प्रधानमंत्री ने नव शैपल में प्रथम विश्‍व युद्ध स्‍मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की, यह स्‍मारक प्रथम विश्‍व युद्ध के दौरान फ्रांस और बेल्जियम में हुई लड़ाइयों में प्राण न्‍यौछावर करने वाले करीब 4700 भारतीय सैनिकों के सम्‍मान में बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने स्‍मारक पर आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘’विश्‍वयुद्ध के दौरान विदेशी धरती पर लड़ने वाले हमारे सैनिकों ने अपने समर्पण, वफादारी, साहस और बलिदान के बल पर दुनिया भर से सराहना प्राप्‍त की। मैं उन्‍हें सलाम करता हूं’’

उन्‍होंने नव शैपल में स्‍मारक के बाहर एकत्र भारतीय मूल के युवाओं से भी मुलाकात की। उन्‍होंने युवाओं से अनुरोध किया कि वे उनके साथ ‘शहीदों अमर रहो’ का नारा लगाएं।

FRAday2-ww1m-68424 FRAday2-ww1m-68420 FRAday2-ww1m-68423 FRAday2-ww1m-68418 FRAday2-ww1m-68422 FRAday2-ww1m-68426

FRAday2-ww1m-68430 FRAday2-ww1m-68428 FRAday2-ww1m-68429 FRAday2-ww1m-68415 FRAday2-ww1m-68411

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India's Economic Growth Activity at 8-Month High in October, Festive Season Key Indicator

Media Coverage

India's Economic Growth Activity at 8-Month High in October, Festive Season Key Indicator
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने डॉ. हरेकृष्ण महताब को उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की
November 22, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज डॉ. हरेकृष्ण महताब जी को एक महान व्यक्तित्व के रूप में स्‍मरण करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की स्‍वतंत्रता और प्रत्येक भारतीय के लिए सम्मान और समानता का जीवन सुनिश्चित करने के लिए अपना सम्‍पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, श्री मोदी ने डॉ. महताब के आदर्शों को पूर्ण करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

राष्ट्रपति की एक एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा:

"डॉ. हरेकृष्ण महताब जी एक महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने और हर भारतीय के लिए सम्मान और समानता का जीवन सुनिश्चित करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। ओडिशा के विकास में उनका योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। वे एक प्रबुद्ध विचारक और बुद्धिजीवी भी थे। मैं उनकी 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके आदर्शों को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।"