प्रगति: प्रधानमंत्री ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से जुड़े सभी शिकायतों के निस्तारण की प्रगति और उसके समाधान की जानकारी ली
लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए कि मजदूरों को उनके उचित देय के लिए संघर्ष नहीं करना पड़े: प्रधानमंत्री
प्रगति सत्र के दौरान प्रधानमंत्री ने ई-नाम पहल की प्रगति का जायजा लिया
प्रगति: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे, रोड, ऊर्जा और प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बुनियादी परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली
तय समयसीमा के भीतर कामों को पूरा करें, जिससे अतिरिक्त लागत से बचा जा सके और उसका लाभ लोगों तक पहुंचे: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रो-एक्टिव शासन तथा कार्यक्रमों के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए आईसीटी आधारित मल्टी मॉडल प्लेटफॉर्म प्रगति के माध्यम से आज 16वें इंटरएक्शन (परस्पर संवाद) की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री ने श्रम और रोजगार मंत्रालय से संबंधित शिकायतों के समाधान और निगरानी की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की। इसमें मुख्य रूप से ईपीएफओ, ईएसआईसी और श्रम आयुक्त शामिल हैं। सचिव (श्रम विभाग) ने शिकायत निवारण प्रणाली में किए गए सुधार जैसे, दावों के ऑनलाइन हस्तांतरण की शुरूआत, इलेक्ट्रॉनिक चालान, मोबाइल ऐप एवं एसएमएस अलर्ट, यूएएन को आधार से जोड़ना, टेलीमेडिसिन की शुरुआत तथा सूची में और अधिक सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों को शामिल किए जाने का उल्लेख किया।

मजदूरों और ईपीएफओ लाभार्थियों की शिकायतों की बड़ी संख्या पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को मजदूरों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मजदूरों को उनकी वैध देय राशि प्राप्त करने के लिए संघर्ष करने की स्थिति नहीं आनी चाहिए। उन्होंने एक ऐसी प्रणाली की शुरुआत करने का अनुरोध किया जिससे सभी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति लाभों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया एक साल पहले ही शुरू हो जाए। असामयिक मौत के मामले में उन्होंने कहा कि कागजात एक निर्धारित समयावधि के भीतर पूरे कर लिए जाने चाहिए और इसके लिए अफसरों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।

ई-एनएएम पहल की प्रगति की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल 2016 में आठ राज्यों की 21 मंडियों से शुरू किया गया ई-एनएएम अब दस राज्यों की 250 मंडियों तक पहुंच चुका है। 13 राज्यों ने एपीएमसी एक्ट में संशोधन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री ने शेष राज्यों से एपीएमसी एक्ट में आवश्यक बदलावों को तेजी से पूरा करने का आग्रह किया, ताकि ई-एनएएम को पूरे देश में संभव बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसान को फायदा तभी मिल सकता है जब उसे परख और ग्रेडिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इससे देश भर के किसान अपनी फसल मंडियों में ला सकते हैं। उन्होंने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को ई-एनएएम पर अपने सुझाव देने के लिए भी आमंत्रित किया।

प्रधानमंत्री ने तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार समेत कई राज्यों में रेलवे, सड़क, बिजली और प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में चल रही महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं को समय से पूरा करने के महत्व को दोहराया ताकि योजना की लागत को बढ़ने से रोका जा सके और परियोजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंच सके, जैसी परिकल्पना मूल रूप में की गई थी। जिन परियोजनाओं की आज समीक्षा की गई उनमें हैदराबाद व सिकंदराबाद के लिए मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम का द्वितीय चरण; अंगमाली-सबरीमाला रेलवे लाइन; दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे; सिक्किम में रेनोक-पाकयोंग रोड परियोजना और पूर्वी भारत में बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पांचवें चरण की परियोजना शामिल रहीं। उत्तर प्रदेश में फूलपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई।

प्रधानमंत्री ने अटल शहरी पुनर्जीवन और परिवर्तन मिशन (अमृत) की प्रगति की भी समीक्षा की उन्होंने सभी मुख्य सचिवों से आग्रह किया कि एएमआरयूटी के तहत सभी 500 कस्बों में रहने वालों के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने हिंदी के एक शब्द ‘नगर’ का जिक्र किया जिसका अर्थ न से नल (पीने का पानी), ग से गटर (स्वच्छता) और र से रास्ता (सड़क) बताया। उन्होंने कहा कि एएमआरयूटी का फोकस नागरिक केंद्रित सुधारों पर होना चाहिए।

संबंधित मुद्दों को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे सुधार सरकार के सभी विभागों तक पहुंचने चाहिए। कारोबारी सुगमता के लिए विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के सभी मुख्य सचिवों एवं सभी सचिवों से इस रिपोर्ट का अध्ययन करने और अपने विभागों एवं राज्यों में उन संभावित क्षेत्रों का पता लगाने को कहा, जहां सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने इस संबंध में सभी संबंधित पक्षों से एक महीने के भीतर एक रिपोर्ट देने को कहा। साथ ही कैबिनेट सचिव से तत्पश्चात इसकी समीक्षा करने को कहा।

प्रधानमंत्री ने बताया कि परियोजनाओं एवं योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बजट को लगभग एक महीने पहले पेश किया जाएगा। उन्होंने सभी राज्यों से अपनी योजनाओं को इसके अनुरूप ही संरेखित करने की अपील की ताकि वे इस कदम का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।

प्रधानमंत्री ने सभी सचिवों एवं मुख्य सचिवों से अपील की कि वे यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करें कि सरदार पटेल की आने वाली जयंती के मौके पर उनके अधीन आने वाले विभागों और संगठनों में से कम से कम एक की वेबसाइट सभी आधिकारिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो।

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Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.