“पहले गुजरात में और अब राष्ट्रीय स्तर पर अपने पूरे 20 साल के कार्यकाल के दौरान पर्यावरण और सतत विकास मेरे लिए प्रमुख फोकस क्षेत्र रहे हैं”
“गरीबों तक ऊर्जा की समान पहुंच हमारी पर्यावरण नीति की आधारशिला रही है”
“भारत व्‍यापक विविधता वाला देश है और इस पारिस्थितिकी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है”
“पर्यावरणीय स्थिरता सिर्फ जलवायु न्याय के जरिए ही प्राप्त की जा सकती है”
“भारत के लोगों की ऊर्जा आवश्यकता अगले बीस वर्षों में लगभग दोगुनी हो जाने की संभावना है। इस ऊर्जा से वंचित रखना लाखों लोगों को स्वयं जीवन से ही वंचित रखने जैसा होगा”
“विकसित देशों को वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने की आवश्यकता है”
“निरंतरता हेतु पृथ्वी के साझा प्राकृतिक संसाधनों के लिए समन्वित कदम उठाने की आवश्यकता है”
‘‘ हमें हर समय हर जगह एक विश्वव्यापी ग्रिड से स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में अवश्‍य काम करना चाहिए। यह ‘संपूर्ण विश्व'’ दृष्टिकोण है जिसे भारतीय मूल्य दर्शाते हैं’’
 

इक्कीसवें विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन में आपके साथ जुड़कर मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है। पहले गुजरात में और अब राष्ट्रीय स्तर पर, अपने पूरे 20 साल के कार्यकाल के दौरान मेरे लिए पर्यावरण और सतत विकास प्रमुख फोकस क्षेत्र रहे हैं।

मित्रों, हमने लोगों को इस धरा को कमजोर कहते हुए सुना है। लेकिन यह धरा कमजोर नहीं है। बल्कि हम हैं। हम कमजोर हैं। इस धरा और प्रकृति के लिए हमारी प्रतिबद्धताएं भी कमजोर रही हैं। वर्ष 1972 में आयोजित स्टॉकहोम सम्मेलन से ही निरंतर पिछले 50 वर्षों में बहुत कुछ कहा गया है। पर इस दिशा में बहुत कम काम किया गया है। लेकिन भारत में, हमने जो कहा वह करके दिखाया है।

गरीबों तक ऊर्जा की समान पहुंच हमारी पर्यावरण नीति की आधारशिला रही है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से 90 मिलियन से अधिक परिवारों को रसोई के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराया गया है। पीएम-कुसुम योजना के तहत, हमने नवीकरणीय ऊर्जा को किसानों तक पहुंचाया है। हम किसानों को सौर पैनल स्थापित करने, इसका उपयोग करने और अधिशेष बिजली को ग्रिड को बेचने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। स्टैंडअलोन सोलर पंपों के साथ-साथ मौजूदा पंपों को सोलराइज करने के प्रयासों को बढ़ाया जा रहा है। ‘रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती’ पर फोकस से भी स्थिरता और समानता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

मित्रों, हमारी एलईडी बल्ब वितरण योजना सात वर्षों से अधिक समय से चल रही है। इससे प्रति वर्ष 220 बिलियन यूनिट से अधिक बिजली बचाने में और 180 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली है। हमने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की स्थापना की घोषणा की है। इस मिशन का लक्ष्य हरित हाइड्रोजन, जोकि हमारे भविष्य को शक्ति प्रदान करने वाली एक रोमांचक तकनीक है, का दोहन करना है। मैं टेरी जैसे अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों को हरित हाइड्रोजन की क्षमता को प्राप्त करने के लिए स्तरीय उपायों के साथ आगे आने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।

मित्रों, भारत एक अत्यधिक विविधतापूर्ण देश है। विश्व की 2.4 प्रतिशत भूमि पर, भारत में दुनिया की प्रजातियों का लगभग 8 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है। इस इकोलॉजी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। हम अपने रक्षित क्षेत्र नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं। आई.यू.सी.एन ने हमारे प्रयासों को मान्यता दी है। अपनी जैव विविधता के प्रभावी संरक्षण के लिए हरियाणा के अरावली जैव विविधता पार्क को एक ओ.ई.सी.एम स्थल घोषित किया गया है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि हाल में दो और भारतीय आर्द्रभूमि को रामसर स्थलों के रूप में मान्यता मिली है। भारत में अब 49 रामसर स्थल हैं, जोकि 1 मिलियन हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले हुए हैं। निरंतर अनुपजाऊ होती जा रही भूमि को फिर से उपजाऊ बनाना हमारे मुख्य फोकस क्षेत्रों में से एक है। वर्ष 2015 से अब तक हमने 11.5 मिलियन हेक्टेयर से अधिक भूमि को फिर से उपजाऊ बनाया है। हम ‘बॉन चैलेंज’ के तहत भूमि क्षरण तटस्थता की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को प्राप्त करने के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। हम यू.एन.एफ.सी.सी.सी के तहत की गयी अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में दृढ़ विश्वास रखते हैं। हमने ग्लासगो में सीओपी-26 के दौरान भी अपनी महत्वाकांक्षाओं को दुनिया के सामने रखा है।

मित्रों, मेरा यह दृढ़ विश्वास है और मुझे यकीन है कि आप भी इस बात से सहमत होंगे कि पर्यावरणीय स्थिरता केवल जलवायु न्याय के जरिए ही प्राप्त की जा सकती है। भारत के लोगों की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताएं अगले बीस वर्षों में लगभग दोगुनी हो जाने की संभावना है। इस ऊर्जा से वंचित रखना लाखों को स्वयं जीवन से ही वंचित रखने जैसा होगा। सफल जलवायु कार्यों के लिए भी पर्याप्त वित्तपोषण की आवश्यकता होती है। इसके लिए विकसित देशों को वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की आवश्यकता है।

मित्रों, स्थिरता के लिए वैश्विक सामान्य स्थिति के लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है। हमारे प्रयासों ने एक दूसरे पर इस निर्भरता को मान्यता दी है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से हमारा लक्ष्य ‘‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’’ है। हमें हर समय हर जगह विश्वव्यापी ग्रिड से स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए। यही भारत के मूल्यों के अनुरूप ‘‘संपूर्ण विश्व’’ का दृष्टिकोण है।

मित्रों, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सी.डी.आर.आई.) का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से लगातार ग्रस्त रहने वाले क्षेत्रों में मजबूत बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। सीओपी-26 की पृष्ठभूमि में, हमने ‘‘लचीले द्वीपीय राज्यों के लिए बुनियादी ढांचा’’ नाम की एक पहल की शुरुआत भी की है। द्वीप विकासशील राज्य सबसे कमजोर हैं और इसलिए उन्हें तत्काल सुरक्षा की आवश्यकता है।

मित्रों, इन दो पहलों के साथ अब हमने लाइफ- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट - को जोड़ा है। लाइफ का संबंध हमारी धरा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जीवनशैली संबंधी विकल्प उपलब्ध कराने से है। लाइफ, दुनिया भर में समान विचारधारा वाले लोगों का एक गठबंधन होगा जो स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देगा। मैं उन्हें 3पी कहता हूं - प्रो प्लैनेट पीपल। प्रो प्लैनेट पीपल (3-पी) का यह वैश्विक आंदोलन लाइफ के लिए गठबंधन है। ये वैश्विक गठबंधन वैश्विक सामान्य स्थिति में सुधार के लिए हमारे पर्यावरण संबंधी प्रयासों की नींव तैयार करेंगे।

मित्रों, हमारी परंपराएं और संस्कृति मेरी प्रेरणा के स्रोत हैं। वर्ष 2021 में, मैंने इस बारे में चर्चा की थी कि कैसे लोगों और इस धरा का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है। भारतीय हमेशा से प्रकृति के साथ सद्भाव में रहे हैं। हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज, दैनिक प्रथाएं और विभिन्न फसल उत्सव प्रकृति के साथ हमारे मजबूत बंधन को दर्शाते हैं। रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल, रिकवर, री-डिजाइन और री-मैन्युफैक्चरिंग भारत के सांस्कृतिक लोकाचार का हिस्सा रहा है। जैसा कि हमने हमेशा किया है, भारत जलवायु अनुकूल नीतियों और प्रथाओं के लिए कार्य करना जारी रखेगा।

इन्हीं शब्दों के साथ, और इस पवित्र संकल्प के साथ, मैं टेरी और इस शिखर सम्मेलन में शामिल दुनिया भर के सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद!

आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद!

 

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.