगढ़ समेत पूरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश आगे बढ़े, इसके लिए योगी जी की सरकार और केंद्र सरकार कंधे से कन्धा मिलाकर दिन रात मेहनत कर रही है। हमें मिलकर इस क्षेत्र को और समृद्ध करना है, यहां के बेटे-बेटियों के सामर्थ्य को और बढ़ाना है और विकास विरोधी हर ताकत से उत्तर प्रदेश को बचाना है। राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी जैसे राष्ट्र नायकों की प्रेरणा से हम सभी अपने लक्ष्यों में सफल हों। इसी कामना के साथ आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए, मुझे आप सबके दर्शन का सौभाग्‍य मिला, इसके लिए आपका धन्‍यवाद भी करता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

दोनों हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलना है-मैं कहूंगा राजा महेंद्र प्रताप सिंह, आप दोनों हाथ ऊपर करके बोलेंगे- अमर रहे, अमर रहे।

राजा महेंद्र प्रताप सिंह

अमर रहे, अमर रहे।

राजा महेंद्र प्रताप सिंह

अमर रहे, अमर रहे।

राजा महेंद्र प्रताप सिंह

अमर रहे, अमर रहे।

भारत माता की

जय।

भारत माता की

जय।

 

बहुत-बहुत धन्‍यवाद!!

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।