प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अंडर-17 फीफा विश्व कप की मेजबानी की तैयारी में जुटा है और फुटबॉल के क्षेत्र में भारत का शानदार इतिहास रहा है। एक समय में यह देश भर में एक प्रमुख खेल था। उन्होंने डाक विभाग से भारतीय फुटबॉल के इतिहास पर एक वेबसाईट भी तैयार करने के लिए कहा।
बच्चों के बीच खेल के प्रति लगाव बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री महोदय ने कहा- ” जो खेले, वो ही खिले” । खेल बच्चों के सर्वांगीण विकास में मददगार है। ‘खेल भावना’ की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्व के अनगिनत खिलाड़ियों के जोश और उत्साह की याद दिलाई और इसके परिणामस्वरूप इस पद को व्यापक स्वीकार्यता मिली। यदि कोई खेल नहीं होता तो समाज में ‘खेल भावना’कैसे होती। उन्होंने कहा कि ‘खेल भावना’समाज के उत्साह को बढ़ाता है, जो संमृद्धि के लिए जरूरी है।
इस कार्यक्रम में के. मल्लेश्वरी, राज्यवर्धन सिंह राठौर, सुनील छेत्री, सुशील कुमार, अजीत पाल सिंह, चुन्नी गोस्वामी, सुब्रत भट्टाचार्य और कीर्ति आजाद सहित खेल के क्षेत्र की अनेक प्रख्यात हस्तियों ने भाग लिया। इस अवसर पर अखिल भारतीय फुटबॉल संघ के अध्यक्ष श्री प्रफुल्ल पटेल और श्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद और युवा कार्य और खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी लोगों को संबोधित किया।