प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर 2015 को आयरलैंड का दौरा कर वहां आयरलैंड के प्रधानमंत्री श्री एंडा केनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
डबलिन हवाई अड्डे पहुंचने पर आयरलैंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री लिओ वरडकर ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगवानी की।
इसके बाद डबलिन स्थित सरकारी भवन में पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का आयरलैंड के प्रधानमंत्री श्री एंडा केनी ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने आयरलैंड के दो अधिकारियों थॉमस ओल्डहम और सर जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन के भारत में योगदान संबंधी लेख और पाण्डुलिपियों की प्रतिकृति आयरलैंड के प्रधानमंत्री श्री केनी को उपहारस्वरूप दी।
आयरलैंड के प्रधानमंत्री ने श्री मोदी को आयरलैंड क्रिकेट टीम की जर्सी और एक “हर्लिंग किट” उपहार के रूप में दिया। हर्लिंग आयरलैंड के प्रमुख खेलों में से एक है। श्री मोदी ने आयरलैंड के प्रधानमंत्री कार्यालय की आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर भी किए।
औपचारिक मध्यान्ह भोज के दौरान, आरंभिक वक्तव्य में दोनों नेताओं ने इस बात का जिक्र किया कि भारतीय प्रधानमंत्री करीब 60 साल बाद आयरलैंड की यात्रा कर रहे हैं। इस दौरान मोदी ने दोनों देशों के बीच साझा किए गए मूल्यों का उल्लेख किया। उन्होंने रबींद्रनाथ टैगोर और डब्ल्यू.बी. यीट्स की दोस्ती की भी चर्चा की।
श्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी और सहयोग को मज़बूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आतंकवाद, कट्टरता सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों और यूरोप एवं एशिया की परिस्थितियों के बारे में दोनों तरफ से व्यापक स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री ने तय समयसीमा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में सुधारों के लिए आयरलैंड से समर्थन की मांग की। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और अन्य अंतर्राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत की सदस्यता के लिए भी आयरलैंड से समर्थन देने की मांग की।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने आयरलैंड में बसे भारतीय समुदाय से मुलाकात की। आयरलैंड में संस्कृति की शिक्षा देने वाले वहां के एक स्थानीय स्कूल, जॉन स्कॉटिश स्कूल में पढ़ने वाले 20 आयरलैंड के छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में संस्कृत के श्लोकों का गान किया। प्रधानमंत्री ने इन छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के साथ-साथ संस्कृत के श्लोंको का गान करने वाले छात्रों की भी तहे दिल से प्रशंसा करते हुए अपने भाव व्यक्त किए।
प्रधानमंत्री ने भारत और आयरलैंड के बीच व्यापक साझा मूल्य और समान विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें विशेष रूप से स्वतंत्रता के लिए संग्राम शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत 2016 में आयरलैंड के स्वतंत्रता संग्राम की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का हिस्सा होगा।
प्रधानमंत्री ने भारत में तेजी से हो रहे बदलावों के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत, दुनियाभर में सबसे तेजी से उभरने और विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है। उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि, बहुत पुरानी बात नहीं है, जब ब्रिक्स देशों के समूह में “आई यानी इंडिया” थोड़ा अस्थिर था, लेकिन अब यह ब्रिक्स का मज़बूत तत्व है।
उन्होंने वैश्विक स्तर पर योग्यता को स्वीकार किए जाने और संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के बारे में भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यदि भारत मज़बूत होगा, तो दुनिया हमारी ओर देखेगी। हमारी ओर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि दुनिया को पहले ही इस बात का आभास हो चुका है कि 21वीं सदी पूर्ण रूप से एशियाई देशों की सदी होगी, जिसमें एशियाई देशों का ही बोलबाला होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की वर्तमान विकास दर यदि आने वाले 30 सालों तक ऐसे ही बनी रही, तो देश से गरीबी को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में करीब 65 फीसदी लोग 35 वर्ष की आयु से कम हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि दुनिया का सबसे युवा देश, विकास की गति को बनाए रखने और गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होगा।