प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वित्तीय क्षेत्र के वरिष्ठ अमरीकी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में जे पी मोरगन के चेयरमैन, सीईओ और अध्यक्ष श्री जैमी डीमोन, ब्लैक स्टोन के चेयरमैन, सीईओ और सह-संस्थापक श्री स्टीव श्वार्जमैन, वारबर्ग पिंकस के को-सीईओ चार्ल्स काए, के.के.आर के को-चेयरमैन और को-सीईओ श्री हेनरी क्रेविस, जनरल अटलांटिक के सीईओ बिल फोर्ड, एआईजी इंश्योरेंस के अध्यक्ष और सीईओ श्री पीटर हैंगकॉक, टाइगर ग्लोबल के सह-संस्थापक और प्रबंधकीय साझेदार चेज कोलमैन तथा न्यूयॉर्क स्टेट कॉमन रिटायरमेंट फंड के मुख्य निवेश अधिकारी श्री विक्की फूलर उपस्थित थे।
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने प्रधानमंत्री द्वारा भारत में व्यवसाय करने में सुगमता लाने के लिए उठाए गए कदमों और बुनियादी ढांचा विकास तथा डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने सहित विभिन्न पहलों की सराहना की। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भारतीय स्टार्ट अप क्षेत्र में रूचि दिखाई और उद्यमिता उद्यम तथा नवीन शुरूआतों में निवेश करने की मंशा जाहिर की। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भारत में निवेश के बारे में कर निर्धारण और नौकरशाही की कुछ समस्याओं के बारे में बताया।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने अपने ‘’स्टार्ट अप इंडिया, स्टेंड अप इंडिया’’ की परिकल्पना रखी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साथ ही वे निजी शुरूआत और उद्यमिता पर जोर दे रहे हैं, जिसका उल्लेख वे ‘’व्यक्तिगत क्षेत्र’’ के रूप में करते हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप और नवाचार, सूचना तकनीकी क्रांति के केन्द्र रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि गोलमेज बैठक में सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने न केवल भारत की संभावनाओं के बारे में बात की, बल्कि उनमें विश्वास भी जताया। उन्होंने पाया कि अधिकारियों ने अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से रखा।
प्रधानमंत्री ने पिछले 15 महीनों में हुई आर्थिक प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस अवधि में भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश काफी बढ़ा है, जो विश्वभर में देखे जा रहे रूख के विपरीत है और इससे पता चलता है कि निवेशकों का भारत में विश्वास बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने व्यवसाय करने में सुगमता के लिए राष्ट्रों को विश्व बैंक द्वारा दी गई रैंकिंग के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि अब इस क्षेत्र के राष्ट्रों के बीच स्वस्थ प्रतिर्स्धा है। प्रधानमंत्री ने देश की एलपीजी सब्सिडी के लिए सीधे लाभ हस्तांतरण योजना के बारे में भी बताया, जो विश्व में सबसे बड़ी सीधे लाभ हस्तांतरण की योजना के रूप में उभरी है। प्रधानमंत्री ने बीमा, रेलवे और रक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की व्यवस्था में दी गई ढील के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री ने कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए उत्पाद बीमा सहित कुछ उन विशेष क्षेत्रों के बारे में भी बताया जहां नवाचार की ढेरों संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा निर्माण, इलेक्ट्रोनिक उत्पाद निर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, रेल और मैट्रो, स्वच्छ भारत और डिजिटल इंडिया ऐसे क्षेत्र हैं, जहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि 2022 तक 50 मिलियन नये आवास बनाने, 600,000 लाख गांवों के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, रेलवे क्षमता को दोगुना करना और 175 गिगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा पैदा करना उनकी सरकार के कुछ तय लक्ष्य हैं, जिनकी वजह से भारत में भारी निवेश के अवसर बढ़े हैं।