प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के अलीगढ़ नोड के प्रदर्शनी मॉडल को भी देखने गए
राष्ट्रीय नायकों और नायिकाओं के बलिदानों से पीढ़ियों को अवगत नहीं कराया गया; 21वीं सदी का भारत 20वीं सदी की इन गलतियों को सुधार रहा है: प्रधानमंत्री
राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी का जीवन, हमें अदम्य इच्छाशक्ति और सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाने की इच्छा रखने की सीख देता है: प्रधानमंत्री
भारत दुनिया के बड़े रक्षा आयातक की छवि को खत्म करने की कोशिश कर रहा है और दुनिया के एक महत्वपूर्ण रक्षा निर्यातक की नई पहचान हासिल कर रहा है: प्रधानमंत्री
देश और दुनिया के हर छोटे-बड़े निवेशक के लिए उत्तर प्रदेश एक बहुत ही आकर्षक स्थान के रूप में उभर रहा है: प्रधानमंत्री
आज उत्तर प्रदेश, डबल इंजन सरकार के दोहरे फायदे का उदाहरण बन रहा है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय,

भारत माता की जय।

उत्तर प्रदेश की गवर्नर श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी, उत्तर प्रदेश के यशस्वी और तेज-तर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जी, यूपी सरकार के मंत्रिगण, अन्य सांसदगण, विधायकगण और अलीगढ़ के मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों,

आज अलीगढ़ के लिए, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज राधा अष्टमी भी है। ये अवसर आज के इस दिन को और भी पुनीत बनाता है। ब्रजभूमि के तो कण-कण में, रज-रज में राधा ही राधा हैं। मैं आप सभी को, और पूरे देश को राधा अष्टमी की हार्दिक बधाई देता हूँ।

हमारा सौभाग्य है कि विकास के इतने बड़े कार्यों की शुरुआत आज इस पवित्र दिन से हो रही है। हमारे संस्कार हैं कि जब कोई शुभ कार्य होता है तो हमें अपने बड़े अवश्य याद आते हैं। मैं आज इस धरती के महान सपूत, स्वर्गीय कल्याण सिंह जी की अनुपस्थिति बहुत ज्यादा महसूस कर रहा हूं। आज कल्याण सिंह जी हमारे साथ होते तो राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय और डिफेंस सेक्टर में बन रही अलीगढ़ की नई पहचान को देखकर बहुत खुश हुए होते और उनकी आत्‍मा जहां भी होगी, हमें आशीर्वाद देती होगी। 

साथियों,

भारत का हजारों वर्षों का इतिहास ऐसे राष्ट्रभक्तों से भरा है, जिन्होंने समय-समय पर भारत को अपने तप और त्याग से दिशा दी है। हमारी आजादी के आंदोलन में ऐसे कितने ही महान व्यक्तित्वों ने अपना सब कुछ खपा दिया। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद ऐसे राष्ट्र नायक और राष्ट्र नायिकाओं की तपस्या से देश की अगली पीढ़ियों को परिचित ही नहीं कराया गया। उनकी गाथाओं को जानने से देश की कई पीढ़ियां वंचित रह गईं।

20वीं सदी की उन गलतियों को आज 21वीं सदी का भारत सुधार रहा है। महाराजा सुहेलदेव जी हों, दीनबंधु चौधरी छोटूराम जी हों, या फिर अब राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी, राष्ट्र निर्माण में इनके योगदान से नई पीढ़ी को परिचित कराने का ईमानदार प्रयास आज देश में हो रहा है। आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहा है, आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इन कोशिशों को और गति दी गई है। भारत की आजादी में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के योगदान को नमन करने का ये प्रयास ऐसा ही एक पावन अवसर है।

साथियों,

आज देश के हर उस युवा को, जो बड़े सपने देख रहा है, जो बड़े लक्ष्य पाना चाहता है, उसे राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के बारे में अवश्य जानना चाहिए, अवश्य पढ़ना चाहिए। राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के जीवन से हमें अदम्य इच्छाशक्ति, अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ भी कर गुजरने वाली जीवटता आज भी हमें सीखने को मिलती है। वो भारत की आजादी चाहते थे और अपने जीवन का एक-एक पल उन्होंने इसी के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने सिर्फ भारत में ही रहकर और भारत में ही लोगों को प्रेरित नहीं किया, बल्कि वो भारत की आजादी के लिए दुनिया के कोने-कोने में गए। अफगानिस्तान हो, पोलैंड हो, जापान हो, दक्षिण अफ्रीका हो, अपने जीवन पर हर खतरा उठाते हुए, वो भारत माता को बेड़ियों से आजाद करने के लिए जुटे रहे, जी-जान से जुटे रहे, जीवनभर काम करते रहे।

मैं आज के युवाओं से कहूंगा कि जब भी, मेरे देश के युवाओ मेरी बात को गौर से सुनिए, में देश के युवाओं से कहूंगा जब भी उन्हें कोई लक्ष्य कठिन लगे, कुछ मुश्किलें नजर आएं तो मेरा आपसे अनुरोध है कि आप राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी को जरूर याद करना, आपका हौसला बुलंद हो जाएगा। राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी जिस तरह एक लक्ष्य, एक निष्ठ होकर भारत की आजादी के लिए जुटे रहे, वो आज भी हम सबको प्रेरणा देता है।

और साथियों,

आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तो मुझे देश के एक और महान स्‍वातंत्र सेनानी, गुजरात के सपूत, श्याम जी कृष्ण वर्मा जी का भी स्मरण हो रहा है। प्रथम विश्व युद्ध के समय राजा महेंद्र प्रताप जी विशेषतौर पर श्याम जी कृष्ण वर्मा जी और लाला हरदयाल जी से मिलने के लिए यूरोप गए थे। उसी बैठक में जो दिशा तय हुई, उसका परिणाम हमें अफगानिस्तान में, भारत की पहली निर्वासित सरकार के तौर पर देखने को मिला। इस सरकार का नेतृत्व राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी ने ही किया था।

ये मेरा सौभाग्य था कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तो मुझे श्यामजी कृष्ण वर्मा जी की अस्थियों को 73 साल बाद भारत लाने में सफलता मिली थी। और अगर आपको कभी कच्‍छ जाने का मौका मिले तो कच्‍छ के मांडवी में श्‍याम जी कृष्‍ण वर्मा जी का एक बहुत ही प्रेरक स्‍मारक है, जहां उनके अस्थि क श रखे गए हैं, वो हमें मां भारत के लिए जीने की प्रेरणा देते हैं।

आज देश के प्रधानमंत्री के नाते, मुझे फिर से एक बार ये सौभाग्य मिला है कि मैं राजा महेंद्र प्रताप जी जैसे विजनरी और महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर बन रही यूनिवर्सिटी का शिलान्यास कर रहा हूं। मेरे जीवन का ये बड़ा सौभाग्‍य है। और ऐसे पवित्र अवसर पर आप इतनी बड़ी संख्‍या में आशीर्वाद देने आए, जनता-जनार्दन के दर्शन करना, ये भी शक्तिदायक होता है।

साथियों,

राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी, सिर्फ भारत की आज़ादी के लिए ही नहीं लड़े, उऩ्होंने भारत के भविष्य के निर्माण की नींव में भी सक्रिय योगदान दिया था। उन्होंने अपनी देश-विदेश की यात्राओं से मिले अनुभवों का उपयोग भारत की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए किया। वृंदावन में आधुनिक टेक्‍नीकल कॉलेज, उन्होंने अपने संसाधनों से, अपनी पैतृक संपत्ति को दान करके बनवाया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए भी बड़ी जमीन राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने ही दी थी। आज आज़ादी के इस अमृतकाल में, जब 21वीं सदी का भारत शिक्षा और कौशल के नए दौर की तरफ बढ़ चला है, तब मां भारती के ऐसे अमर सपूत के नाम पर विश्वविद्यालय का निर्माण उन्हें सच्ची कार्यांजलि है। इस विचार को साकार करने के लिए योगी जी और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई।

साथियों,

ये विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा का एक बड़ा केंद्र तो बनेगा ही, साथ ही देश में डिफेंस से जुड़ी पढ़ाई, डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ी टेक्नोलॉजी और मैनपावर बनाने वाला सेंटर भी बनेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जिस तरह शिक्षा, कौशल और स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर बल दिया गया है, उससे इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बहुत लाभ होगा।

अपनी सैन्य ताकत को मज़बूत करने के लिए आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ते भारत के प्रयासों को इस विश्वविद्यालय में होने वाली पढ़ाई नई गति देगी। आज देश ही नहीं दुनिया भी देख रही है कि आधुनिक ग्रेनेड और राइफल से लेकर लड़ाकू विमान, आधुनिक ड्रोन, युद्धपोत, ये सब भारत में ही निर्मित करने का अभियान चल रहा है। भारत दुनिया के एक बड़े डिफेंस इंपोर्टर की छवि से बाहर निकलकर…वरना हमारी छवि यही है हम डिफेंस के लिए जो भी चाहिए, इंपोर्ट करते हैं, बाहर से मंगवाते रहते हैं। आजादी के 75 साल हो गए, हम मंगवाते रहते हैं...इस छवि से बाहर निकलकर दुनिया के एक अहम डिफेंस एक्सपोर्टर की नई पहचान बनाने के संकल्‍प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत की इस बदलती पहचान का एक बहुत बड़ा केंद्र ये हमारा उत्तर प्रदेश बनने वाला है। और उत्‍तर प्रदेश के सांसद के नाते मुझे इस बात का विशेष गर्व है।

साथियों,

थोड़ी देर पहले डिफेंस कॉरिडोर के ‘अलीगढ़ नोड’ की प्रगति का मैंने अवलोकन किया है। अलीगढ़ में ही डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ी डेढ़ दर्जन से अधिक कंपनियां सैकड़ों करोड़ रुपए के निवेश से हजारों नए रोजगार यहां बनाने वाली हैं। अलीगढ़ नोड में छोटे हथियार, आयुध, ड्रोन, एयरोस्पेस, मेटल कम्पोनेन्ट्स, एन्टी ड्रोन सिस्टम, डिफेन्स पैकेजिंग, ऐसे उत्पाद बन सकें, इसके लिए नए उद्योग लगाए जा रहे हैं। ये बदलाव अलीगढ़ और आस पास के क्षेत्र को एक नई पहचान देगा।

साथियो, 

अभी तक लोग अपने घर की, दुकान की सुरक्षा अलीगढ़ के भरोसे रहते थे, पता है ना? क्‍योंकि अलीगढ़ का ताला अगर लगा होता था तो लोग निश्चिंत हो जाते थे। और मुझे आज बचपन की एक बात करने का मन कर रहा है। करीब 55-60 साल पुरानी बात है। हम बच्‍चे थे तो अलीगढ़ से ताले के जो सेल्‍समेन होते थे, एक मुस्लिम मेहमान थे। वो हर तीन महीने हमारे गांव आते थे। अभी भी मुझे याद है वो काली जैकेट पहनते थे। और सेल्‍समेन के नाते दुकानों में अपना ताला रखकर जाते थे और तीन महीने के बाद आ करके अपने पैसे ले जाते थे। गांव के अगल-बगल के गांवों में भी व्‍यापारियों के पास जाते थे, उनको भी ताले देते थे। और मेरे पिताजी से उनकी बहुत अच्‍छी दोस्‍ती थी। और वो आते थे तो चार-छह दिन हमारे गांव में रुकते थे। और दिनभर जो पैसे वो वसूल करके ले आते थे तो मेरे पिताजी के पास छोड़ देते थे और मेरे पिताजी उनके पैसों को संभालते थे। और चार-छह दिन के बाद जब वो मेरा गांव छोड़ करके जाते थे तो मेरे पिताजी से वो सारे पैसे ले करके फिर वो अपना ट्रेन से निकल जाते थे। और हम बचपन में दो शहरों से उत्‍तर प्रदेश के बड़े परिचित रहे, एक सीतापुर और दूसरा अलीगढ़। हमारे गांव में अगर किसी को आंख की बीमारी में ट्रीटमेंट करनी है तो हर कोई कहता था सीतापुर जाओ। हम ज्‍यादा समझते नहीं थे, लेकिन सीतापुर सबसे सुनते थे। और दूसरा इस महाशय के कारण अलीगढ़ बार-बार सुनते थे।

लेकिन साथियो,

अब अलीगढ़ के रक्षा उपकरण भी...कल तक जो अलीगढ़ ताले के जरिए घरों की दुकानों की रक्षा करता था, वो 21वीं सदी में ये मेरा अलीगढ़ हिन्‍दुस्‍तान की सीमाओं की रक्षा करने का काम करेगा। यहां ऐसे आयुध बनेंगे। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट योजना के तहत यूपी सरकार ने अलीगढ़ के तालों और हार्डवेयर को एक नई पहचान दिलाने का काम किया है। इससे युवाओं के लिए, MSMEs के लिए नए अवसर तैयार हो रहे हैं। अब डिफेंस इंडस्ट्री के जरिए भी यहां के मौजूदा उद्यमियों को, MSMEs को विशेष लाभ होगा और नए MSMEs के लिए प्रोत्साहन भी प्राप्‍त होगा। जो छोटे उद्यमी हैं, उनके लिए भी डिफेंस कॉरिडोर का अलीगढ़ नोड, नए मौके बनाएगा।

भाइयों और बहनों,

डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में दुनिया की सबसे बेहतरीन मिसाइल में से एक, ब्रह्मोस का निर्माण भी प्रस्तावित है। इसके लिए अगले कुछ सालों में 9 हज़ार करोड़ रुपए निवेश किए जा रहे हैं। झांसी नोड में भी एक और मिसाइल मैन्युफैक्चिरंग से जुड़ी बहुत बड़ी महत्‍वपूर्ण यूनिट लगाने का प्रस्ताव है। यूपी डिफेंस कॉरिडोर, ऐसे ही बड़े निवेश और रोज़गार के बहुत बड़े अवसरों को लेकर आ रहा है।

साथियों,

आज उत्तर प्रदेश देश और दुनिया के हर छोटे-बड़े निवेशक के लिए बहुत आकर्षक स्थान बनता जा रहा है। ये तब होता है जब निवेश के लिए ज़रूरी माहौल बनता है, जरूरी सुविधाएं मिलती हैं। आज उत्तर प्रदेश, डबल इंजन सरकार के डबल लाभ का बहुत बड़ा उदाहरण है। योगी जी और उनकी पूरी टीम ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए, उत्तर प्रदेश को नई भूमिका के लिए तैयार किया है। अब सबके प्रयास से इसे और आगे भी बढ़ाना है। समाज में विकास के अवसरों से जिनको दूर रखा गया, ऐसे हर समाज को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में अवसर दिए जा रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश की चर्चा बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और बड़े फैसलों के लिए होती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश तो इसका एक बहुत बड़ा लाभार्थी है।

ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण, मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब, ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, मेट्रो कनेक्टिविटी, आधुनिक हाईवे और एक्सप्रेसवे, ऐसे अनेक काम आज पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में हो रहे हैं। यूपी में चल रहे ये हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट, आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति का बड़ा आधार बनेंगे।

भाइयों और बहनों,

मुझे आज ये देखकर बहुत खुशी होती है कि जिस यूपी को देश के विकास में एक रुकावट के रूप में देखा जाता था, वही यूपी आज देश के बड़े अभियानों का नेतृत्व कर रहा है। शौचालय बनाने का अभियान हो, गरीबों को अपना पक्का घर देना हो, उज्जवला के तहत गैस कनेक्शन हो, बिजली कनेक्शन हो, पीएम किसान सम्मान निधि हो, हर योजना, हर मिशन में योगी जी के यूपी ने देश के लक्ष्यों को हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। वरना मुझे तो याद है, वो दिन मैं भूल नहीं सकता, जब 2017 से पहले, गरीबों की हर योजना में यहां रोड़े अटकाए जाते थे। एक-एक योजना लागू करने के लिए दर्जनों बार केंद्र की तरफ से चिट्ठी लिखी जाती थी, लेकिन यहां उस गति से काम नहीं होता था…ये मैं 2017 के पहले की बात कर रहा हूं...जैसे होना चाहिए था, वैसा नहीं होता था।

साथियों,

यूपी के लोग भूल नहीं सकते कि पहले यहां किस तरह के घोटाले होते थे, किस तरह राज-काज को भ्रष्टाचारियों के हवाले कर दिया गया था। आज योगी जी की सरकार पूरी ईमानदारी से यूपी के विकास में जुटी हुई है। एक दौर था जब यहां शासन-प्रशासन, गुंडों और माफियाओं की मनमानी से चलता था। लेकिन अब वसूली करने वाले, माफियाराज चलाने वाले सलाखों के पीछे हैं।

मैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को विशेषतौर पर याद दिलाना चाहता हूं। इसी क्षेत्र में चार-पांच साल पहले परिवार अपने ही घरों में डर करके जीते थे। बहन-बेटियों को घर से निकलने में, स्कूल-कॉलेज जाने में डर लगता था। जब तक बेटियां घर न आ जाए, माता-पिता की साँसे अटकी रहती थीं। जो माहौल था, उसमें कितने ही लोगों को अपना पुश्तैनी घर छोड़ना पड़ा, पलायन करना पड़ा। आज यूपी में कोई अपराधी ऐसा करने से पहले सौ बार सोचता है।

योगी जी की सरकार में गरीब की सुनवाई भी है, गरीब का सम्मान भी है। योगी जी के नेतृत्व में यूपी की बदलती कार्यशैली का एक बहुत बड़ा प्रमाण है-सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन अभियान। उत्तर प्रदेश अभी तक 8 करोड़ से अधिक टीके लगा चुका है। देश में एक दिन में सबसे ज्यादा टीकाकरण का रिकॉर्ड भी यूपी के ही नाम है। कोरोना के इस संकट काल में गरीब की चिंता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कोई गरीब भूखा ना रहे, इसके लिए महीनों से मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। गरीबों को भुखमरी से बचाने के लिए जो काम दुनिया के बड़े-बड़े देश नहीं कर पाए, वो आज भारत कर रहा है, ये हमारा उत्तर प्रदेश कर रहा है।

साथियों,

आज़ादी के इस अमृतकाल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं। बदलाव के साथ कैसे तालमेल बिठाना पड़ता है, इसका रास्ता स्वयं चौधरी चरण सिंह जी ने दशकों पहले देश को दिखाया है। जो रास्ता चौधरी साहब ने दिखाया, उनसे देश के खेती मज़दूरों और छोटे किसानों को कितना लाभ हुआ, ये हम सभी जानते हैं। आज की अनेक पीढ़ियां उन सुधारों के कारण एक गरिमामय जीवन जी पा रही हैं।

देश के जिन छोटे किसानों की चिंता चौधरी साहब को थी, उनके साथ सरकार एक साथी की तरह खड़ी रहे, ये बहुत जरूरी है। इन छोटे किसानों के पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है और हमारे देश में छोटे किसानों की संख्‍या 80 प्रतिशत से भी ज्यादा है। यानि देश के 10 किसान के पास जो जमीन है, उसमें 8 किसान ऐसे हैं, जिनके पास छोटा-सा जमीन का टुकड़ा है। इसलिए केंद्र सरकार का निरंतर प्रयास है कि छोटी जोत वालों को ताकत दी जाए। डेढ़ गुणा MSP हो, किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार हो, बीमा योजना में सुधार हो, 3 हज़ार रुपए की पेंशन की व्यवस्था हो, ऐसे अनेक फैसले छोटे-छोटे किसानों को सशक्त कर रहे हैं।

कोरोना के इस समय में, देश भर के छोटे किसानों के खाते में सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे ट्रांसफर किए हैं। इसमें 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा सिर्फ यूपी के किसानों को मिले हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि यूपी में बीते 4 सालों में MSP पर खरीद के नए रिकॉर्ड बने हैं। गन्ने के भुगतान को लेकर भी जो परेशानियां आती थीं, उन्हें लगातार कम किया जा रहा है। बीते 4 साल में यूपी के गन्ना किसानों को 1 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। आने वाले साल तो यूपी के गन्ना किसानों के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोलने वाला है। गन्ने से जो इथेनॉल बनता है, बायोफ्यूल बनता है उसका उपयोग ईंधन में बढ़ाया जा रहा है। इसका बड़ा लाभ पश्चिमी यूपी के गन्ना किसानों को भी होने वाला है।

साथियों,

अलीगढ़ समेत पूरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश आगे बढ़े, इसके लिए योगी जी की सरकार और केंद्र सरकार कंधे से कन्धा मिलाकर दिन रात मेहनत कर रही है। हमें मिलकर इस क्षेत्र को और समृद्ध करना है, यहां के बेटे-बेटियों के सामर्थ्य को और बढ़ाना है और विकास विरोधी हर ताकत से उत्तर प्रदेश को बचाना है। राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी जैसे राष्ट्र नायकों की प्रेरणा से हम सभी अपने लक्ष्यों में सफल हों। इसी कामना के साथ आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए, मुझे आप सबके दर्शन का सौभाग्‍य मिला, इसके लिए आपका धन्‍यवाद भी करता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

दोनों हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलना है-मैं कहूंगा राजा महेंद्र प्रताप सिंह, आप दोनों हाथ ऊपर करके बोलेंगे- अमर रहे, अमर रहे।

राजा महेंद्र प्रताप सिंह

अमर रहे, अमर रहे।

राजा महेंद्र प्रताप सिंह

अमर रहे, अमर रहे।

राजा महेंद्र प्रताप सिंह

अमर रहे, अमर रहे।

भारत माता की

जय।

भारत माता की

जय।

 

बहुत-बहुत धन्‍यवाद!!

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.