प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज 2015 के बाद का विकास एजेंडा अपनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने वित्तीय समावेशन, व्यक्तिगत उद्यम और अक्षय ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सरकार द्वारा विकास के लिए की गई विभिन्न पहल को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ‘जलवायु के साथ न्याय’ की हमारी सोच प्राकृतिक आपदाओं से गरीबों की रक्षा करने के हमारे संकल्प को प्रदर्शित करने में हमें सक्षम बनाती है।
प्रधानमंत्री ने विश्व बैंक के अध्यक्ष श्री जिम योंग किम से मुलाकात की जिन्होंने प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत की पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व के फलस्वरूप भारत के प्रति विश्व की सोच में सकारात्मक बदलाव आया है। प्रधानमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा, गंगा की सफाई और शौचालयों के निर्माण के क्षेत्र में अपनी सरकार की प्रतिबद्धताओं का उल्लेख किया। विश्व बैंक की शासन संरचना पर हुई चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संरचना में भारत का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से मुलाकात की। दोनों के बीच संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर चर्चा हुई। जलवायु परिवर्तन के विषय पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में विकसित और विकासशील देशों के बीच विश्वास की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी देशों को सकारात्मक लक्ष्यों पर ध्यान देना चाहिए न कि सिर्फ उत्सर्जन को कम करने पर।
प्रधानमंत्री ने जॉर्डन के राजा शाह अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन से मुलाकात की। दोनों के बीच आईएसआईएस से उत्पन्न खतरे और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने मिस्र के राष्ट्रपति श्री अब्देल फतह अल-सिसि से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद और कट्टरता का मुकाबला करने के लिए जवाबी उपायों पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री ने सेंट लूसिया के प्रधानमंत्री श्री केनी डेविस एंथोनी से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर 2015 को न्यूयॉर्क शहर में भूटान के प्रधानमंत्री श्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात की। श्री तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में पोस्ट-2015 विकास एजेंडा अपनाने के लिए श्री मोदी के बयान को "दूरदर्शी" बताते हुए प्रधानमंत्री को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने भूटान में पनबिजली परियोजनाओं में हो रही प्रगति की सराहना की। श्री तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए भूटान के समर्थन को दोहराया।
प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात की। उन्होंने इस वर्ष श्रीलंका में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए दो चुनावों के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति को बधाई देते हुए कहा कि यह आपके देश में लोकतंत्र की परंपराओं की गहरी जड़ों को दर्शाता है। मुलाकात के दौरान मेल-मिलाप प्रक्रिया और श्रीलंका में विभिन्न परियोजनाओं में भारतीय निवेश के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।
प्रधानमंत्री ने स्वीडन के प्रधानमंत्री श्री स्टीफन लोफवेन से भी मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी की अभी हाल में हुई स्वीडन की महत्वपूर्ण और उपयोगी यात्रा पर संतोष व्यक्त किया गया। भारत ने स्वीडन को ‘मेक इन इंडिया’ सहित विभिन्न पहल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री ने साइप्रस के राष्ट्रपति श्री निकोस एनस्टेसिएडेस से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने साइप्रस के साथ लंबे समय से चल रहे मैत्रीपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि यद्यपि दोनों देश प्राकृतिक रूप से एक-दूसरे से दूर हैं लेकिन वे भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के बहुत नजदीक हैं। साइप्रस के राष्ट्रपति ने भारत को साइप्रस के गहन मित्रों में से एक बताया।
PM @narendramodi met members of the Indian community in New York. pic.twitter.com/mjOp6FreaZ
— PMO India (@PMOIndia) September 26, 2015