प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व भर के तेल और गैस क्षेत्र से जुड़े मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत की|
इस बैठक में रोसनेफ्ट, बीपी, रिलायंस, सऊदी अरामको, एक्सॉन मोबिल, रॉयल डच शेल, वेदांता, वुड मैकेंजी, ईएचएस मार्किट, स्लमबरजर, हेलीबर्टन, एक्सकोल, ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, गेल, पेट्रोनेट एलएनजी, ऑइल इंडिया, एचपीसीएल, डेलोनेक्स एनर्जी, एनआईपीएफपी, इंटरनेशनल गैस यूनियन, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे|
केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और श्री आर. के. सिंह तथा नीति आयोग, प्रधानमंत्री कार्यालय, पेट्रोलियम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे|
नीति आयोग द्वारा बैठक का समन्वय किया गया था| अपनी शुरुआती संक्षिप्त टिप्पणी में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार ने इस क्षेत्र में किए गए कार्यों पर चर्चा की| उन्होंने भारत में ऊर्जा की मांग में अनुमानित वृद्धि और विद्युतीकरण तथा एलपीजी में हुए विस्तार पर भी चर्चा की|
एक संक्षिप्त प्रस्तुति में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने भारत में तेल और गैस के क्षेत्र में हाल के विकास और चुनौतियों के बारे में चर्चा की|
अनेक भागीदारों ने पिछले 3 वर्षों में भारत की प्रगति और सुधारों की सराहना की| भागीदारों ने उस गति और अभियान की, जिसके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व सुधार किए हैं| चर्चा के अन्य विषयों में एकीकृत ऊर्जा नीति की आवश्यकता, अनुबंध कार्यक्रम और व्यवस्थाएं, सिस्मिक डाटा सेट की आवश्यकता, जैव-इंधन को बढ़ावा, गैस की आपूर्ति में सुधार, गैस कारोबार केंद्र की स्थापना और विनियामक मुद्दे शामिल हैं| कई भागीदारों ने गैस और बिजली क्षेत्र को जीएसटी कार्यक्रम में शामिल करने की जोरदार मांग की| राजस्व सचिव श्री हसमुख अधिया ने तेल और गैस क्षेत्र के बारे में जीएसटी परिषद के हाल के फैसले की चर्चा की|
अपने विचारों को साझा करने के लिए भागीदारों को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में पिछली बैठक में मिले सुझावों से नीति निर्माण में मदद मिली है| उन्होंने यह भी कहा कि कई क्षेत्रों में सुधार की संभावना अभी भी है| प्रधानमंत्री ने भागीदारों के केंद्रित सुझावों की सराहना की|
प्रधानमंत्री ने सभी भागीदारों को ठोस सुझाव साझा करने के लिए धन्यवाद दिया, जो तेल और गैस के क्षेत्र में भारत की अद्वितीय संभावना और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दिए गए हैं, न कि केवल उनके संबंधित संगठनों की चिंताओं तक सीमित है|
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के सुझावों में नीति, प्रशासनिक मामले के साथ साथ नियामक मामले भी शामिल है|
प्रधानमंत्री ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रोसनेफ्त को भारत के ऊर्जा क्षेत्र के समर्थन की उनकी प्रतिबद्धताओं के लिए धन्यवाद दिया| उन्होंने सऊदी अरब के शाह के दृष्टि पत्र 2030 की सराहना की| सऊदी अरब की अपनी यात्रा का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में वहां कई प्रगतिशील निर्णय लिए जा रहे हैं| उन्होंने निकट भविष्य में भारत और सऊदी अरब के बीच विभिन्न अवसरों की संभावना व्यक्त की|
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति में एकरूपता नहीं है| उन्होंने व्यापक ऊर्जा नीति के लिए दिए गए सुझावों का स्वागत किया| उन्होंने पूर्वोत्तर भारत में आधारभूत ऊर्जा विकसित करने और ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया| उन्होंने जैविक ऊर्जा की संभावना पर जोड़ दिया और कोयले के गैसीकरण के क्षेत्र में भागीदारों और संयुक्त उपक्रमों को आमंत्रित भी किया| उन्होंने तेल और गैस के क्षेत्र में खोज और अनुसंधान के लिए सभी संभावनाओं का स्वागत किया|
प्रधानमंत्री ने संकेत देते हुए कहा कि जैसा कि भारत एक स्वच्छ और इंधन के तौर पर अधिक सक्षम अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, उन्होंने इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के सभी हिस्से और विशेषकर निर्धनतम लोगों को इसका पूरा लाभ मिलना चाहिए|