प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिजली, कोयला,आवास,बंदरगाह और डिजिटल इंडिया जैसे मुख्य बुनियादी सेक्टर में हुई प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री को बताया गया कि जिन गांवों का बिजलीकरण नहीं हो पाया था उन गांवों में तेजी से बिजली पहुंचाई जा रही है। बचे हुए 18,500 गांवों में से अब तक 6000 गांवों का बिजलीकरण कर दिया गया है। प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि गांवों के बिजलीकरण करने के काम पर परिष्कृत तकनीक की सहायता से नजर रखी जा रही है। इन परिष्कृत तकनीक में जियो टैंगिंग जैसी प्रणाली शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों के दूर दराज वाले क्षेत्र के गांवों के लिए सौर ऊर्जा जैसे ऑफ ग्रिड उपाय किए जा रह हैं। पूरे देश में एलईडी बल्बों के वितरण की प्रगति की भी समीक्षा की गई है।
प्रधानमंत्री को बताया गया है कि 2022 तक 175 गिगा वॉट(जीडब्ल्यू) अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। अब तक कुल 39.5 जीडब्ल्यू अक्षय ऊर्जा स्थापित हो चुकी है। इस साल कोल इंडिया अपने उत्पादन में 9.2 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। पिछले पांच वर्षों के दौरान कोल इंडिया की यह दर तीन प्रतिशत थी।
प्रधानमंत्री ने सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराने में तेजी लाने का आह्वान किया। उन्होंने देश भर में महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में वाई- फाई कनेक्शन देने की प्रगति के बारे में जानकारी मांगी। उन्हें बताया गया कि अब तक ऐसे 12 स्थलों पर सार्वजनिक वाई -फाई कनेक्टिविटी दे दी गई है।
एलडब्ल्यूई प्रभावित क्षेत्रों वाले गांवों में मोबाइल कनेक्शन देने में प्राप्त उपलब्धि के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई। ऐसे इलाकों में 1371 टावर लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने सभी के लिए आवास योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस योजना को आधुनिक तकनीक और स्थानीय निर्माण सामग्री की मदद से तेजी से लागू करने के निर्देश दिए। बंदरगाह सेक्टर की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को बड़े बंदरगाहों पर औसत पोत वापसी समय में अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए सुधार लाने पर अधिकारियों को तत्काल काम करने निर्देश दिए। इस दौरान सीमा के अनुपालन के लिए समय-सीमा में भारी कमी और देश भर के तटीय शिपिंग को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की गई।