प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन का शुभारंभ करने के अवसर पर स्किल इंडिया के बारे में अपना विजन व्यक्त किया। यह जोर देते हुए कि उनकी सरकार ने गरीबी के विरुद्ध युद्ध घोषित किया है और इसमें जीत के लिए प्रतिबद्ध है, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गरीब और वंचित युवा इस युद्ध में एक सिपाही है।
यह देखते हुए कि अगले दशक में भारत में 4-5 करोड़ से भी अधिक मानव शक्ति की अतिरिक्त उपलब्धता होगी, प्रधानमंत्री ने इस युवा मानव शक्ति को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए कौशल और योग्यता उपलब्ध कराने की जरूरत पर जोर दिया और इस बारे में सावधान किया कि ऐसा न होने पर यह जनसांख्यिकीय लाभ अपने आप में एक चुनौती बन जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर 20वीं सदी ने भारत के अग्रणीय तकनीकी संस्थानों- आईआईटी को वैश्विक नाम अर्जित करते देखा है तो 21वीं शताब्दी के लिए यह अपेक्षित है कि आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) गुणवत्ता युक्त कुशल मानव शक्ति तैयार करने के लिए वैश्विक मान्यता अर्जित करे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व के लिए कुशल कार्यबल उपलब्ध कराने वाला विश्व का सबसे बड़ा देश बन सकता है। ऐसा करने के लिए उन्होंने कहा कि न केलव भारत में बल्कि पूरे विश्व में मानव शक्ति की जरूरतों का पता लगाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को नवीनतम प्रौद्योगिकी और उद्योग वातावरण की जानकारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों को लगातार अद्यतन करने का भी आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने स्किल लोगो का अनावरण, किया राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन का शुभारंभ किया और कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए राष्ट्रीय नीति- 2015 जारी की। उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और कौशल ऋण योजना का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने विश्व कौशल ओशिनिया प्रतियोगिता के 6 भारतीय मेडल विजेताओं को बधाई दी।
इस अवसर पर श्री अरुण जेटली, श्री मनोहर पर्रिकर, श्री राजीव प्रताप रूड़ी, श्री सुरेश प्रभु, श्री अनंत कुमार, श्री जे.पी.नड्डा, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, श्री अनंत गीते, श्री पीयूष गोयल और श्री थावर चन्द गहलोत भी इस अवसर पर मौजूद थे।