प्रधानमंत्री मोदी ने डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, पैरा-मेडिकल स्टाफ,अस्पतालों में सफाई कर्मचारियों और कोरोना वैक्सीन से जुड़े सभी लोगों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने महामारी और टीकाकरण के बारे में प्रामाणिक संवाद के लिए कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा की। 
हमारे देश में आज दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

हर-हर महादेव

बनारस के सभी लोगों को बनारस के सेवक का प्रणाम। इस कार्यक्रम में जुड़े हुए सभी डॉक्‍टर्स महानुभाव, मेडिकल स्‍टाफ, पैरा-मेडिकल स्‍टाफ, अस्‍पताल में जो सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण काम करते हैं, सफाई रखते हैं वो हमारे सारे साथी, सारे भाई-बहन, कोरोना वैक्‍सीन से जुड़े सभी लोग, कोरोना वैक्‍सीन पाने वाले सभी लोग, मैं आप सबका अभिनंदन करता हूं। वैसे तो ऐसे समय मुझे आपके बीच होना चाहिए। लेकिन कुछ ऐसे ही हालात बन गए कि हमें virtually मिलना पड़ रहा है। लेकिन ये बात सही है कि काशी में, मैं जितना भी कर सकूं, करने के लिए हमेशा प्रयास करता हूं।

साथियो,

साल 2021 की शुरूआत बहुत ही शुभ संकल्‍पों से हुई है। और काशी के बारे में तो कहते हैं कि काशी के स्‍पर्श से ही शुभता सिद्ध में सिद्धि के अंदर ही बदल जाती है। इसी सिद्धि का परिणाम है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा vaccination programme  हमारे देश में चल रहा है। और इसके पहले दो चरणों में 30 करोड़ देशवासियों को टीका लगाया जा रहा है। आज देश में ऐसा माहौल है, ऐसी इच्‍छाशक्ति है कि देश खुद अपनी वैक्‍सीन बना रहा है। वो भी एक नहीं, दो-दो Made in India Vaccine. आज देश की तैयारी ऐसी है कि देश के कोने-कोने तक वैक्‍सीन तेजी से पहुंच रही है और आज दुनिया की इस सबसे बड़ी जरूरत को लेकर भारत पूरी तरह से आत्‍मनिर्भर है। इतना ही नहीं, भारत अनेकों देशों की मदद भी कर रहा है।

साथियो,

बीते छह वर्षों में बनारस और आसपास के medical infrastructure में जो बड़ा बदलाव आया है उससे पूरे पूर्वांचल को कोरोना काल में बड़ी मदद मिली है। अब बनारस वैक्‍सीन के लिए उसी गति से आगे बढ़ रहा है। मुझे बताया गया है कि पहले चरण में बनारस में करीब-करीब 20 हजार से ज्‍यादा Health professionals को वैक्‍सीन लगाई जाएगी। इसके लिए 15 टीकाकरण  केंद्र बनाए गए हैं। मैं इस पूरे अभियान के लिए सभी Doctors, Nurses और Medical staff का अभिनंदन करता हूं, योगीजी की सरकार का अभिनंदन करता हूं, सभी डिपार्टमेंट के साथियों का अभिनंदन करता हूं।

साथियो,

यहां बनारस में आपके क्‍या अनुभव हैं, Vaccination में कोई दिक्‍कत तो नहीं है। ये सब जानने के लिए मैं आज आपके बीच आया हूं। Virtually हम बात करेंगे। मैं आज कोई भाषण करने के लिए नहीं आया हूं। और मुझे लगता है कि मेरी काशी और मेरी काशी के लोग, उनके जो फीडबैक हैं मुझे और जगह भी काम आएंगे। आपने खुद वैक्‍सीन ली भी है और Vaccination के अभियान में भी जुटे हैं, यानी हर प्रकार के लोग हैं। और मुझे बताया गया है कि सबसे पहले जिनसे मेरा संवाद होने का मुझे आज अवसर मिल रहा है, शायद वाराणसी जिला महिला अस्‍पताल की मैट्रन बहन पुष्‍पाजी शायद मुझसे बात कर रही हैं।

मोदी जी – पुष्‍पा जी नमस्‍ते।

पुष्‍पा जी – प्रणाम माननीय प्रधानमंत्री जी को मेरा। मेरा नाम पुष्‍पा देवी है। मैं जि‍ला महिला चिकित्‍सालय में मैट्रन के पद पर कार्यरत हूं सर, और मैं एक वर्ष  से मैट्रन का कार्य देख रही हूं।

मोदी जी – अच्‍छा आज सबसे पहले तो मैं आपको बधाई देता हूं क्‍योंकि आप उन लोगों में से हैं जिन्‍हें पहले चरण में वैक्‍सीन मिली है। एक समय था जब कोरोना का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे। अब मैं पुष्‍पाजी जानना चाहूंगा कि आप क्‍या कहना चाहोगी, जो देश भी सुन रहा है आज आपको, मैं भी सुन रहा हूं।

पुष्‍पाजी – मैं कोरोना की वैक्‍सीन के लिए सबसे पहले अपने स्‍वास्‍थ्‍य‍कर्मियों की तरफ से आपको बहुत-बहुत धन्‍यवाद देना चाहती हूं। इस नाते की सबसे पहले आपके द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को चुना गया है और पहले चरण में 16.01 को सबसे पहले वैक्‍सीन मुझे भी लगाया गया है। मैं vaccinate हो चुकी हूं और मैं अपने-आपको बहुत ही सौभाग्‍यवती मान रही हूं। इस नाते सौभाग्‍यशाली हूं क्‍योंकि मुझे वैक्‍सीन लग गया है और इसके साथ-साथ मैं सुरक्षित महसूस कर रही हूं, अपने पूरे परिवार को सुरक्षित समझ रही हूं, समाज को सुरक्षित समझ रही हूं।  इसके साथ-साथ सर, मैं जो भी मेरा नर्सिंग स्‍टाफ है, पैरा-मेडिकल स्‍टाफ  है, मैं सबको इस वैक्‍सीन के लिए आग्रह कर रही हूं, बता रही हूं कि इससे मुझे कोई भी side effect नहीं है। मुझे किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं वैक्‍सीन लगने से। जैसे अन्‍य इंजेक्‍शन लगता है उसी प्रकार का  ये भी  इंजेक्‍शन लगा मुझे महसूस हुआ है। इस नाते आप लोग आगे बढ़कर सभी लोग इस वैक्‍सीन को लगाइए ताकि आप सुरक्षित रहें, आपका परिवार सुरक्षित रहे और आपका समाज सुरक्षित रहे।

मोदीजी – पुष्‍पाजी आप जैसे लाखों-करोड़ों वॉरियर्स और 130 करोड़ देशवासियों की सफलता है, Made In India Vaccine हम सबके लिए गर्व की बात तो है ही। अच्‍छा ये बताइए, जैसा आपने कहा, आपको कोई दिक्‍कत नहीं हुई, कोई mind effect भी नहीं हुआ है यानी आप बिल्‍कुल विश्‍वास से किसी को भी कह सकती हैं कि भई ये जो कुछ  भी किया आपने अनुभव, वो एकदम उत्‍तम अनुभव है?

पुष्‍पाजी – जी

मोदीजी – बताइए पुष्‍पाजी।

पुष्‍पाजी – जी सर?

मोदीजी – सुनाई दे रही है मेरी बात?

पुष्‍पाजी – जी सर।

मोदीजी – ऐसा है कि जब आप कह रही हैं कि आपको बिल्‍कुल जैसे रूटीन मे एक वैक्‍सीन होता है वैसा ही हुआ। कुछ लोगों के मन में थोड़ा चिंता रहती है। तो आप तो मैडिकल दुनिया से जुड़ी हुई हैं और आपने खुद ने लिया है। तो जरा लोगों को विश्‍वास मिले, ऐसी कुछ बात बताइए आप।

पुष्‍पाजी – लोगों को ये विश्‍वास दिलाना है कि देखिए ये आपके लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण वैक्‍सीन है। और हमारे माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा जो नौ महीने के अंदर इतना मानें कि वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराया है, जिससे कि सबसे पहले भारत में वैक्‍सीन लगना शुरू हुआ है। और ये वैक्‍सीन लगाने से आप लोग बिल्‍कुल सुरक्षित रहोगे और मन में किसी प्रकार को कोई डर आप लोग न लाएं कि वैक्‍सीन लगाने से हमें कोई इसका साइड इफेक्‍ट होगा या हमें कोई इसका नुकसान होगा। इस नाते सभी को वैक्‍सीन लगाना और अपने मन से डर को हटा देना और वैक्‍सीन लगाना है। 

मोदीजी – चलिए पुष्‍पाजी, आपने बहुत सही कहा। कोई भी वैक्‍सीन बनाने के पीछे हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत होती है और इसकी एक पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है। और आपने सुना होगा, शुरू में मुझ पर बड़ा प्रेशर आता था वैक्‍सीन जल्‍दी क्‍यों नहीं आती है? वैक्‍सीन कब लगाओगे? राजनीति में तो इधर की भी बात होती है उधर की भी बात होती है तो मैं एक ही जवाब देता था कि भई वैज्ञानिक जो कहेंगे वो ही हम तो करेंगे। ये हम पॉलिटिक्‍ल लोगों का काम नहीं है कि हम तय करें। और जैसे ही हमारे सब वैज्ञानिक और उनका process पूरा हो करके आया तो फिर हमने कहा चलो भई अब शुरू कहां से करें? तो हमने सबसे पहले उन लोगों के लिए सोचा जिनको रोजमर्रा patients से ही काम पड़ता है। अगर वो सुरक्षित हो जाते हैं, वो सलामत हो जाते हैं तो समाज के बाकी सबकी चिंता हो जाती है। और इतने लंबे समय की कठिन प्रक्रियाएं और वैज्ञानिक जांच-पड़ताल के बाद अब जब वैक्‍सीन आई है तो सबसे पहले मैं सभी स्‍वास्‍थ्‍य जगत से जुड़े लोग जिनको हमने priority दी है; कुछ लोग मेरे से नाराज भी हो रहे हैं कि साहब हमारे लिए जल्‍दी शुरू करो; लेकिन मेरा मत है कि सबसे पहले आप लोगों का हो जाए और जितना तेजी से हो जाए उतना चिंता कीजिए और इसको आगे बढ़ाइए। कई चरणों में ये तय किया गया है कि वैक्‍सीन को कोई बड़ा side effect नहीं है, तब पास किया गया है। इसलिए देशवासी अपने वैज्ञा‍निकों पर और डॉक्‍टर्स पर भरोसा करें और आप जैसे medical faculty के लोग जब कहते हैं तब लोगों को विश्‍वास होता है। पुष्‍पाजी आपको बहुत-बहुत बधाई। आप स्‍वस्‍थ रहिए और सेवा भी करते रहिए।

मोदीजी – रानी जी नमस्‍ते। 

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव - नमस्‍ते सर। माननीय प्रधानमंत्री जी को मैं समस्‍त काशीवासियों की तरफ से कोटि –कोटि प्रणाम करती हूं। सर, मेरा नाम रानी कुंवर श्रीवास्‍तव है। मैं District Women Hospital में एनम के पद पर छह साल से कार्यरत हूं।

मोदीजी – अब तक कितने वैक्‍सीन दिए हैं आपने पूरे छह साल में? एक दिन में कितने देते होंगे?

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – सर, एक दिन में हम करीब सौ इंजेक्‍शन लगाते हैं, 100 वैक्‍सीन लोगों को लगाते हैं।

मोदीजी – तो अब तक जो  आपके सारे रिकॉर्ड हैं वो इस वैक्‍सीन के समय ब्रेक हो जाने वाले हैं। क्‍योंकि अब आपको इतने लोगों को इंजेक्‍शन देना पड़ेगा शायद ये सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – सर, मुझे इस बात की बहुत खुशी है, मैं अपने-आपको बहुत खुशकिस्‍मत समझ रही हूं कि मुझे कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी का वैक्‍सीन लगाने का अवसर मिल रहा है। इसके लिए मैं अपने-आपको बहुत ही खुशकिस्‍मत समझती हूं। 

मोदीजी – तो लोग भी तो आपको आर्शीवाद देते होंगे ?

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – जी सर, बहुत-बहुत आर्शीवाद मिलता है। मेरे साथ-साथ सर लोग सबसे ज्‍यादा आपको आर्शीवाद देते हैं कि इतना जल्‍दी, दस महीने के अंदर कोरोना की वैक्‍सीन लॉन्‍च करवा दी और वो लोगों को लगने भी लगी है।

मोदीजी – देखिए, इसका हकदार मैं नहीं हूं। एक तो पहले आप हकदार हैं क्‍योंकि इतनी चिन्‍ता, अनिश्चितता, क्‍या होगा, कहीं घर पर तो हम कोरोना लेकर नहीं चले जाएंगे? इसके बीच भी आप लोगों ने हिम्‍मत के साथ काम किया, डटे रहे, गरीबों की, बीमारों की सेवा की। दूसरे हैं हमारे वैज्ञानिक। जो बिल्‍कुल विश्‍वास के साथ; एक अनजान दुश्‍मन था ये कोरोना, पता ही नहीं था क्‍या है, कैसा है; वो लेबोरेट्री में उसका पीछा करते रहे, करते रहे, करते रहे और उन्‍होंने ये रात-दिन मेहनत करके; और वैज्ञानिक तो आज के आधुनिक ऋषि हैं। उन सबने जो काम किया, तब जाकर हुआ है। इसलिए इसका क्रेडिट मुझे नहीं जाता है, आप सबको जाता है। चलिए, मुझे अच्‍छा लगा और आप बड़े विश्‍वास के साथ कर रही हैं। लोगों का विश्‍वास बढ़ाइए, काम को आगे बढ़ाइए। मेरी रानीजी को बहत शुभकामनाएं हैं। धन्‍यवाद।

रानी कुंवर श्रीवास्‍तव – थैंक्‍यू सर, नमस्‍कार। 

 

मोदीजी – नमस्‍कार डॉक्‍टर।

डॉ. वी.शुक्‍ला –प्रणाम सर। मैं डॉ. वी.शुक्‍ला मुख्‍य चिकित्सा अधीक्षक पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय वाराणसी से स्‍वयं तथा अपने चिकित्‍सालय परिवार की तरफ से माननीय प्रधानमंत्रीजी को सादर प्रणाम करता हूं।

मोदीजी – हां शुक्‍ला जी, क्‍या अनुभव आ रहा है जरा बताइए, हमारे काशीवासी सुखी हैं?

डॉ. वी.शुक्‍ला - सर, बहुत सुखी हैं। सब लोगों में काफी उत्‍साह है। इतने कम समय में हम लोग एक विकासशील देश होते हुए भी विकसित देशों की तुलना में उनसे भी वैक्‍सीन के मामले में आगे निकल गए हैं। हमारा चिकित्‍सक समुदाय और स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी तो और ज्‍यादा गौरवान्वित हुए हैं कि आपने सबसे पहले उनको इस वैक्‍सीनेशन के लिए चुना। इसके लिए हम लोग गौरवान्वित हैं और आपका आभार प्रकट करते हैं।

मोदीजी – ये मैं आपका बहुत आभारी हूं, लेकिन सचमुच में आप लोगों ने अद्भुत काम किया है। इतने बड़े सकंट से देश को बचाने में कोरोना वॉरियर्स, इनकी बहुत बड़ी भूमिका है, और ये मैं बार-बार बोल रहा हूं। हां शुक्‍लाजी, बताइए।

डॉ. वी.शुक्‍ला – सर, इतने बड़े स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को आपने जो विश्‍वास दिया कि सबसे पहले इन लोगों को टीकाकरण लगाना है उससे हम लोगों में एक उत्‍साह का संचार हुआ और दोगुने जोश से हम लोग अपने काम में जुट गए हैं और लोगों में भी ये संदेश जा रहा है कि जब हमारे प्रधानमंत्री ही खुद जो लोग इस बीमारी से या यूं कहिए कि हर बीमारी से जो लोग लगे हुए हैं इस बीमारी से लगे हुए जन समुदाय को बचाने में लगे हुए हैं, अगर प्रधानमंत्री और वैज्ञानिकों ने इन लोगों का चुनाव किया है कि सबसे पहले ये टीकाकरण करवाएंगे। इसका मतलब अपने-आप सिद्ध होता है कि ये वैक्‍सीन पूर्णतया सुरक्षित है।

मोदीजी – देखिए ये तो हमारा ईश्‍वर की कृपा रही कि हम पिछले चार-पांच साल से जो स्‍वच्‍छता अभियान चला रहे हैं, पीने के शुद्ध पानी का अभियान चला रहे हैं, टॉयलेट का अभियान चला रहे हैं; इन चीजों के कारण हमारे देश के गरीब से गरीब व्‍यक्ति में भी ये बीमारी से जूझने की ताकत तो पैदा हुई है। इन चीजों का हमें indirect benefit भी हो गया कि हमारा देश का गरीब नागरिक भी, उम्र वाला नागरिक भी इस कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने में ताकतवर रहा। उसके कारण हमारे यहां मृत्‍यु दर बहुत कम हो गई। तो स्‍वच्‍छता हो, टॉयलेट हो, पानी हो, इन सारी चीजों ने बड़ी मदद की है। शुक्‍लाजी आप तो लीडर हैं, आपके पास  बहुत बड़ी टीम काम कर रही है। अलग-अलग लेयर के लोग काम कर रहे हैं। कुल मिला करके सबका विश्‍वास कैसा है? सारे साथियों का विश्‍वास कैसा है?

डॉ. वी.शुक्‍ला - जी अच्‍छा है। सब लोग पूर्ण रूप से संतुष्‍ट हैं। किसी को किसी प्रकार का भय नहीं है। टीकाकरण शुरूआत होने से पहले भी हम लोगों ने इस पर सामूहिक discussion किया और सबके मन में ये भाव बताया कि सब लोग बाहर निकलें, समाज को ये बताएं कि एक मामूली टीकाकरण जो बहुत सालों से होता आ रहा है, उसके बाद भी कहीं न कहीं छोटा सा, थोड़ा-मोड़ा छोटा सा effect जैसे कि हल्‍का सा दर्द या बुखार, सर्दी-जुकाम, ये एक सामान्‍य बात है, ये होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। और इस वैक्‍सीन के बाद ये भी चीजें आ सकती हैं हम लोगों को आ सकती हैं, इसलिए इससे घबराना की कोई जरूरत नहीं है। फिर भी अगर किसी के मन में कोई संशय हो, उसको दूर करने के लिए हमने उस दिन सर्वप्रथम पहला टीका हमने अपने केंद्र पर लगवया और उस दिन हमारे या 82 पर्सेंट वैक्‍सीनेशन हुआ। और लोगों में इससे काफी आत्‍मविश्‍वास बढ़ा और सब लोग आगे बढ़ करके इसका प्रचार कर रहे हैं।

मोदीजी – देखिए, हम अगर दुनिया को कुछ भी कहेंगे कि चिंता मत करो, वैक्‍सीन लगा लो; उसके बजाय आप लोगों का एक शब्‍द भी, मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ा  एक व्‍यक्ति भी ये जब कहता है तो patient का बड़ा भरोसा बढ़ जाता है। नागरिक का भी भरोसा बढ़ जाता है। और इसलिए आपसे भी लोग भांति-भांति के सवाल पूछते होंगे, आपका सिर खा जाते होंगे, तो कैसे handle करते हैं आप?

डॉ. वी.शुक्‍ला - सर, छोटे-मोटे प्रभाव हर वैक्‍सीनेशन के बाद आते हैं, ये हम लोगों को समझाते हैं। अब जो लोग, अभी तक कल तक हमारे देश में 10 लाख लोगों को वैक्‍सीनेशन हो चुका है और उसमें बहुत ही कम संख्‍या में लोग आए हैं जिनको मामूली स्‍तर का भी प्रभाव आया है। हम लोगों ने जितने लोगों का यहां पर टीकाकरण करा है, उस टीकाकरण के बाद क्‍योंकि आधा घंटा यहां पर बैठना था, उसके बाद सब लोग अपने-अपने कार्य में पुन: लग गए। हमारे यहां पर सफाईकर्मी भी टीकाकरण कराने के बाद तुरंत सफाई में लग गए। हम लोग भी अपने सारे कार्यों में लग गए। अब गंभीर रूप से जो मरीज हैं, हार्ट के मरीज हैं, सांस के मरीज हैं, कैंसर के मरीज हैं; टीकाकरण उनको भी होना है तो अगर उनके साथ अगर किसी को अपने स्‍वाभाविक रूप से कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है, करोड़ों में एकाध लोगों के साथ तो उसको टीकाकरण से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। ये एक सामान्‍य प्रक्रिया है और किसी भी तरह टीकाकरण किसी भी व्‍यक्ति को अमरत्‍व नहीं प्रदान करता है तो उस चीज को टीकाकरण से जोड़ना गलत है। ये एकदम सुरक्षित है इससे बड़ा प्रायोगिक रिपोर्ट दुनिया में और कहीं नहीं आ सकता यहां‍ जितना हमारे देश में हो गया। दस लाख लोग टीकाकरण करवा करके एकदम सुरक्षित हैं। ये हमारे लिए बहुत ही सौभाग्‍य की बात है और इससे हम विश्‍व में भी एक संदेश देंगे कि इतना बड़ा टीकाकरण इस बीमारी के खिलाफ भारतवर्ष के अलावा किसी अन्‍य देश में अभी तक नहीं हो पाया है।

मोदीजी – चलिए शुक्‍लाजी आपका आत्‍मविश्‍वास इतना जबरदस्‍त है और आपका नेतृत्‍व इतना जबरदस्‍त है और जैसा आपने इतनी सारी संख्‍या में आपके अस्‍पताल में सबका टीकाकरण करवा दिया है तो मैं सभी अस्‍पतालों से आग्रह करूंगा कि आप भी तय कीजिए कि आपके यहां 100 पर्सेंट का काम कितना जल्‍दी पूरा होता है। कम्‍पीटीशन चलाइए, वातावरण बनाइए कि भई हमारे अस्‍पताल में 100 पर्सेंट हो, तो क्‍या होगा; वो जो आगे का राउंड है वो हम जल्‍दी चालू कर सकते हैं। और जो 50 से ऊपर की उम्र के लोग हैं उन पर तुरंत हम काम शुरू कर सकते हैं। तो जैसा आपने इतना बड़ा नेतृत्‍व करके इतनी बड़ी तादाद में टीकाकरण करवा दिया, तो आप अभिनंदन के अधिकारी हैं। लेकिन आपसे प्रेरणा लेकर बाकी लोग भी अपने-अपने इंस्‍टीट्यूट में, अपने अस्‍पताल में जितने ज्‍यादा हमारे ये जो फ्रंट लाइन वॉरियर्स हैं, उनको मदद करेंगे तो अच्‍छा होगा। शुक्‍लाजी आपको, आपकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। धन्‍यवाद जी।   

मोदीजी – रमेश जी नमस्‍ते।

रमेश चंद राय - प्रणाम सर, मैं माननीय प्रधानमंत्री जी  को सादर प्रणाम करता हूं। मैं रमेश चंद राय, सीनियर लैब टैक्‍नीशियन, पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय राजकीय चिकित्‍सालय में कार्यरत हूं।

मोदीजी – आपने वैक्‍सीन ले लिया?  

रमेश चंद राय – जी सर, ये तो मेरा सौभाग्‍य है कि पहले ही चरण में हमको वैक्‍सीन लगाने का मौका मिल गया।

मोदीजी – चलिए, वाह! तो अभी बाकियों का भी विश्‍वास बढ़ गया होगा। जब एक टैक्‍नीशियन फील्‍ड के टॉप व्‍यक्ति ले लेते हैं तो बाकियों का विश्‍वास अपने-आप बढ़ जाता है।

रमेश चंद राय – बिल्‍कुल सही सर। हम लोग तो सबको यही कहते हैं भई आप पहला डोज लगवा लिए हैं और दूसरा भी लगवाने के लिए तैयार रहिए। अपने सुरक्षित रहिए, अपने परिवार को सुरक्षित करिए, समाज को सुरक्षित करिए और देश को भी सुरक्षित करिए सर।

मोदीजी – आपने विश्‍वास से आगे बढ़ा दिया, अब आपकी पूरी टीम में क्‍या प्रभाव पैदा हुआ, उनमें विश्‍वास बढ़ गया है?

रमेश चंद राय – सर एकदम। उत्‍साह से लोग आ करके, सर, पहले चरण में तो 81 लोगों ने आ करके जो टीकाकरण कराया। 19 लोग संभवत: कहीं चले गए थे किसी कारण से। आज भी टीकाकरण हमारे यहां पूर्ण रूप से चल रहा है सर।

मोदीजी – चलिए रमेश जी, मेरी आपको भी बहुत शुभकामना है, आपकी पूरी टीम को भी बहुत शुभकामना है। बहुत-बहुत धन्‍यवाद आपका।

मोदीजी – श्रृंखला जी नमस्‍ते।

श्रृंखला चौहान – सर, मैं श्रृंखला चौहान की तरफ से सर आपको कोटि-कोटि  प्रणाम। सर, सीएससी हाथी बाजार, पीएससी सेवापुरी, एसडब्‍ल्‍यूसी वर्गी ANM के  पद पर कार्य कर रही हूं।

मोदीजी – सबसे पहले तो आपको मेरा बहुत-बहुत धन्‍यवाद। क्‍योंकि सचमुच में सेवापुरी में सेवा करके आप सेवापुरी का नाम भी सार्थक कर रही हैं और अपने परिवार का नाम सार्थक कर रही हैं। ये सेवा बहुत बड़ी कर रही हैं आप। और ऐसे संकट के समय जब सेवा करते हैं तो वो अमूल्‍य होती है जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं लगाया जा सकता। और दुनिया का ये सबसे बड़ा वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम आपके जैसे लोगों के द्वारा ही चलाया जा रहा है। अब तक आप कितने लोगों को वैक्‍सीन लगा चुकी हैं? आप एक दिन में कितने लोगों को लगाती हैं?

श्रृंखला चौहान - सर, सबसे पहले तो पहले ही चरण में 16 जनवरी, 2021 को मैं कोविशील्‍ड की पहली डोज खुद लगवाई और उस दिन ड्यूटी में वैक्‍सीनेटर के रूप में 87 लोगों का वैक्‍सीनेशन किया भी।

मोदीजी – अच्‍छा! आपने जिस  दिन लगवाई, उस दिन आपने इतना काम भी किया?

श्रृंखला चौहान – यस सर।

मोदीजी – अरे वाह ! अरे इतना बड़ा, 87 लोगों को यानी कोई छोटा-मोटा नहीं है। तो वो सब आपको आर्शीवाद देते होंगे?

श्रृंखला चौहान – यस सर। सर, हमने लास्‍ट में, जो लोग उस समय ड्यूटी पर थे तो उन सारे लोगों को लगाने के बाद में हमने भी वैक्‍सीन लगवाई थी।

मोदीजी – अच्‍छा। चलिए, मेरी आपको भी बहुत शुभकामनाएं हैं। और मुझे विश्‍वास है कि आप सबकी मेहनत से बहुत ही जल्‍द एक बार आप लोग सुरक्षित हो जाएंगे तो समाज के बाकी तबकों को भी आप आराम से वैक्‍सीनेशन के काम को आगे बढ़ाएंगे। आज आप सबसे मुझे बात करने का मौका मिला। मेरे मन को संतोष हुआ कि मैं इस वैक्‍सीनेशन के काम में भी मेरे काशीवासियों से मिल सका, उनसे बात कर सका और खास करके मेडिकल फ्रेटर्निटी के लोग हैं जो सचमुच में इस काम का नेतृत्‍व कर रहे हैं, उनके दर्शन करने का मौका मिला, उनसे बात करने का मौका मिला। तो मेरे लिए भी एक सौभाग्‍य के पल हैं। मैं फिर एक बार काशीवासियों से आग्रह करूंगा कि पहले राउंड में जिनका वैक्‍सीनेशन का काम चल रहा है वे भी जल्‍दी से जल्‍दी शत-प्रतिशत कर लें और फिर हम अगले चरण में जाए ताकि बाकी नागरिकों को जो 50 से ऊपर की उम्र के हैं, उनको मौका मिल जाए और हम तेजी से, एक काशी के सेवक के नाते मैं जरूर कहूंगा कि बहुत जल्‍दी हम काशी में इस काम को पूरा करें।

मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।