प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार शाम को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रामीण बुनियादी ढांचा और संपर्क क्षेत्रों की प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से देश के उन सभी गांवों में जहां बिजली नहीं है, उनमें 1000 दिन के भीतर बिजली उपलब्ध कराने की तैयारियों की विस्तृत जानकारी मांगी है, जैसा कि उन्होंने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा था। उन्होंने संबंधित विभाग को वास्तविक समय-सीमा के आधार पर इस लक्ष्य को हासिल करने की प्रगति की निगरानी का निर्देश दिया है।
प्रधानमंत्री को देश भर में मोबाइल कनेक्टिविटी की स्थिति के बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दूर-दराज के क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए रेलवे और अन्य कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सहित मौजूदा संसाधनों का लाभ उठाने की संभावनाओं को तलाशें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का लक्ष्य डिजिटल इंडिया पहल के लक्ष्य के साथ-साथ हासिल किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर आम लोगों को प्रभावित करने वाले ‘कॉल ड्रॉप्स’ की समस्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से पूछा कि इसके समाधान के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि इस समस्या के समाधान के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में वॉयस कनेक्टिविटी में समस्या डाटा कनेक्टिविटी तक नहीं पहुंचे।
प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा संबंधित परियोजनाओं विशेष रूप से रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों के संबंध में प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि रेलवे विश्वविद्यालय स्थापित करने के कार्य को तेजी से किया जाए। उन्होंने नेपाल, भूटान और बंगलादेश से सड़क संपर्क को प्राथमिकता देने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए पर्याप्त राशि प्रदान की गई है और अब संबंधित मंत्रालयों का यह दायित्व है कि वह सुनिश्चित करें कि इस राशि से उचित परिणाम सामने आए।
इस बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविंद पानगढ़िया उपस्थित थे। प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग और संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।