प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फेलो (पीएमआरडीएफ) योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे 230 से भी ज्यादा युवाओं के साथ आज बातचीत की।
इस दौरान 11 युवा प्रतिभागियों ने सुदूर, ग्रामीण, जनजातीय और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विषयों पर किए जा रहे अपने कार्यों का संक्षिप्त विवरण पेश किया। इनमें महिला सशक्तिकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, पोषण, आजीविका, स्वच्छ भारत, एक भारत – श्रेष्ठ भारत, शासन (गवर्नेंस) में लोगों की भागीदारी जैसे विषय (थीम) शामिल हैं।
इसके पश्चात, प्रधानमंत्री के साथ एक परिचर्चा सत्र के दौरान अनेक प्रतिभागियों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास, ग्रामीण शिक्षा, जनजातीय विकास, जैविक खेती और दिव्यांगों के कल्याण जैसे विषयों पर अपने विचार साक्षा किए।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान उस पत्र का स्मरण किया, जिसे उन्होंने सभी फेलो को लिख कर ‘नरेन्द्र मोदी एप’ पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी। उन्होंने फेलो की ओर से बड़ी संख्या में प्राप्त प्रतिक्रियाओं की सराहना की और विशेष कर इस बात पर बल दिया कि इन प्रतिक्रियाओं में एक भी शिकायत शामिल नहीं थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दी गई प्रस्तुतियों के साथ-साथ उन्हें प्राप्त प्रतिक्रियाओं से ‘जनता की भागीदारी’ एक साझा थीम के रूप में उभर कर सामने आई है। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि यह बदलाव लाने के प्रयासों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू हो सकता है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने समकक्ष लोगों एवं परिवार के दबावों के बावजूद देश के ग्रामीण तथा पिछड़े क्षेत्रों में समर्पण और लगन के साथ काम करने के लिए प्रतिभागियों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने ‘एमपीआरडीएफ’ पहल को और ज्यादा बेहतर करने के लिए विशिष्ट टिप्पणियां एवं सुझाव आमंत्रित किए।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘स्क्रिप्टिंग चेंज’ नामक एक पुस्तक का विमोचन किया, जिसमेंदेश भर में ‘पीएमआरडी’ फेलो द्वारा किए जा रहे कार्यों के सार को दर्शाया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।