प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोलकाता में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताओं का स्मरण करते हुए कहा कि निर्धनों को सहारा नहीं, बल्कि शक्ति चाहिए। प्रधानमंत्री कोलकाता में तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं 'प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना', 'प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना' और 'अटल पेंशन योजना' की शुरुआत करने के अवसर पर बोल रहे थे। इन योजनाओं को आज देशभर में एक साथ 115 स्थानों पर आयोजित समारोह में शुरू किया गया।
इस अवसर पर गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,
"मेरी प्रार्थना यह नहीं है कि तुम मुझे मुश्किलों से बचाओ।
मुश्किलों से पार पाने के लिए मुझे शक्ति प्रदान करो।
मेरा बोझ मत बांटो या मुझे सांत्वना मत दो।
मुझे बोझ वहन करने की शक्ति दो।"
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इन योजनाओं की शुरुआत करने के लिए कोलकाता का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि श्री गोपाल कृष्ण गोखले ने कहा था ' बंगाल जो आज सोचता है, वह भारत कल सोचता है'।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत दु:ख का विषय है कि देश के 80 से 90 प्रतिशत लोगों की पहुंच अभी तक बीमा और पेंशन तक नहीं हुई है। विकास का फल निर्धनतम लोगों तक अवश्य पहुंचना चाहिए और इसलिए केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' की शुरुआत की। जन धन योजना को अब और आगे बढ़ाते हुए जन सुरक्षा के तहत इन सुरक्षा योजनाओं को लागू किया जा रहा है। जन धन योजना के द्वारा जिन लोगों को बैंकिंग की सुविधा प्राप्त नहीं थी उन लोगों तक इसका लाभ पहुंचाया गया। इसी तरह मुद्रा बैंक द्वारा छोटे कारोबारियों को वित्त की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे वे अब तक वंचित थे। वहीं, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं द्वारा असुरक्षित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी। इन योजनाओं को प्रयोग के आधार पर 01 मई 2015 से शुरू किया गया और इन योजनाओं से अब तक क्रमश: 5 करोड़ 5 लाख लोग जुड़ चुके हैं।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरीनाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी, केंद्रीय मंत्री श्री जयंत सिन्हा और बाबुल सुप्रियो भी उपस्थित थे।