प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने सहयोग के लिए एक मजबूत ढांचा विकसित किया है और इसने अनिश्चितता की ओर अग्रसर विश्व में स्थिरता लाने और विकास में योगदान दिया है। उन्होंने कृषि, ऊर्जा, खेल, पर्यावरण, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत गरीबी उन्मूलन, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल (हेल्थ केयर), खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता, उर्जा और सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मिशन मोड में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम की मदद से महिलाओं को देश के विकास की मुख्यधारा में लाने में मदद मिली है।
प्रधानमंत्री ने विकासशील देशों की स्वायत्त एवं कॉर्पोरेट संस्थाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी को जल्द शुरू करने की बात कही। उन्होंने कहा, “हमारे केंद्रीय बैंकों को अपनी क्षमताओं को और मजबूत करना चाहिए और आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था और आईएमएफ के बीच सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।”
नवीकरणीय ऊर्जा के महत्त्व पर बल देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “सस्ती, विश्वसनीय और सभी के लिए ऊर्जा हमारे देशों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।” उन्होंने ब्रिक्स देशों से अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन पर मिलकर काम करने का आग्रह किया।
युवाओं की क्षमताओं के समुचित उपयोग पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमें अपने युवाओं को हमारी संयुक्त पहल की मुख्यधारा में लाने, कौशल विकास में सहयोग बढ़ाने और सर्वोत्तम कार्यों का आदान-प्रदान करने की जरूरत है।”
गोवा में 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने स्मार्ट शहरों, शहरीकरण और आपदा प्रबंधन में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया था।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर मजबूत ब्रिक्स भागीदारी से विकास को बढ़ावा मिलेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी और एसडीजी को समर्थन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कौशल, स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं, विनिर्माण और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में ब्रिक्स और अफ्रीकी देशों के बीच क्षमता निर्माण के लिए सहयोग का भी स्वागत किया।
प्रधानमंत्री की टिप्पणी निम्नलिखित है:
महामहिम
राष्ट्रपति शी जिनपिंग
राष्ट्रपति जैकब जूमा
राष्ट्रपति माइकल टेमर
राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन
मैं राष्ट्रपति शी का जोरदार मेजबानी और इस शिखर सम्मेलन के शानदार आयोजन के लिए शुक्रिया अदा कहना चाहता हूं। हमारी पिछले सत्रों में बातचीत सार्थक रही थी, जिसने हमारी परस्पर समझ और दृष्टिकोण को मजबूत किया है। अपने अस्तित्व में आने के एक दशक बाद ब्रिक्स ने सहयोग के लिए एक मजबूत ढांचा विकसित किया है। हम अनिश्चितता की दिशा में इस बहती दुनिया में स्थिरता और विकास को लेकर योगदान करते आए हैं। व्यापार और अर्थव्यवस्था हमारे सहयोग की नींव रही है, हालांकि आज हमारे प्रयासों के चलते प्रौद्योगिकी, परंपरा, संस्कृति, कृषि, पर्यावरण, ऊर्जा, खेल और आईसीटी जैसे विविध क्षेत्र भी अछूते नहीं रहे हैं। न्यू डेवेलपमेंट बैंक ने ब्रिक्स देशों में अवसंरचना और टिकाऊ विकास के लिए संसाधनों को जुटाने की खातिर ऋण मुहैया कराना शुरू कर दिया है। इसी दरम्यान हमारे केंद्रीय बैंकों ने पूरी तरह से परिचालन के लिए आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था को लेकर कुछ कदम उठाए हैं। ये प्रगति के लिए मील के पत्थर हैं। हमें आगे की तरफ देखना और बढ़ना होगा, इसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे लोग हमारी यात्रा के केंद्र में बने रहें। मुझे बेहद खुशी हो रही है कि चीन ने आदान-प्रदान के जरिये लोगों के बीच भरोसा बढ़ाने के लिए पिछले साल से कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस तरह का अंतर-दृष्टिकोण हमारे संबंधों को मजबूत करेगा तथा हमारी समझ को और बढ़ाएगा।
महामहिम,
परिवर्तन की भारत की अपनी दूरगामी यात्रा हमारे लोगों को गौरव का अनुभव कराती है। हम गरीबी मिटाने, स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने, कौशल विकास, खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता, ऊर्जा, शिक्षा और नवोन्मेष की दिशा में मिशन मोड में काम कर रहे हैं। हम स्वच्छ गंगा, अक्षय ऊर्जा, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सीटी, सभी के लिए आवास और कौशल भारत के राष्ट्रीय कार्यक्रम और स्वच्छता जैसे कार्यक्रमों के जरिये समावेशी विकास को लेकर आधार तैयार कर रहे हैं। हम अपने 800 मिलियन युवाओं की ऊर्जा का भी सदुपयोग कर रहे हैं। हमारा महिला सशक्तिकरण का कार्यक्रम बहु-उत्पादकता है जिससे राष्ट्र निर्माण की मुख्य धारा में महिलाएं भी आ रही हैं। हमने कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ भी कदम उठाए हैं। हमारे इन अनुभवों का ब्रिक्स के सदस्य देश आगे बढ़ते हुए साझेदारी के साथ लाभ उठा सकते हैं जिसके परिणाम उत्साहजनक होंगे। परस्पर सहयोग के लिए दिमाग में कुछ विचार आए हैं, जिसे मैं यहां साझा कर रहा हूं। पहला, पिछले साल हमने एक ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी बनाने की अपनी कोशिशों पर चर्चा की थी। मेरा आग्रह है कि इसे तैयार करने के लिए इसकी रूपरेख को जल्दी से जल्दी अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। दूसरा, हमारे केंद्रीय बैंकों को अपनी क्षमताओं को और मजबूत करना चाहिए और प्रत्यावर्तनीय रिजर्व व्यवस्था और आईएमएफ के बीच सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। तीसरा, हमारे राष्ट्रों के विकास के लिए ऊर्जा की खातिर किफायती, विश्वसनीय और स्थायी पहुंच महत्वपूर्ण है। जलवायु का विकास हमें सभी उपलब्ध संसाधन धाराओं का उपयोग करने के लिए कहता है। नवीकरणीय ऊर्जा विशेष रूप से कई मामलों में अहम साबित होगी। इस बात को स्वीकार करते हुए भारत ने फ्रांस के साथ नवंबर 2015 में एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय पहल - अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का शुभारंभ किया है। यह बढ़ते सौर ऊर्जा उपयोग के माध्यम से आपसी लाभ के लिए 121 देशों के गठबंधन को तैयार करेगा। हमारे पांच देशों में अक्षय और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरक कौशल और शक्तियां हैं। इस सहयोग के समर्थन के लिए एनडीबी, आईएसए के साथ प्रभावी संबंध भी स्थापित कर सकता है। चौथा, हम बड़े युवा आबादी वाले देश हैं, जहां तक संभव हो हमें अपने युवा प्रयासों को मुख्यधारा में लाने की जरूरत है। कौशल विकास में सहयोग को बढ़ावा और सर्वोत्तम अभ्यासों का आदान-प्रदान एक मूल्यवान साधन होगा। पांचवां, गोवा में शिखर सम्मेलन के दौरान पिछले साल हमने स्मार्ट सीटी, शहरीकरण और आपदा प्रबंधन पर विचार विमर्श किया था, जो हमारे शहरों के बीच सहयोग के संदर्भ में था। हमें इस रास्ते पर और तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है। छठवां, प्रौद्योगिकी और नवाचार, वैश्विक विकास और परिवर्तन की अगली पीढ़ी की नींव हैं। भारत ने यह भी पाया है कि गरीबी और भ्रष्टाचार से लड़ने में प्रौद्योगिकी और डिजिटल संसाधन शक्तिशाली उपकरण साबित हुए हैं। नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर एक मजबूत ब्रिक्स भागीदारी, विकास को बढ़ावा देने, पारदर्शिता को बढ़ावा देने और सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करने में मददगार साबित हो सकती है। मैं ब्रिक्स फ्रेमवर्क के तहत एक सहयोगी पायलट परियोजना पर विचार करने का सुझाव दूंगा, जिसमें निजी उद्यमिता भी शामिल है। और अंत में, भारत को कौशल विकास, स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं, विनिर्माण और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में ब्रिक्स और अफ्रीकी देशों के बीच अधिक केंद्रित क्षमता निर्माण की दिशा में काम करने में खुशी होगी।
महामहिम,
पिछले दशक में, हमारे देशों के दो पीढ़ियों के नेताओं ने ब्रिक्स को स्थापित करने में योगदान किया है। इस दौरान हमने विश्वसनीयता हासिल की और प्रभावशाली विकास को प्रेरित किया। अब हमारे लिए अगला दशक अहम होगा। ऐसे वातावरण में जहां हम स्थिरता, सतत विकास और समृद्धि की तलाश करते हैं। इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने में ब्रिक्स नेतृत्व महत्वपूर्ण साबित होगा। अगर हम ब्रिक्स के रूप में इन क्षेत्रों में एजेंडा सेट कर सकते हैं, दुनिया इसको स्वर्णिम दशक कहेगी। इस तरह ऊर्जा का उभरता हुआ बाजार कल हमारा होगा। मैं इस संबंध में हम अपना कुछ विचार साझा करेंगे। मुझे विश्वास है कि यह ब्रिक्स को साझेदारी की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हमारी साझा यात्रा में मदद करेगा। शुक्रिया।
PM: BRICS has developed a robust framework for cooperation; contribute stability and growth in a world drifting towards uncertainty
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
PM @narendramodi : Our endeavours today touch diverse areas of agriculture, culture, environment, energy, sports, and ICT
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
Appreciating thrust in people-to-people exchanges, PM states that such inter-mingling will consolidate our links & deepen our understanding
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
PM: We are in mission-mode to eradicate poverty; to ensure health, sanitation, skills, food security, gender equality, energy, education
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
PM @narendramodi : Our women’s empowerment programmes are productivity multipliers that mainstream women in nation building
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
PM urges early creation of BRICS rating agency to cater to financing needs of sovereign & corporate entities of developing countries.
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
PM: Our Central Banks must further strengthen their capabilities & promote co-operation between the Contingent Reserve Arrangement & the IMF
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
PM: Affordable, reliable &sustainable access to energy is crucial for development of our nations. Renewable energy is particularly important
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
PM @narendramodi on International Solar Alliance: BRICS countries can work closely with ISA to strengthen the solar energy agenda.
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017
PM: We need to mainstream our youth in our joint initiatives; scaled up cooperation in skill development and exchange of best practices
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) September 4, 2017