प्रधानमंत्री ने अमृत, स्मार्ट सिटीज एवं हाउसिंग फॉर ऑल योजनाओं की शुरुआत की 
ग्रामीण क्षेत्रों के प्रवासियों की आकांक्षाओं को बदलते वैश्विक माहौल के साथ संतुलित करना जरूरी: प्रधानमंत्री
शहरीकरण को एक अवसर के रूप में और शहरी केंद्रों को विकास के इंजन के रूप में देखा जाना चाहिए: प्रधानमंत्री 
आवास गरीबों के जीवन में वो महत्वपूर्ण मोड़ है जो उन्हें एक बेहतर जीवन की ओर ले जाता है: श्री मोदी
प्रधानमंत्री ने अमृत और स्मार्ट सिटीज योजनाओं के लोगो एवं टैगलाइन जारी किये

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि देश में पहली बार लोग तथा शहरी नेतृत्व अपने शहरों के भविष्य तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। श्री मोदी आज नई दिल्ली के विज्ञान भावन में अमरुत( कायाकल्प और शहरी बदलाव के लिए अटल मिशन) , स्मार्ट सिटी मिशन तथा सभी के लिए मकान (शहरी) योजनाओं का शुभारंभ कर रहे थे।



प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में पहली बार यह चुनौती सामने आई है जिसमें शहरी भारत के नागरिक अपने सपनों के शहर को विकसित करने में योगदान दे सकते हैं। आवश्यक मानकों को पूरा करने की स्पर्धा में सफल शहरों को स्मार्ट शहर बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पर्धी व्यवस्था से ऊपर-नीचे की सोच खत्म होगी और जन केंद्रित शहरी विकास हो सकेगा।



प्रधानमंत्री ने कहा कि इन शहरी विकास योजनाओं को अकेले सरकार ने नहीं तैयार किया है बल्कि इसमें केंद्र सरकार की ओर से अब तक का सबसे बड़ा परामर्श किया गया है। इस परामर्श में सभी हितधारकों को शामिल किया गया और श्रेष्ठ वैश्विक व्यवहारों की जांच की गई। प्रधानमंत्री ने स्मार्ट सिटी का साधारण विजन पेश करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी वह शहर है जो लोगों की आकांक्षाओं से एक या दो कदम आगे रहे। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी , परिवहन , ऊर्जा सक्षमता , कार्य स्थल से निकटता , साइकिल चलाने जैसी बातों का जिक्र किया । प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं के संरक्षण और उनकी परेशानी के प्रति संवेदी है, विशेषकर आवास के मामले में। उन्होंने कहा कि इस बारे में एक विधेयक संसद में प्रस्तुत किया गया है।

उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि और नेता अपने कार्यकालों में किए गए कार्यों के लिए याद किए जाते हैं। प्रधानमंत्री ने शहरी नेतृत्व से लोगों के कल्याण के लिए अच्छे तरीके से योगदान करने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि विज्ञान भवन में मौजूद लोगों पर भारत की 40 प्रतिशत आबादी को बेतहर जीवन देने की जिम्मेदारी है जो शहरों में रहती है या अपनी आजीविका के लिए शहरों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में आने वाले लोगों और मलीन बस्तियों में रहने वाले लोगों की आकांक्षाओं में बदलते वैश्विक माहौल के साथ संतुलन कायम करना होगा। उन्होंने कहा कि उन लोगों को बेहतर जीवन देना हमारी जिम्मेदारी है। इस संदर्भ में दो दिन की इस गोष्ठी ने भविष्य की रणनीति बनाने का अवसर दिया।



आज के दिन 40 वर्ष पहले लगाए गए आपातकाल की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के विरुद्ध लोगों का संर्घष उपस्थित लोगों के लिए प्रकाशस्तंभ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहरी विकास की सभी योजनाओं को लोगों की भागीदारी के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरीकरण को अवसर के रूप में और शहरी केंद्रों को विकास इंजन के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि 25-30 वर्ष पहले ऐसा किया गया होता तो आज अच्छे परिणाम मिलते, फिर भी नहीं से देर भली। उन्होंने कहा कि आज स्पष्ट विजन और जन केंद्रित योजनाओं की आवश्कता है। उन्होंने कहा कि देश के श्रेष्ठ व्यवहारों को दोहराया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने हैदराबाद में कर वसूली प्रणाली, कर्नाटक में ठोस कचरा प्रबंधन तथा छत्तीसगढ़ में खुले में शौच करने की प्रथा को खत्म करने के प्रयासों की विशेष रूप में चर्चा की।

बढ़ती आबादी की चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी विकास के लिए संसाधन जुटाने के सभी रास्तों की तलाश की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए मकान उनके जीवन में बदलाव लाता है। इससे गरीब का जीवन बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास केवल मकान देना नहीं बल्कि पूरा जीवन जीने के लिए उचित माहौल प्रदान करना है।



प्रधानमंत्री ने देश में 2 करोड़ आवास इकाइयों की कमी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत 2022 में अपनी स्वतंत्रता का 75 वर्ष पूरा करेगा। तब तक सबको मकान देना हमारी जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी नियोजन के बारे में समग्र विजन का अभाव है। विस्तार शहर के प्रशासकों द्वारा प्रेरित नहीं है बल्कि प्रोपर्टी डेवलपरों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य अमरुत के माध्यम से शहरों को अपने भविष्य के विकास की योजना बनाने का अवसर देना है।

प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान में लोगों की रुचि की प्रशंसा की । उन्होंने इस विषय में जागरुकता लाने में मीडिया की सकारात्मक भूमिका की भी सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में शहरी और ग्रामीण विकास एक-दूसरे के पूरक होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने का एक तरीका यह है कि शहरी क्षेत्रों में जल प्रबंधन किया जाए और शोधित जल को सिंचाई के लिए गांवों में भेजा जाए। इसी तरह ठोस कचरा प्रबंधन से कम्पोस्ट खाद तैयार किया जा सकता है और यह ग्रामीण क्षेत्रों में जैव उर्वरक के रूप में काम आ सकता है।



प्रधानमंत्री ने अमरुत तथा स्मार्ट सिटिज के लिए लोगो तथा टैगलाइन और अमरुत, स्मार्ट सिटी मिशन तथा सबके लिए मकान(शहरी) के लिए दिशा-निर्देश जारी किए।

इस अवसर पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री वेंकैया नायडू , शहरी विकास राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो , महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री श्री देवेंद्र फणनविस , हरियाणा के मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर तथा जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री श्री निर्मल कुमार सिंह उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए वक्‍तव्‍य का मूल पाठ

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Prime Minister urges the Indian Diaspora to participate in Bharat Ko Janiye Quiz
November 23, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today urged the Indian Diaspora and friends from other countries to participate in Bharat Ko Janiye (Know India) Quiz. He remarked that the quiz deepens the connect between India and its diaspora worldwide and was also a wonderful way to rediscover our rich heritage and vibrant culture.

He posted a message on X:

“Strengthening the bond with our diaspora!

Urge Indian community abroad and friends from other countries  to take part in the #BharatKoJaniye Quiz!

bkjquiz.com

This quiz deepens the connect between India and its diaspora worldwide. It’s also a wonderful way to rediscover our rich heritage and vibrant culture.

The winners will get an opportunity to experience the wonders of #IncredibleIndia.”