प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के कामकाज की समीक्षा की और कोष के प्रबंधन को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलावों का सुझाव दिया।
गुजरात मॉडल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि लाभ पाने वालों का चुनाव व्यापक, वैज्ञानिक और मानवीय आधार पर किया जाना चाहिये। बच्चों, गरीबों और सरकारी अस्पतालों के मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। प्रधानमंत्री ने कहा कि जानलेवा रोगों को प्राथमिकता देते हुए ऐसे मामलों का निपटारा उनके महत्व और जरूरत के मुताबिक किया जाना चाहिए।
श्री नरेन्द्र मोदी ने सहायता के लिए आई अपीलों की सुनवाई में लगने वाले समय को कम करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को चुनने के लिए होने वाले ड्रॉ इस तरह होने चाहिए जिससे कि सहायता पाने के सही हकदारों के मामले छूट न जाएं। यह तय किया गया कि राहत कोषों से सहायता या लाभ पाने वाले ऐसे सभी लोगों को प्रधानमंत्री की ओर से एक पत्र भेजा जाए। जिन लोगों की सहायता पाने की अपील को मंजूरी मिल गई हो, उन्हें एसएमएस के जरिये सूचना दी जाएगी।
इस मौके पर श्री मोदी ने प्रधानमंत्री विवेकाधीन कोष, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय रक्षा कोष, प्रधानमंत्री छात्र सहायता कोष और प्रधानमंत्री लोककला कोष जैसे प्रधानमंत्री के अन्य कोषों के कामकाज की समीक्षा भी की।
इस बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव श्री नृपेंद्र मिश्रा के अलावा अपर प्रमुख सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।