प्रधानमंत्री मोदी ने आज भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाली वीरांगनाओं और वीरों को याद किया। एक वीडियो संदेश साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के समय, मंत्र था ‘करेगे या मरेंगे’, लेकिन अब जब हम स्वतंत्रता के 75 साल मनाने वाले हैं, तो हमारा संकल्प ‘करेंगे और कर के करेंगे’ होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन पर लिखी गई एक कविता भी साझा की जिसे 1946 में श्री मदन मोहन मालवीय जी के अख़बार ‘अभ्युदय’ में प्रकाशित किया गया था।
उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत द्वारा दायर की गई एक रिपोर्ट के कुछ पेज साझा किए जिससे यह पता चलता है कि भारत छोड़ो आंदोलन के माध्यम से बापू ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिलाकर रख दी थी और स्वतंत्रता की दिशा में अपनी यात्रा तेज कर दी थी।
भारत छोड़ो आंदोलन और व्यापक पैमाने पर इसमें भागीदारी के प्रसार को इंगित करते हुए एक और आधिकारिक रिपोर्ट साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी के आव्हान ने पूरे देश को प्रेरित करने का काम किया था।
Remembering the great women and men who took part in the Quit India Movement. pic.twitter.com/S0PcuR5iLj
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2018
Thanks to the National Archives, I found some fascinating nuggets of history relating to the Quit India Movement.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2018
Here is a poem on Quit India by Atal Ji. This was published in 1946 in 'Abhyudaya' a newspaper associated with Shri Madan Mohan Malaviya Ji. pic.twitter.com/YXhOkWMiuT
“It does not read well.”
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2018
Pages from a report filed by the colonial administrators show how through the Quit India Movement, Bapu shook the foundations of colonial rule and accelerated our journey towards freedom. pic.twitter.com/mIfRqiElAb
Mahatma Gandhi’s clarion call galvanised the nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2018
Here is another official report indicating the spread of the Quit India movement and the wide-scale participation. pic.twitter.com/bmUOyaHhA4