प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा के मुख्‍यमंत्री श्री नवीन पटनायक के साथ राज्य में सूखे और पानी की कमी की स्थिति पर चर्चा की
ओडिशा ने सभी 30 जिलों के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत आवश्‍यक जिला सिंचाई योजनाएं पूरी कर ली हैं
ओडिशा को एनडीआरएफ के तहत 600.52 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायी गई
ओडिशा को एनडीआरएफ के तहत केन्‍द्रीय हिस्‍से के रूप में 560.25 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त उपलब्ध करायी गई है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने ओडिशा के कई भागों में सूखा एवं जल की कमी की स्थिति पर एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक की अध्‍यक्षता की। बैठक में ओडिशा के मुख्‍यमंत्री श्री नवीन पटनायक उपस्थित थे। बैठक में भारत सरकार एवं ओडिशा राज्‍य के वरिष्‍ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

राज्‍य की बकाया राशि के समायोजन के बाद राष्‍ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) के तहत राज्‍य को 600.52 करोड़ रुपये की एक राशि जारी कर दी गई है। यह राज्‍य को 2015-16 के लिए राज्‍य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के केन्‍द्रीय हिस्‍से के रूप में जारी 560.25 करोड़ रुपये के अतिरिक्‍त है। इसके अतिरिक्‍त, 2016-17 के लिए एसडीआरएफ की पहली किस्‍त के रूप में 294.375 करोड़ रुपये की एक और राशि जारी कर दी गई है।

जल संरक्षण प्रयासों के एक हिस्‍से के रूप में राज्‍य सरकार ने 25000 कृषि तालाबों, 7000 चैक बांधों, 4000 डाइवर्जन मेड़ों, 4000 अंत:स्रवण झीलों, 400 जल संचयन संरचनाओं एवं 350 सामुदायिक झीलों का निर्माण किया है।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि ओडिशा ने सभी 30 जिलों के लिए जिला सिंचाई योजनाएं पूरी कर ली हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसआई) के तहत आवश्‍यक हैं। उन्‍होंने त्‍वरित गति से योजनाओं के क्रियान्‍वयन के प्रति राज्‍य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

बैठक में अन्‍य कृषि योजनाओं, पाइप द्वारा जलापूर्ति एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग के विस्‍तार की सुविधाओं की प्रगति पर भी चर्चा की गई।

बैठक केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार द्वारा एक साथ मिलकर काम करने के संकल्‍प के साथ समपन्‍न हुई।

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प्रधानमंत्री ने 45वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि जनता भी परियोजना के अपेक्षित लाभों से वंचित हो जाती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान प्रभावित परिवारों के समय पर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की समीक्षा की और राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री ने उन शहरों में अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां मेट्रो परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं या पाइपलाइन में हैं ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं महत्वपूर्ण सीखों को समझा जा सके
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।